जनता की तकलीफ से सरकार का कोई लेना-देना नहीं: अखिलेश
- बोले-भाजपा सिर्फ बयानबाजी और झूठे दावे करती है
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भाजपा सरकार पर हमला जारी है। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा है कि योगी सरकार जनता को तकलीफों से बचाने में कोई रुचि नहीं ले रही है। प्रदेश में बरसात शुरू होते ही जलभराव और सडक़ धंसने की खबरें आनी शुरू हो गई हैं। भाजपा सिर्फ बयानबाजी करने और विकास के झूठे दावे करने में माहिर है।
सडक़ें गड्ढामुक्त होने की जगह खुद गड्ढा बन गई। अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि लखनऊ नगर निगम क्षेत्र तक जलभराव का शिकार बन गया। कानपुर से जाजमऊ गंगा पुल के बाद लखनऊ तक पहुंचने में हजारों गड्ढे बीच में हैं। इसे खूनी राजमार्ग भी कहा जाने लगा है। यहां 93 लोगों की जाने जा चुकी हैं। छोटी काशी की सडक़ों पर गड्ढों की भरमार है, जहां सावन में भोले शंकर का जलाभिषेक करने के लिए कांवडिय़ों की टोलियां
आती हैं।
सपा कार्यालय के बाहर लगे इस बार पीडीए सरकार के पोस्टर
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए सपा कार्यकर्ता भी उत्साहित नजर आ रहे हैं। गुरुवार को लखनऊ स्थित सपा कार्यालय के बाहर इस बार पीडीए सरकार के पोस्टर भी लगा दिए गए हैं। सपा के राष्टï्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि समाजवादी आंदोलन व विचार हमेशा से ही सामाजिक न्याय का पक्षधर रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समाज के उस तबके के लिए संघर्षरत हैं जिसे अब तक उसका अधिकार और सम्मान नहीं मिला है। इसमें पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक आते हैं। यही पीडीए है। पीडीए मतलब पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक।
सपा की प्रदेश कार्यकारिणी जल्द
लोकसभा चुनाव को देखते हुए सपा की प्रदेश कार्यकारिणी जल्द घोषित कर दी जाएगी। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का कहना है कि अभी पार्टी की जिला व फ्रंटल कमेटियों का गठन चल रहा है। शीघ्र ही प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा भी कर दी जाएगी। ज्ञात हो कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव में 80 हराओ भाजपा भगाओ का लक्ष्य दिया है। सपा का अक्टूबर 2022 में राष्टï्रीय व प्रांतीय सम्मेलन हुआ था, जिसमें अखिलेश यादव को राष्टï्रीय अध्यक्ष और नरेश ïउत्तम पटेल को प्रांतीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तो घोषणा हो चुकी है, पर कार्यकर्ताओं को 9 माह बाद भी प्रदेश कार्यकारिणी का अभी तक इंतजार है। आम तौर पर सपा की प्रदेश कार्यकारिणी में 51 सदस्य रहते हैं, लेकिन पिछली बार विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह 71 सदस्यीय थी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है कि इस बार भी प्रदेश कार्यकारिणी में ज्यादा से ज्यादा नेताओं को जगह देने का प्रयास किया जाएगा। इसमें जातीय समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा।