मशहूर एक्टर का हुआ निधन, लंबी बीमारी की वजह से गई जान। सदमे में परिवार और फैन्स !

मायानगरी से बुरी खबरें आने का दौर रुक ही नहीं रहा है। आखिर, एक के बाद एक सिर्फ दुःखी खबरें ही सुनने को जो मिल रही हैं। हिंदी सिनेमा में बीते गुजरे कुछ समय में जहां कई सेलेब्स का निधन हुआ। तो अब, एक दुखद खबर मलयालम सिनेमा से सामने आई है। 

4पीएम न्यूज नेटवर्क: मायानगरी से बुरी खबरें आने का दौर रुक ही नहीं रहा है। आखिर, एक के बाद एक सिर्फ दुःखी खबरें ही सुनने को जो मिल रही हैं। हिंदी सिनेमा में बीते गुजरे कुछ समय में जहां कई सेलेब्स का निधन हुआ। तो अब, एक दुखद खबर मलयालम सिनेमा से सामने आई है।

जानकारी के मुताबिक, मलयालम सिनेमा के सीनियर एक्टर, राइटर, डायरेक्टर और प्रोडयूसर श्रीनिवासन का शनिवार को निधन हो गया है। 69 साल की उम्र में वो इस दुनिया को छोड़कर चले गए हैं। बताया जा रहा है कि, एक्टर-डायरेक्टर लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे और केरल के एर्नाकुलम जिले के उदयमपेरूर स्थित अपने घर पर इलाज भी करा रहे थे। लेकिन फिर अचानक ही उनकी सेहत बिगड़ने लगी..जिसके बाद उन्हें त्रिप्पुनिथुरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन, अफ़सोस उन्हें बचाया नहीं जा सका और डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

श्रीनिवासन के जाने से उनके परिवार को गहरा सदमा लगा है। वहीं, उनके फैन्स की आंखें भी नम हो गई हैं। हर कोई उन्हें सोशल मीडिया के जरिये श्रद्धांजलि दे रहा है। श्रीनिवासन अपनी सिनेमाई विरासत के साथ एक भरा-पूरा परिवार (बीवी-दो बेटे) पीछे छोड़ गए हैं। श्रीनिवासन के 2 बेटे विनीत और ध्यान श्रीनिवासन हैं और दोनों एक्टिंग की दुनिया में काम करते हैं।

बात, श्रीनिवासन की करें तो, एक्टर-डायरेक्टर का जन्म 6 अप्रैल 1956 को केरल के थालास्सेरी के पास पट्टयम में हुआ था। उनका पूरा नाम श्रीनिवासन नायर है। उनके पिता स्कूल टीचर थे और मां हाउसवाइफ थीं। उन्होंने कडिरूर से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद मट्टानूर के पीआरएनएसएस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया। बाद में उन्होंने चेन्नई के फिल्म और टेलीविजन इंस्टिट्यूट से फिल्म की पढ़ाई की।

उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी भी की, लेकिन उनका मन हमेशा राइटिंग और डायरेक्शन में लगा रहा। कॉलेज के दिनों से ही वे थिएटर और राइटिंग में इंटरेस्ट लेने लगे थे। उस दौर में उन्होंने आम आदमी की प्रॉब्लम्स को बहुत नज़दीक से देखा, जो आगे चलकर उनकी फिल्मों की प्रेरणा बनीं।

श्रीनिवासन ने मलयालम सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत स्क्रीनप्ले राइटर के रूप में की। 80 के दशक में उन्होंने ऐसी कहानियां लिखीं जो आम आदमी की ज़िंदगी, उसकी कमजोरियों और सोशल इशु की सच्चाइयों को दर्शाती थीं। श्रीनिवासन ने साल 1977 में पी.ए. बैकर की फिल्म मणिमुझक्कम से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। करीब पांच दशकों के करियर में उन्होंने 225 से अधिक फिल्मों में काम किया।

उनकी राइटिंग में कॉमेडी सिर्फ हंसाने के लिए नहीं होता था, बल्कि वह सोचने पर मजबूर करता था। “संधेशम”, “चिंथाविष्टायाया श्यामला”, “वडक्कुनोक्कीयंत्रम” जैसी फिल्मों की कहानी आज भी मिसाल मानी जाती हैं।

श्रीनिवासन ने अपनी कहानियों से पहचान बनाई, लेकिन एक्टर के रूप में उन्होंने जो मुकाम हासिल किया, वो वाकई मिसाल देने वाला है। वो “हीरो” की तरह दिखने वाले एक्टर नहीं थे—न लंबी हाइट, न ही मस्कुलर बॉडी—लेकिन उनकी ज़बरदस्त एक्टिंग ने दर्शकों को उनसे जोड़ दिया। दर्शकों को लगता था कि वे किसी फिल्मी किरदार को नहीं, बल्कि अपने पड़ोसी या खुद को देख रहे हैं। श्रीनिवासन ने अपने करियर में कई अवार्ड्स भी हासिल किये, जिनमें एक नेशनल फिल्म अवार्ड, दो फिल्मफेयर अवार्ड साउथ और छह केरल राज्य फिल्म अवार्ड्स शामिल हैं।

श्रीनिवासन का नाम आते ही सतीयन अंथिकाड और मोहनलाल के साथ उनकी तिकड़ी याद आती है। इन तीनों ने मिलकर मलयालम सिनेमा को कई यादगार फिल्में दीं। मोहनलाल के साथ तो उनकी केमिस्ट्री खास रही। इन फिल्मों में श्रीनिवासन अक्सर वह किरदार निभाते थे जो समाज की कमजोर नसों पर उंगली रखता था। श्रीनिवासन ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया।

पर्सनल लाइफ की बात करें तो, श्रीनिवासन ने विमला से शादी की, वो हमेशा उनके साथ एक सपोर्ट बनकर खड़ी रहीं। अपनी पर्सनल लाइफ को वो काफी प्राइवेट रखा करते थे। उनके दो बेटे हैं- विनीत श्रीनिवासन जो कि एक एक्टर-डायरेक्टर-सिंगर और लेखक हैं। उनके दूसरे बेटे, ध्यान श्रीनिवासन– एक्टर और डायरेक्टर हैं। विनीत ने ‘मलारवाड़ी आर्ट्स क्लब’, ‘थट्टथिन मरयथु’ और ‘हृदयम’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों का निर्देशन किया है।

वहीं, ध्यान ने अपने भाई विनीत द्वारा निर्देशित फिल्म ‘थिरा’ से करियर की शुरुआत की और ‘कुंजिरामयणम’- ‘कपियारे कूटमणी’ जैसी कॉमेडी फिल्मों से अपनी पहचान बनाई।

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