अखिलेश के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा 24 का चुनाव
तीसरी बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने अखिलेश यादव
- सपा मुखिया बोले- पद नहीं, यह जिम्मेदारी है; यह तब मिली है जब देश के संविधान पर खतरा है
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए एक बार फिर अखिलेश यादव का चयन हुआ है। निर्वाचन में उनके खिलाफ कोई खड़ा नहीं हुआ था। राजधानी लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में चल रहे राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन अखिलेश को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इससे पहले भी वो दो बार सपा के अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। अखिलेश के राष्टï्रीय अध्यक्ष बनने के बाद यह साफ हो गया कि लोकसभा चुनाव 2024 की कमान भी उनके हाथ होगी।
उनके नाम की घोषणा होने के बाद सपा के बड़े नेताओं ने उन्हें बधाई दी। उनके माथे पर मुकुट सजाकर हाथ में तलवार दी गई। अखिलेश के अध्यक्ष चुने जाने के दौरान उनकी पत्नी डिंपल यादव व सांसद जया बच्चन मौजूद रहीं। अधिवेशन के दूसरे दिन अखिलेश ने कहा कि मुझे आपने जिम्मेदारी सौंपी है। मैं भरोसा दिलाता हूं कि मैं दिन-रात काम करुंगा। आज हम संकल्प लेंगे कि आने वाले 5 साल में हम समाजवादी नया इतिहास बनाएंगे। उन्होंने कहा कि नेताजी चाहते थे सपा राष्ट्रीय पार्टी बने। आज हमें अगले 5 साल का मौका मिला है और जब अगली बार हम मिले, तो सपा राष्ट्रीय पार्टी होनी चाहिए। सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा सबसे बड़ी झूठ बोलने वाली पार्टी है। बीजेपी के पास इंटरनेट वाला नशा है। आज देश के संविधान और लोकतंत्र को खतरा है। बीजेपी में सभी मंत्री झूठ की खेती करते हैं। चुनाव आता है राशन फ्री हो जाता है। फिर किया है, देख लो फिर कहीं चुनाव आया होगा। अधिवेशन में डिंपल यादव ने भी सपाईयों का हौसला बढ़ाया।
ये राशन फ्री करने वाले लोग गरीबों को स्ट्रैचर तक नहीं दे पा रहे
अधिवेशन में अखिलेश ने ‘क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता’ मूवी के सहारे योगी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि नोट बंदी के वक्त पैदा हुए बच्चे (खजांची) को याद किया। सबसे ज्यादा गुजरात के व्यापारी के साथ यूपी में भेदभाव किया जा रहा है। क्या गुजरात के व्यापारियों के बैंक कर्ज माफ हुए? आने वाले वक्त में भाजपा को कोई नहीं पूछेगा। 12 जिलों में अग्निवीरों की भर्ती चल रही थी जिसमें हजारों अभ्यर्थियों के शामिल होने की खबर आई लेकिन कितनों को नौकरी दी, ये किसी ने नहीं बताया। उन्होंने कहा कि आजम खान के ऊपर अन्याय हो रहा है। इतिहास में किसी के ऊपर इतने झूठे मुकदमे नहीं लगाए गए। रामपुर के अधिकारियों को बोला जा रहा है कि अच्छी पोस्टिंग तभी मिलेगी, जब मुकदमे लगाओगे। अखिलेश ने कहा कि अपना बूथ सबसे मजबूत बनाना है। पूरे देश की राजनीति को उत्तर प्रदेश दिशा देगा। उन्होंने कहा कि सपा को आंदोलन करके लोकतंत्र को बचाना है। हमें अगर जेल भी भरना पड़ा, तो भी पीछे नहीं हटेंगे। अखिलेश ने कहा कि ये राशन फ्री करने वाले लोग गरीबों को स्ट्रैचर तक नहीं दे पा रहे हैं।
सपा कोई राजनीतिक पार्टी नहीं : केशव
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर एक बार फिर सपा पर निशाना साधा। सपा के अधिवेशन को लेकर बोले कि समाजवादी पार्टी कोई राजनीतिक पार्टी ही नहीं है, बल्कि एक खास परिवार की जागीर है जिसके मुखिया अखिलेश यादव है। चुनाव तो केवल दिखावा है।
महिलाओं के हक में सुप्रीमकोर्ट का फैसला, विवाहित की तरह अविवाहित को भी गर्भपात का अधिकार
- शादीशुदा और अविवाहित में भेदभाव असंवैधानिक
- रेप मानी जा सकती है विवाहित महिला की जबरन प्रेग्नेंसी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज अबॉर्शन पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि सभी महिलाएं सेफ और लीगल अबॉर्शन की हकदार हैं। शादीशुदा और अविवाहित महिलाओं के बीच भेदभाव असंवैधानिक है। किसी विवाहित महिला को जबरन प्रेगनेंट करना मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी ऐक्ट के तहत रेप माना जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक केस की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी ऐक्ट के तहत गर्भपात के नियमों को तय किया गया है। इस पर ही सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि विवाहित महिला की तरह ही अविवाहित युवतियां भी बिना किसी की मंजूरी के 24 सप्ताह तक गर्भपात करा सकती हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है।
यह महिला का अपने शरीर पर अधिकार से जुड़ा मामला है
जस्टिस एस बोपन्ना और जस्टिस जेपी पारदीवाला की सदस्यता वाली बेंच ने एमटीपी ऐक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि कोई अविवाहिता भी 24 सप्ताह की अवधि तक बिना किसी के परमिशन के गर्भपात करा सकती है। मौजूदा नियमों के मुताबिक तलाकशुदा, विधवा महिलाएं 20 सप्ताह के बाद गर्भपात नहीं करा सकती हैं । अदालत ने कहा कि कानून संकीर्ण आधारों पर वर्गीकरण नहीं कर सकता है। प्रेग्नेंसी बनी रहे या फिर गर्भपात कराया जाए, यह महिला के अपने शरीर पर अधिकार से जुड़ा मामला है।
ट्विटर पर भी पीएफआई ‘लॉक’
- गृह मंत्रालय की शिकायत पर ट्विटर ने उठाया कदम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट आज सुबह बंद कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की शिकायत पर ट्विटर इंडिया ने ये कदम उठाया है। इससे पहले बुधवार को केंद्र सरकार ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले कई दिनों से देशभर में चल रही छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 200 से ज्यादा नेताओं को गिरफ्तार जा चुका है।
आज बंद किए गए पीएफआई के ट्विटर अकाउंट (@PFIofficial) में करीब 81,000 फॉलोअर्स थे। ट्विटर इंडिया ने पीएफआई अध्यक्ष ओएमए सलाम और महासचिव अनीस अहमद के ट्विटर अकाउंट भी बंद कर दिए हैं। इन दोनों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया था। केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत पीएफआई और उसके आठ सहयोगियों की वेबसाइटों एवं इंटरनेट मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया था।