सर्विलांस सिस्टम से बढ़ेगी सुरक्षा

  • सुरक्षा के लिए उपयोगी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। समय के साथ-साथ तकनीकि और सिक्योरिटी में काफी ज्यादा बदलाव आए हुए हैं आजकल आप जहां भी जाते होंगे वहाँ पर आपको आसानी से हर जगह पर सीसीटीवी कैमरा लगे हुए आसानी से नजर आ जाते हैं। सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम एक ऐसा सिस्टम होता है सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम सिक्योरिटी इंडस्ट्री की एक हाईटेक टेक्नोलॉजी है यह सिस्टम सामान्यत: सिक्योरिटी एजेंट्स द्वारा लगाया जाता है जो उस संगठन के नेटवर्क और सिस्टमों की अवैध गतिविधियों को खोजने और रोकने के लिए निरंतर निगरानी रखते हैं।
सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम जहाँ भी इंस्टॉल होता है वहां की हर एक गतिविधि पर नजर रखते हैं नजर रखने के साथ-साथ में यह अगर कोई अवैध घटना होती है तो ये तुरंत अलर्ट जनरेट कर देते हैं जिससे की मॉनिटरिंग कर रहे व्यक्ति को तुरंत इसकी जानकारी मिल जाती है साथ ही साथ लगे हुए कंपोनेंट्स जैसे कि हूटर बजने लगता है। स्पीकर भी लगा होता है स्पीकर में टू वे कम्युनिकेशन करके मॉनिटरिंग कर रहा व्यक्ति अवैधानिक व्यक्ति को वार्निंग भी दे सकता है सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम टेक्नोलॉजी का ज्यादातर उपयोग बैंक, एटीएम, ज्वेलरी शॉप, एयरपोर्ट, हॉस्पिटल, और बहुत सी ऐसी जगह होती हैं जहां पर इस टेक्नोलॉजी का यूज किया जाता है।
सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम एक आधुनिक सिस्टम है जो सुरक्षा के लिए उपयोग की जाती है। यह उन तकनीकों में से एक है जो एक संगठन या स्थान की सुरक्षा के लिए उपयोग की जाती है। यह सिस्टम विभिन्न विधियों का उपयोग करता है जैसे कि सुरक्षा कैमरे, तार, रडार, सेंसर, और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हुए सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य एक संगठन या स्थान के भीतर होने वाली घटनाओं की निगरानी करना होता है। यह सिस्टम विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों को निगरानी करता है जैसे:- संचार, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और फिजिकल सुरक्षा। सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम के उपयोग से, सुरक्षा के लिए विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, जैसे कि सुरक्षा कैमरे की फ़ोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग, तार और सेंसर के द्वारा संकेतों की जाँच और सुरक्षा विषयक सूचनाओ। सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम एक तकनीकी व्यवस्था है जो निजी और सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा उनकी संपत्ति, कार्यक्रमों और सुरक्षा के लिए उपयोग की जाती है। इस प्रणाली के द्वारा संस्थाएं विभिन्न सुरक्षा प्रणालियों का उपयोग करके अपनी संपत्ति और अन्य संपदाएं सुरक्षित रखती हैं। सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम को अंग्रेजी में सिक्योरिटी सर्विलांस सिसटम भी कहा जाता है।

सेंसर से भी सुरक्षा

शटर सेंसर एक इलेक्ट्रॉनिक सेंसर है इसमें एक पार्ट मेल होता है तथा दूसरा पार्ट फीमेल होता है जो एनओ और एनसी पर वर्क करता है यह मेन गेट, खिडक़ी, दरवाजे, विंडो पर लगाया जाता है। इसका मेल पार्ट दरवाजे पर लगाया जाता है और फीमेल पार्ट दरवाजे के दूसरी ओर लगाया जाता है। इसका काम यह होता है कि जब गेट, खिडक़ी, दरवाजे, विंडो खोले जाते है, तो इसके पर मेल और फीमेल अलग होकर अलर्ट जनरेट करते है शटर सेंसर ज्यादातर प्लास्टिक के और लोहे के बनाए जाते है यह सेंसर हाई सिक्योरिटी में यूज किए जाते है इन सेंसर में एक मेल पार्ट होता है जिसमें कुछ दूरी तक स्प्रिंग जैसा वायर उपयोग किया जाता है यह सेंसर मैग्नेटिक कांटेक्ट सेंसर से बड़े होते है। मैग्नेटिक कॉन्टैक्ट सेंसर एक इलेक्ट्रॉनिक सेंसर होता है यह सेंसर ज्यादातर प्लास्टिक के बनाए जाते है जो मैग्नेटिक फील्ड को नापता है इसमें भी शटर सेंसर की तरह एक मेल पार्ट तथा दूसरा फीमेल पार्ट होता है यह भी हृश और हृष् पर काम करता है यह सेंसर शटर सेंसर के मुकाबले छोटा होता है। मैग्नेटिक कॉन्टैक्ट सेंसर कई प्रकार के उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है जैसे दरवाज़ों और खिड़कियों के लिए सुरक्षा सेंसर, यातायात वाहनों के लिए ताला और ब्रेकिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक गेम, आदि। इन दोनों सेंसर का काम करने का तरीका अलग अलग होता है हालांकि यह दोनों सेंसर सिक्योरिटी सर्विलेंस सिस्टम में भी यूज किए जाते है जहां पर इनका उपयोग एटीएम मशीन, बैंक के वोल्ट एरिया, तथा विंडो और दूर में भी इनका उपयोग होता है।

 

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