चुनाव आयोग का मजाक बना रही सरकार: सुरजेवाला

आयोग की नियुक्तियों से जुड़ा विधेयक पेश करने पर विपक्ष का हंगामा, भाजपा पर चौतरफा हमला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग में नियुक्तियों से जुड़ा विधेयक पेश कर सरकार लोकतंत्र का मजाक बना रही है। सुप्रीमकोर्ट के आदेश का जिक्रकरते हुए विपक्षी दलों ने तर्क दिया कि राज्यसभा में पेश किया गया विधेयक सर्वोच्च न्यायालय के उस निर्देश के खिलाफ है, जिसमें प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) और संसद में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) का पैनल बनाने की बात कही गई।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल पारित एक अहम आदेश में मुख्य चुनाव आयुक्त और राज्य में आयोग के अधिकारियों की नियुक्ति के दौरान तीन सदस्यीय पैनल बनाने का निर्देश दिया था।
संसद में शीतकालीन सत्र के दूसरे हफ्ते में पेश किया गए इस विधेयक को विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप भी बताया। विपक्षी दलों का कहना है कि इससे आयोग की स्वायत्तता से समझौता होगा। सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए विपक्षी दलों ने कहा, इस विधेयक को कानूनी अमलीजामा पहनाने पर देश के सर्वोच्च चुनाव अधिकारियों के रूप में ऐसे लोगों की नियुक्तियां होंगी जो जी-हुजूरी करते हैं। ऐसा होने पर आयोग की स्वतंत्रता कुचल दी जाएगी। दरअसल, सरकार की तरफ से पेश नए विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बनाए जाने वाले चयन पैनल में चीफ जस्टिस (सीजेआई) की जगह कैबिनेट मंत्री को शामिल किया जाए। विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए, कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता खत्म हो जाएगी। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए विधेयक के कानून बनने के बाद सामने आने वाले विनाशकारी नतीजों के प्रति आगाह भी किया। उन्होंने कहा, संविधान निर्माता चाहते थे कि भारत की चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष, स्वतंत्र और सरकारी हस्तक्षेप के बिना हो। संसद लोकतंत्र का स्रोत है। इसे लोकतंत्र के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।

विपक्ष के साथ चुनाव आयोग को भी खत्म करने की साजिश : टैगोर

लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बुधवार को विधेयक पारित कराने पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे विधेयकों का पारित होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मणिकम टैगोर ने विपक्षी दलों के गठबंधन- के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी की तरफ से कड़ा विरोध करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लोकसभा में भी इस विधेयक का पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा, हम इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट विचार रखते हैं कि चुनाव आयोग की स्वतंत्रता बरकरार रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ष्टश्वष्ट से जुड़ा विधेयक भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की दृष्टि से बहुत परेशान करने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चुनाव आयोग पर हमले कर रही है।

आप व द्रमुक ने भी साधा निशाना

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए प्रस्तावित नई चयन समिति में नियंत्रण और संतुलन का ध्यान नहीं रखा गया है। सरकार ने इसका पूरा नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है। चीफ जस्टिस की जगह कैबिनेट मंत्री को नियुक्त करने से चयन समिति में सरकार के पास दो वोट होंगे। पैनल के पास 2:1 के बहुमत से सभी फैसले लेने का अधिकार होगा। अब जी-हुजूरी करने या पार्टी के किसी आदमी को भी चुनाव आयुक्त बनाया जा सकता है। आप की तरफ से बिल का विरोध करते हुए राघव ने विधेयक को लोकतंत्र का मखौल करार दिया। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी- द्रमुक के सांसद टी शिवा ने भी विधेयक का विरोध किया। उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक, अनुचित और अस्वीकार्य बताया। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी- तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रे ने कहा, विधेयक में कई अनुचित प्रावधान हैं। यह बिल सरकारी मनमानी का प्रमाण है।

आयोग की कार्यप्रणाली पर कोई असर नहीं

चर्चा के जवाब में सरकार ने विपक्ष के तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सरकार ने कहा, चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहेगी। कानून मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा विधेयक इसलिए लाया गया है क्योंकि 32 साल पहले, 1991 में बनाए गए कानून में एक बड़ी खामी थी। सरकार की दलील है कि पुराने कानून में शीर्ष चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति को विनियमित करने के प्रावधान नहीं थे।

