राजीव गांधी हत्याकांड पर ‘सुप्रीम’ फैसला, दोषी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश

पहले ही मृत्युदंड को उम्रकैद में बदल चुका है सुप्रीम कोर्ट

  • 31 साल से बंद है जेल में, 6 अन्य दोषियों की भी बढ़ी उम्मीद
    दया याचिका पर सुनवाई नहीं होने पर पेरारिवलन पहुंचा था शीर्ष अदालत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने आज रिहा करने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने उम्रकैद की सजा काट रहे पेरारिवलन की समय पूर्व रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इस फैसले के बाद नलिनी श्रीहरन, मरुगन, एक श्रीलंकाई नागरिक सहित मामले में छह अन्य दोषियों की रिहाई की उम्मीद भी बढ़ गयी है।
पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि तमिलनाडु सरकार ने उसे रिहा करने का फैसला लिया था लेकिन राज्यपाल ने फाइल को काफी समय तक अपने पास रखने के बाद राष्ट्रपति को भेज दिया था। यह संविधान के खिलाफ है। 11 मई को हुई सुनवाई में केंद्र ने पेरारिवलन की दया याचिका राष्टï्रपति को भेजने के तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया था। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ को बताया था कि केंद्रीय कानून के तहत दोषी ठहराए गए शख्स की सजा में छूट, माफी और दया याचिका के संबंध में याचिका पर केवल राष्ट्रपति ही फैसला कर सकते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि अगर इस दलील को स्वीकार कर लिया जाता है तो राज्यपालों की ओर से दी गई अब तक की छूट अमान्य हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर राज्यपाल पेरारिवलन के मुद्दे पर राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश को मानने को तैयार नहीं हैं तो उन्हें फाइल को पुनर्विचार के लिए वापस मंत्रिमंडल में भेज देना चाहिए था। गौरतलब है कि राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था। सभी दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया था। पेरारिवलन हत्याकांड के समय 19 साल का था। वह 31 सालों से जेल में बंद है।

21 मई 1991 को हुई थी पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या

21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्या हुई थी और 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया था। पेरारिवलन घटना के समय 19 साल का था।

जयललिता सरकार ने की थी रिहाई की सिफारिश

2016 और 2018 में जे. जयललिता और एके पलानीसामी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी मगर बाद के राज्यपालों ने इसका पालन नहीं किया और अंत में इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया। लंबे समय तक दया याचिका पर फैसला नहीं होने की वजह से दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

 

गुजरात विधान सभा चुनाव से पहले हार्दिक ने झटका कांग्रेस का ‘हाथ’

  • पार्टी से दिया इस्तीफा सोनिया को लिखा पत्र राहुल पर साधा निशाना
  • कहा, मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं शीर्ष नेतृत्व

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अहमदाबाद। गुजरात में विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। बड़े पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा है। हार्दिक ने कहा कि जब देश संकट में था, कांग्रेस को नेतृत्व की जरूरत थी तब हमारे नेता विदेश में थे।
पत्र में हार्दिक पटेल ने कहा, अयोध्या में प्रभु राम का मंदिर हो, नागरिकता कानून का मुद्दा हो, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना हो या जीएसटी लागू करने का फैसला, देश इनका समाधान चाहता था, लेकिन कांग्रेस इसमें सिर्फ बाधा बनने का काम करती रही। वह मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है। आज मैं बड़ी हिम्मत से पार्टी और पद से इस्तीफा देता रहा हूं। मुझे विश्वास है कि इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी।

 

ज्ञानवापी मामले पर बसपा प्रमुख मायावती का बड़ा हमला

धार्मिक स्थलों को चुन-चुनकर निशाना बना रही भाजपा, बिगड़ सकते हैं हालात

  • महंगाई, बेरोजगारी से जनता का ध्यान भटकाने की हो रही है कोशिश
  • साजिशन भडक़ायी जा रही लोगों की धार्मिक भावनाएं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे को लेकर आज बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा चुन-चुनकर धार्मिक स्थलों को निशाना बना रही है। इससे देश का माहौल बिगड़ सकता है।
मायावती ने कहा कि देश में निरंतर बढ़ रही गरीबी, बेरोजगारी व आसमान छू रही महंगाई आदि से त्रस्त जनता का ध्यान बांटने के लिए भाजपा व इनके सहयोगी संगठन चुन-चुनकर व खासकर यहां के धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहे हैं। इससे यहां कभी भी हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बरसों बाद ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल व अन्य और स्कूलों के मामलों की भी आड़ में जिस प्रकार से षड्यंत्र के तहत लोगों की धार्मिक भावनाओं को भडक़ाया जा रहा है इससे देश मजबूत नहीं बल्कि कमजोर ही होगा।

Related Articles

Back to top button