पशुधन विभाग में हो गया करोड़ों का घोटाला, बड़े अफसरों का हर बार की तरह नहीं बिगड़ा कुछ
कंपनियों से मिलीभगत कर महंगे दामों पर खरीदे गए उपकरण
- कोरोना के नाम पर करोड़ों की खरीद के लिए महज पांच दिन की लगाई बिड
- एक ही सामग्री को दो अलग-अलग दरों पर खरीदा, जेम नियमों की उड़ाई धज्जियां
- करोड़ों की हेराफेरी के खुलासे से विभागीय अफसरों में हडक़ंप
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति की पोल एक बार फिर खुल गयी है। पशुधन विभाग में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दवाओं और अन्य उपकरणों की खरीद में अफसरों और कंपनियों ने मिलकर करोड़ों का खेल कर दिया है। बिना मांग पत्र के विभागीय अधिकारियों ने अपनी चहेती कंपनियों से खरीदारी की। भ्रष्टाचार का आलम यह कि जेम के नियमों की भी अफसरों ने खुलकर धज्जियां उड़ाईं। हैरानी की बात यह है कि मामले का खुलासा होने के बाद भी हर बार की तरह इस बार भी अफसरों का कुछ नहीं बिगड़ा और सरकारी स्तर पर जांच-जांच का खेल जारी है।
कोरोना काल के दौरान 4पीएम ने पशुधन विभाग में हो रहे घोटालों की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद सरकार नींद से जागी और इस मामले की प्रारंभिक जांच की गयी। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पशुओं से संबंधित उपकरणों और दवाओं की खरीद में जमकर धांधली हुई। रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत खरीद में जमकर धांधली की गई। जांच में पाया गया कि जनपदों से प्राप्त मांग पत्र आए बिना सामग्री खरीद ली गयी। वहीं जनपद स्तर पर इस्तेमाल की जाने वाली इन सामग्रियों की आपूर्ति सीधे जनपदों को न कराकर मुख्यालय, पशुपालन विभाग स्तर पर करायी गयी। लिहाजा इन उपकरणों को जनपदों में भेजने में अलग से खर्च करना पड़ा। जेम पर क्रय किये जाने की न्यूनतम अवधि 10 दिनों की होती है, लेकिन कोरोना की शर्त दिखाकर मात्र पांच दिनों की बिड की गयी जबकि ये कोविड की जरूरत के तहत नहीं आते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सामग्रियों के क्रय के लिए आमंत्रित की जाने वाली बिड की निर्धारित समय सीमा का पालन तक नहीं किया गया। मसलन, गागल्स क्रय के लिए बिड 26 जून 2021 को ही गयी और तकनीकी बिड 26 जून 2021 को खोली गयी। वहीं आइस लाइन्ड रिफ्रेजरेटर के लिए निविदा 5 जुलाई 2021 को ही गयी एवं इसकी तकनीकी निविदा 10 जुलाई 2021 एवं वित्तीय निविदा 12 जुलाई 2021 को खोली गयी। इसी तरह कई अन्य सामग्रियों की तकनीकी निविदायें सात दिन के पूर्व ही खोल दी गयी लेकिन इसका कोई कारण नहीं बताया गया। हैरानी की बात यह है कि एक ही आइटम दो बार अलग-अलग दरों पर खरीदे गए। प्रायोजित तरीके से सामग्रियों का क्रय किया गया है। कई सामग्रियों को 4.90 लाख से ऊपर तथा 5.00 लाख से कम पर किया गया है। यानी प्रायोजित ढंग से 5 लाख की सीमा के तहत सामग्रियों की मांग की गयी। वॉक इन कूलर/कोल्ड रूम-एक बार 88 क्रय किया गया। दोबारा 10 खरीदे गए किंतु बिड में एक आइटम दिख रहा है और दरों में भी अंतर है।
वहीं इन एक्टिव कोल्ड बाक्सेस को 1,27,770 प्रति नग की दर से खरीदा गया जबकि इसी अवधि में मध्य प्रदेश सरकार में पशुपालन विभाग द्वारा इसी सामग्री को 47,250 से 49,500 तथा जम्मू एंड कश्मीर में 59,000 प्रति नग की दर से खरीदा गया। एक्टिव कोल्ड बॉक्सेज की बिड में स्पिट आप्सन डाले जाने के कारण एल-2 द्वारा प्राइस मैच करने के बाद एल-1 को 48 प्रतिशत व एल-2 को 52 प्रतिशत के क्रयादेश जारी किये गये, जिसके क्रम में मे. अभिनीश ट्रेडर्स से 352 यूनिट व मे. जगदीश इन्टरप्राइजेज से 369 यूनिट इस प्रकार कुल 721 यूनिट का क्रय 18 जुलाई 2021 को किया गया।
मंजूरी से पहले जारी कर दिया खरीद का आदेश
एक्टिव कोल्ड बॉक्सेज की बिड निविदा के अनुसार प्राइस मैच आप्शन के अन्तर्गत मैनुअल क्रयादेश जारी किये जाने पर अनुमोदन 18 जुलाई 2021 को किया गया लेकिन इससे पूर्व मे. जगदीश इन्टरप्राइजेज को 52 यूनिट का क्रयादेश 17 जुलाई 2021 को जारी कर दिया गया।
सप्लाई कंपनियों की मिलीभगत
