बिजली संकट को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ की परेशानी बढ़ी, उत्तर प्रदेश के पावर प्लांट में दो से तीन दिन का कोयला स्टॉक बचा हुआ है।
सुष्मिता मिश्रा
कोयले की कमी के कारण प्रदेश में बढ़ रहे बिजली संकट पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी सक्रिय हो गए है। सोमवार को वह दोपहर साढ़े तीन बजे इसको लेकर बात करेंगे। इसमें जिलों के कमिश्नर, एडीजी सतर्कता, सभी डीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे। इसके साथ ही युपीपीसीएल के सभी डिस्कॉम के एमडी, चीफ इंजीनियर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ सकते हैं।
पूरे देश के साथ उप्र में भी कोयले की कमी हो गई है। बताया जा रहा है कि मौजूदा समय उत्तर प्रदेश के पावर प्लांट में दो से तीन दिन का कोयला स्टॉक बचा हुआ है। ऐसे में अगले कुछ घंटों में इसकी व्यवस्था नहीं की गई तो पूरे प्रदेश में भयंकर बिजली कटौती हो सकती है। ऐसे में भी मौजूदा समय करीब 6000 मेगावाट बिजली पैदावर पर कोयले की कमी के कारण असर है। इसकी वजह से ग्रामीण अंचल में पांच से आठ घंटे तक बिजली कट रही है। बताया जा रहा है कि कटौती छोटे शहरों में भी शुरू हो गई है लेकिन कागजों में उसको अभी इंजीनियर नहीं दर्शा रहे हैं। फिलहाल अधिकारी आंकड़ों की बाजीगरी करने में लगे हैं, जबकि जमीनी हकीकत बिगड़ने लगी है।
बिजली को लेकर सीएम ने सभी विधायक और मंत्री से फीडबैक मांगा है। इसमें उनको संकट की बात दिखी है। उसके बाद से प्रदेश सरकार हरकत में आई है। स्थिति यह है कि उप्र में करीब 8 प्लांट बंद हो चुके हैं। इसकी आड़ में एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने नियम बनाया था कि वह 7 रुपए यूनिट से ज्यादा महंगी बिजली नहीं खरीदेगी। लेकिन उसको एक्सचेंज पर 9 से 21 रुपए यूनिट पर बेचा जा रहा है। ऐसे में उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मांग उठाई थी कि इसको लेकर केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। यूरोप में ऐसे संकट पर वहां की सरकारों ने सब कुछ अपने हाथ में ले लिया था।