धनखड़ व प्रियंका चतुर्वेदी में मीठी बहस

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में संसदीय कार्यवाही हमेशा सुर्खियों में रहती है। वैसे तो लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच राजनीतिक तकरार होती ही रहती है लेकिन कभी-कभार संसद में ऐसे भी पल आते हैं जब दोनों पक्षों के बीच मजाकिया माहौल बन जाता है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार (12 दिसंबर) को उच्च सदन राज्यसभा में ऐसा ही एक मौका आया जब शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के साथ राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ मजाकिया अंदाज में नजर आए।
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक पर चर्चा के दौरान यह नजारा देखने को मिला। राज्यसभा में जब मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक 2023 पर चर्चा चल रही थी। प्रियंका चतुर्वेदी को बोलने के लिए 2 मिनट का वक्त दिया गया। जब वह बोलने के लिए खड़ी हुईं तो मुस्कुराते हुए कहा,कि सभापति जी मैं इतनी लंबी स्पीच बनाकर आती हूं और केवल 2 मिनट में सबकुछ बर्बाद हो जाता है सर।

फर्जी मामले लगा रही ईडी: कार्ति

जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए कांग्रेस नेता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। कांग्रेस के नेता एवं सांसद कार्ति चिदंबरम 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश नहीं हुए और उन्होंने इस मामले को ‘‘सबसे फर्जी’’ करार दिया।तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से 52 वर्षीय सांसद को केंद्रीय एजेंसी ने इस सप्ताह यहां अपने कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था। उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच के सिलसिले में अपने बयान दर्ज कराने थे।
माना जा रहा है कि सांसद ने प्रवर्तन निदेशालय को सूचित किया है कि वह संसद का सत्र चलने के कारण व्यस्त हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीई) की प्राथमिकी के अनुसार, वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी ने कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन को रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये दिए थे। प्रवर्तन निदेशालय का 2022 का यह मामला इन्हीं आरोपों से जुड़ा है। कार्ति ने कहा कि यह ‘‘सबसे फर्जी’’ मामला है और उनके कानूनी सलाहकारों का दल इस संबंध में आगे कदम उठाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझ पर थोपे गए मामलों की तीन श्रेणियां हैं-फर्जी, अधिक फर्जी और सबसे फर्जी। यह तीसरी श्रेणी है। इससे मेरे वकील निपटेंगे।’’ सीबीआई ने पिछले साल चिदंबरम परिवार के परिसरों पर छापा मारा था और भास्कररमन को गिरफ्तार किया था, जबकि कार्ति से पूछताछ की गई थी।

मंदिर परिसर में फैला सीवर का पानी

श्रद्धालु नहीं कर पा रहे पूजा अधिकारी व सभासद मौन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। पूरे प्रदेश में योगी सरकार मंदिरों का कायाकल्प करने में जुटी है पर राजधानी लखनऊ का एक पुराना मंदिर सीवर के गंदे पानी से डूबा हुआ है। जिम्मेदार लोगों के कान पर जूं तक नहीं रेंक रही। आलम यह है कि अधिकारी एक दूसरे पर आरोप लगाकर कन्नी काट रहे हैं। वहीं क्षेत्रीय पार्षद एवं निगम निगम सुएज इंडिया प्राइवेट कंपनी की बड़ी लापरवाही से श्रद्धालु व क्षेत्रीय जनता परेशान हो रही है। दरअसल, चौपटिया चौराहे पर स्थित माँ सन्दोहन देवी मंदिर के पास कई दिनों से गन्दगी का अंबार लगा है पर उठाने की सुध किसी को नहीं है।
लोगों का कहना है कि पहले मंदिर आने जाने के रास्ते का नाला कई दिनों से साफ नहीं किया गया जिससे वह चोक हो गया बाद में सीवर भी फंसने लगा। अब आलम यह है कि परे मंदिर परिसर में पानी भरने लगा है। इस समस्या की वजह से श्रद्धालुओं को पूजा करनेमें परेशानी हो रही है। लोग बाहर से ही अपने अराध्य को नमन कर ले रहे हैं। सफाई न होने से सीवर पूरी तरह चोक हो गयी और सडक़ पर गंदा पानी फैल रहा। साथ ही चौराहे पर ड्यूटी देने वाले पुलिस कर्मियों के बैठने का स्थान भी नली के गंदे पानी मे डूबा हुआ है।

कई बार की गई शिकायत

लोगों ने इसकी शिकायत काई बार की पर सुनवाई नहीं हुई। इतनी शिकायत के बाद भी आचार्य नरेंद्रदेव वार्ड व कल्बे आबिद वार्ड के पार्षद एवं नगर निगम की आंखे नहीं खुल रही हैं।

