इंसाफ की जीत ने भाजपा की बेईमानी का किया भंडाफोड़

अखिलेश बोले- लोकतंत्र की हत्या कर भाजपा ने पूरे विश्व में भारतीयों का शर्म से झुकाया सिर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया और पुराने परिणाम को खारिज करके आप प्रत्याशी कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया। सुप्रीम कोर्ट के इस अहम फैसले के बाद अब आप समेत पूरा विपक्ष जहां जश्न मना रहा है, साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर लगातार निशाना भी साध रहा है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है।
शीर्ष अदालत के फैसले के बाद सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर लिखा कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में हुई ‘इंसाफ की जीत’ भाजपा की बेशरम बेईमानी का भंडाफोड़ है। अखिलेश ने लिखा कि लोकतंत्र की सरेआम हत्या की दोषी बनकर भाजपा देश मे ही नहीं बल्कि विश्वभर में भारतीयों के लिए शर्म का कारण बन गयी है। इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को गहरी ठेस लगी है। ये भाजपा की एक ऐसी हार है जिससे भाजपा समर्थक मानसिक रूप से पराजित होकर समाज का सामना करने की हिम्मत अब कभी नहीं जुटा पाएंगे। भाजपा ने लोकतंत्र ही नहीं, अपने समर्थकों को भी ठगा है। राष्ट्रवाद का मुखौटा लगाकर जनमत लूटने वाले भाजपाई सिर्फ लोकतंत्र के अपराधी नहीं बल्कि अधर्मी और पापी भी हैं। जनता इन भाजपाई ठगों को लोकसभा में बुरी तरह हराकर लोकतंत्र-धर्म की जीत सुनिश्चित करेगी।

बीजेपी पर अब कोई नहीं करेगा विश्वास

सपा प्रमुख ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में चोरी करती रंगे हाथ पकड़ी गयी भाजपा पर अब कोई विश्वास नहीं करेगा। बंगाल में एक आईपीएस अधिकारी को भाजपाइयों द्वारा खालिस्तानी कहे जाने से पूरे देश की भारतीय सेवा की पुलिस प्रशासनिक बिरादरी में रोष-आक्रोश फैल गया है। हार के डर से भाजपा इस स्तर तक गिर गयी है कि वो देश के अधिकारियों पर निराधार आरोप लगाकर उनका मनोबल गिराना चाहती है। हारती हुई भाजपा की हताशा ही उससे ऐसे काम करा रही है।

बदायूं से शिवपाल बने सपा के लोस उम्मीदवार

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समाजावारी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की पांच और सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। सूची में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव को बदायूं से उम्मीदवार घोषित किया है। सबसे बड़ी बात पहली सूची में बदायूं से अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी घोषित किया गया था। लेकिन अब अचानक धर्मेंद्र यादव की जगह शिवपाल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। धर्मेंद्र यादव बदायूं सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं। पिछले चुनाव में वो संघमित्रा मौर्य से चुनाव हार गए थे। अब जब अचानक धर्मेंद्र यादव का टिकट काट दिया गया है। तो सपा के इस फैसले को स्वामी प्रसाद मौर्य की घेराबंदी के तौर पर भी देख जा रहा है। संघमित्रा मौर्य बदायूं में डटी हुई हैं, वो इस सीट पर अपनी तैयारियों को धार दे रही हैं। बीजेपी ने हालांकि, अभी तक उनके नाम का एलान नहीं किया है, लेकिन सिटिंग सांसद के तौर पर उनकी तैयारी जोरों पर है। वहीं धर्मेंद्र यादव की सीट को लेकर बड़ी जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक, धर्मेंद्र यादव को समाजवादी पार्टी आजमगढ़ से टिकट दे सकती है।

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