एक्टिव कोल्ड बॉक्सेज-48 एवं 52 जेम पर, बिड आर्डर-821, के माध्यम से किया गया लेकिन भुगतान मैनुअल किया गया एवं 0.5 प्रतिशत जेम का भुगतान नहीं हुआ। सामग्री की आपूर्ति निदेशालय स्तर पर पर करायी गयी जो 26 जुलाई से 26 अगस्त 2021 तक प्राप्त हुई। वहीं इसे जनपदों में आठ महीने बाद 22 मार्च 2022 तक भेजा गया। इन सामग्रियों की आपूर्ति मे. जगदीश इन्टरप्राइजेजï-मे.अभिनीश ट्रेडर्स द्वारा की गयी है। अत: इन फर्मों का स्टेटस एवं संलिप्तता की भी सघन जांच कराने पर जोर दिया गया है।
मूल्यों में अंतर, महंगी दर पर खरीदे गए मास्क
आईस लाईनर रेफ्रिजरेटर के क्रय के लिए जारी दोनों निविदाओं के बीच में एक महीने के अंतर में प्रति नग दर में 2,49,980.00 से -1,75,806.00 अर्थात लगभग 75 हजार का अंतर है। मे. अभिनीश टे्रडर्स से एन-95 मास्क 96.50 की दर पर क्रय किया गया। यह बेहद महंगा है।
क्या कहना है पशुधन मंत्री का
प्रदेश के पशुधन व दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि प्रकरण 2021 का है। अपर मुख्य सचिव पशुधन डॉ. रजनीश दुबे को तत्काल जांच कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव का क्या है आदेश
पशुधन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने अपने आदेश में लिखा है कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में वस्तुओं/ सामग्रियों के क्रय में प्रथम दृष्टïया की अनियमितताएं मिली है। इन सामग्रियों की खरीद तत्कालीन निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग डॉ. आर.पी.सिंह एवं डॉ. इन्द्रमनि के कार्यकाल में की गई है और जेम बॉयर डा. जे.पी. वर्मा रहे हैं। जांच कराये जाने के लिए श्रीराम सहाय यादव, विशेष सचिव, समन्वय विभाग, उ.प्र. शासन को जांच अधिकारी नामित किया गया है और एक माह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।
पासिंग आउट परेड में शामिल हुए सीएम योगी, कहा
पूर्ववर्ती सरकारों में पीएसी को खत्म करने की हो रही थी साजिश
- समाप्त कर दी थीं 54 कंपनियां, हमने पीएसी को बचाया, गठित की महिला बटालियन
- प्रदेश की सुरक्षा में सेंध लगाने की रची गयी थी साजिश, बिना भेदभाव की गई भर्ती
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ पुलिस लाइन में पीएसी रिक्रूट आरक्षियों की दीक्षांत परेड समारोह में सम्मिलित होने के साथ ही परेड की सलामी ली। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने प्रदेश के इस सबसे अनुशासित बल के साथ एक कुत्सित प्रयास किया था। प्रदेश में 2017 से पहले बड़ी साजिश हो रही थी, जिसके तहत उत्तर प्रदेश पीएसी बल को समाप्त करने की योजना बनी थी। इस सजिश के तहत 54 कंपनियों को समाप्त कर दिया गया था। वह उत्तर प्रदेश की सुरक्षा में सेंध लगाने की कितनी बड़ी साजिश थी।
उन्होंने कहा कि होनहार जवानों को पुलिस बल का हिस्सा बनने से रोकने के लिए कैसे उन कंपनियों को समाप्त करते हुए इन नौजवानों को प्रदेश और देश की सेवा से वंचित करने का प्रयास किया गया था। वह बेहद ही शर्मनाक पल था और हम उस साजिश को नाकाम करने में सफल रहे। हमने न सिर्फ पीएसी को बचाया बल्कि इसकी महिला बटालियन का भी गठन करने में सफलता प्राप्त की है। बिना भेदभाव के एक लाख 62 हजार से अधिक नौजवानों को पुलिस व पीएसी में भर्ती प्रक्रिया में जोड़ा गया।
पहले होते थे दंगे आज हो रहा निवेश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में निवेश, रोजगार सृजन की संभावनाएं विकसित हो रही हैं। नई सरकार के गठन के 100 दिन के भीतर बेहतरीन परिणाम आए हैं। पहले उत्तर प्रदेश में दंगे होते थे आज निवेश हो रहा है। लोगों के मन मे विश्वास भरा है। प्रदेश को अपराध मुक्त, भय मुक्त बनाने की जिम्मेदारी यूपी पुलिस की है।
इनको किया गया सम्मानित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार सर्वश्रेष्ठ परेड कमांडर योगेन्द्र अवस्थी, अमन पांडेय, राजा पांडेय तथा अमित सिंह को सम्मानित किया। प्रदेश में कुल 15,487 जवानों ने प्रशिक्षण समाप्त किया है। लखनऊ के साथ ही अन्य स्थान पर भी पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया है। अब इन पीएसी के जवानों को प्रदेश की विभिन्न वाहिनी में तैनाती मिलेगी।