जोन छह के जलकल के एक्ससीएन अनिल कुमार ने बताया कि सुऐज कंपनी व नगरनिगम की टीम को मौके पर भेज दिया है। जल्द ही वहां की व्यवस्था दुरुस्त कर दी जाएगी।

 

महादेव सट्टेबाजी ऐप का मालिक हिरासत में

नई दिल्ली। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले के आरोपियों में से एक और प्लेटफॉर्म के मालिक रवि उप्पल को स्थानीय अधिकारियों ने दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में हिरासत में लिया है। इंटरपोल के माध्यम से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया था। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले के आरोपियों में से एक और प्लेटफॉर्म के मालिक रवि उप्पल को स्थानीय अधिकारियों ने दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में हिरासत में लिया है। इंटरपोल के माध्यम से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया था। मनी लॉन्ड्रिंग रोधी एजेंसी ने कहा कि अधिकारी पिछले हफ्ते हिरासत में लिए गए उप्पल को भारत भेजने के लिए अरब देश के अधिकारियों के संपर्क में हैं। उप्पल और इंटरनेट आधारित सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के एक अन्य प्रमोटर, सौरभ चंद्राकर, अक्टूबर में छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष एक मामले के आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दायरे में हैं। मुंबई पुलिस भी उप्पल के खिलाफ मामलों की जांच कर रही है।

नक्सलियों के आइईडी ब्लास्ट में एक जवान शहीद, एक घायल

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में सीएम के शपथ ग्रहण से ठीक पहले नक्सलियों ने नारायणपुर जिले में आइईडी ब्लास्ट किया है। आईइडी की चपेट में आने से एक जवान शहीद हो गया जबकि एक जवान घायल है। घायल जवान को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। बताया जा रहा है कि आमदई खदान के पास सीएएफ के जवान सर्चिंग पर निकले थे, उसी दौरान आईइडी ब्लास्ट हुआ। मामला छोटेडोंगर थाना क्षेत्र का है। माइंस में जगह-जगह नक्सलियों ने आइईडी लगाने की चेतावनी दी थी।

योगी सरकार ने 167 पुलिस उपाधीक्षकों के किए तबादले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल हुआ। बुधवार को योगी सरकार ने पुलिस उपाधीक्षकों के तबादले कर दिए। जारी हुई तबादला सूची में 167 पुलिस उपाधीक्षकों के नाम हैं। बीते दिन यानी मंगलवार शाम को योगी सरकार ने 3 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए। अभिषेक कुमार ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट जालौन को ष्टष्ठह्र हापुड़ बनाया गया। अजय कुमार गौतम ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट कानपुर को ष्टष्ठह्र इटावा बनाया गया। वहीं पुलकित खरे ्रष्टश्वह्र ग्रेटर नोएडा को प्रतीक्षारत किया गया। गौरतलब है कि योगी सरकार ने शनिवार को 42 अपर पुलिस अधीक्षकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किए थे। यूपी पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी तबादला आदेश में लखनऊ, आगरा, मथुरा, सीतापुर, वाराणसी आदि जिलों में तैनात एडिशनल एसपी को इधर से उधर किया गया था। लखनऊ के दो एडिशनल एसपी का भी तबादला लिस्ट में नाम शामिल था।

राम मंदिर दर्शन अभियान शुरू करेगा संघ

अयोध्या। गणतंत्र दिवस से पूरे देश को रामलला के दर्शन का आमंत्रण श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से दिया जा रहा है। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद देश के पांच लाख गांवों में घर-घर हल्दी लगा अक्षत भेज रहा है। यह अक्षत गणतंत्र दिवस के बाद अयोध्या आने का आमंत्रण है। संघ हर रोज पांच हजार कार्यकर्ताओं को दर्शन कराने की तैयारी कर रहा है। यह दर्शन अभियान 26 जनवरी से शुरू होकर 23 फरवरी तक चलेगा। एक दिन में दो राज्यों को दर्शन कराया जाएगा। हल्दी अक्षत के साथ एक निवेदन पत्रक भी भेजा जा रहा है। यह पत्रक देश के सभी प्रमुख भाषाओं में छापा गया है, ताकि पत्रक का संदेश रामभक्त आसानी से समझ सकें। विश्व हिंदू परिषद ने संगठन की दृष्टि से देश को 45 प्रांतों में बांट रखा है। हर राज्य में दो से तीन इकाइयां हैं। उत्तर प्रदेश में छह इकाइयां हैं। संघ सभी इकाइयों को अयोध्या दर्शन के लिए आमंत्रित करेगा।

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