शिकायत निस्तारण में ढिलाई बरतने वालों पर करें कठोर कार्रवाई : शर्मा

  • ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को दी सख्त हिदायत

लखनऊ। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने जहां कार्यों व शिकायतों के निस्तारण में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। वहीं प्रदेश स्तरीय मामलों के समाधान के लिए सीधे उपभोक्ताओं से वर्चुअल संवाद करके उनका मौके पर ही निस्तारण कर दिया। उर्जा मंत्री ने विभाग में गुड गवर्नेंस को स्थापित करने के लिए ‘संभव’ नामक व्यवस्था लागू की। इसे और प्रभावी बनाने व इसके प्रयोग की सफलता की दूसरी बार समीक्षा की। उन्होंने अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता व प्रबंध निदेशक स्तर पर अब तक चार बार की गई जनसुनवाई की मानिटरिंग की। मंत्री ने बताया कि जिला, सर्किल व डिस्काम स्तर पर हुई जनसुनवाई में अब तक 5982 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 4987 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। शेष 1000 शिकायतें निस्तारण के लिए प्रक्रियाधीन हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर इतनी बड़ी संख्या में शिकायतों का समाधान होना, क्रांतिकारी कदम है। ऊर्जा मंत्री ने प्रदेश में विद्युत की ट्रिपिंग, अनियमित आपूर्ति व जल रहे ट्रांसफार्मरों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गुड गवर्नेस के लिए जरूरी है कि शेड्यूल के अनुरूप उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति हो। लोगों को एक तय समय पर बिजली मिले। इसके लिए शटडाउन का समय सुबह 9 से 10 बजे के बीच और शाम को 5 से 6 बजे के बीच हो। मंत्री शर्मा ने राज्य स्तरीय जनसुनवाई में उपभोक्ताओं के विभिन्न शिकायतों को सुना और उनका समाधान किया। गौरतलब है कि इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में छाए बिजली संकट को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इन दिनों गर्मी बुरी तरह झुलसा रही है और सरकार की अकुशलता से बिजली रुला रही है। भाजपा सरकार इन सबसे बेपरवाह अपने को महोत्सवों में व्यस्त रख रही है। दिखाने को मंत्री बदल गए हैं पर बिजली विभाग के कामकाज में कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

कैदियों की परिजनों से हो सकेगी वीडियो कॉल पर बात

लखनऊ। कारागार विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति ने कहा है कि जेलों में बंद कैदियों की उनके परिजनों से वीडियो काल के जरिए बात कराए जाने की व्यवस्था की जाए। बंदियों से उनके परिजनों से होने वाली बातचीत की रिकार्डिंग की भी व्यवस्था हो। इससे न सिर्फ कैदियों के परिजनों को जेल के चक्कर लगाने से निजात मिलेगी, बल्कि अनियमितता की शिकायतें भी दूर होंगी। जेल मंत्री ने प्रदेश भर की जेलों के अधिकारियों के साथ वीसी में ये निर्देश दिए। जेल मंत्री ने कहा कि अपनी मां के साथ जेलों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बेहतर ढंग से हो तथा उन्हें यह महसूस न हो कि वे जेल में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया जाए। जल्द ही बंदियों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद को इस्टाल लगाकर उन्हें आमजन तक पहुंचाया जायेगा। धर्मवीर प्रजापति ने जेल अधीक्षकों को निर्देश दिए कि कि कैदियों के भोजन की बेहतर व्यवस्था हो, मानकों के साथ कोई समझौता न किया जाए। मंत्री ने योग दिवस की तैयारियां समय से पूरी करने के भी निर्देश दिए।

निशक्त संतान की आय कम तो जीवनभर पेंशन देगी यूपी सरकार

लखनऊ। शासन ने राज्य सरकार के सेवानिवृत्त या मृत कर्मचारियों व पेंशनरों की मानसिक या शारीरिक निशक्तता से ग्रस्त संतान को पारिवारिक पेंशन के संबंध में आय के मानदंड तय किए हैं। जारी शासनादेश में कहा गया है कि दिवंगत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की निशक्त संतान जीवन भर पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी। आदेश के अनुसार यदि निशक्त संतान की समग्र आय साधारण दर पर स्वीकार्य पारिवारिक पेंशन व उस पर स्वीकार्य महंगाई राहत से कम है तो उसे यह लाभ मिलेगा। ऐसे मामलों में वित्तीय लाभ इस शासनादेश के जारी होने की तिथि से देय होगा और सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगी या पूर्व पेंशनभोगी की मृत्यु की तारीख से शुरू होने वाली अवधि के लिए कोई बकाया स्वीकृत नहीं होगा। उधर, स्वास्थ्य विभाग अब आबादी क्षेत्र में जमीन खरीद कर नया अस्पताल बना सकेगा। यदि कोई व्यक्ति अपनी जमीन अस्पताल के लिए दान करता है तो संबंधित अस्पताल का नामकरण उसके या उसके परिजन के नाम पर किया जा सकेगा। इस संबंध में नई नियमावली बनाई गई है। इस नियमावली को मंगलवार को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई है।

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