मानसून में सिर्फ सर्दी-जुकाम नहीं, ये गंभीर बीमारियां भी करती हैं अटैक- जानिए बचाव के उपाय

मानसून का मौसम भले ही राहत और रोमांच लेकर आता है, लेकिन यह मौसम कई गंभीर बीमारियों की वजह भी बनता है। उमस और नमी से भरे इस मौसम में कीटाणु तेजी से पनपते हैं,

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मानसून का मौसम भले ही राहत और रोमांच लेकर आता है, लेकिन यह मौसम कई गंभीर बीमारियों की वजह भी बनता है। उमस और नमी से भरे इस मौसम में कीटाणु तेजी से पनपते हैं, जिससे संक्रमण और वायरल बीमारियां तेजी से फैलती हैं। चेहरे पर एक्ने, मुंहासे और स्किन एलर्जी जैसी परेशानियां तो आम हैं, लेकिन कुछ गंभीर बीमारियां भी इस मौसम में दस्तक देती हैं, जिनके शुरूआती लक्षण लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।

क्यों बढ़ जाती हैं बीमारियां मानसून में?
बारिश के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है। गंदा पानी, खुले में जमा कचरा और मच्छरों का बढ़ता प्रकोप संक्रमण के लिए आदर्श स्थिति बना देता है। यही कारण है कि इस मौसम में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफाइड और वायरल फ्लू जैसी बीमारियां आम हो जाती हैं।

मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और टाइफाइड जैसी घातक बीमारियां बरसात के मौसम में आम बीमारियां हैं और इनमें से लगभग सभी में बुखार, कमजोरी, शरीर में दर्द जैसे कुछ सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं. इस सीजन में स्वास्थ्य समस्याओं से खुद को बचाने के लिए आपको अच्छी तरह से तैयार रहना चाहिए.

बारिश में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारियां कौन सी हैं ?

1 डेंगू और मलेरिया

दिल्ली में वरिष्ठ फिजिशियन बताते हैं कि बारिश के बाद जगह-जगह पानी जमा हो जाता है जैसे गमले, टायर, नालियां या छतों पर. यही पानी मच्छरों की पैदाइश का घर बनता है. जिससे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं.मच्छरों के कारण फैलने वाली ये बीमारियां तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और प्लेटलेट्स की गिरावट जैसी समस्याएं पैदा करती हैं.

2 टाइफाइड

यह संक्रमित भोजन या पानी से फैलता है. बारिश के दौरान अक्सर नल का पानी या टैंक का पानी गंदा हो जाता है. बारिश का पानी सीवेज के पानी से मिलकर पीने के पानी को संक्रमित कर देता है. इस दूषित पानी से Salmonella Typhoid नामक बैक्टीरिया शरीर में पहुंचता है, जो टाइफाइड का कारण बनता है. इसमें तेज बुखार बनने लगता है. पेट दर्द, कमजोरी, भूख न लगना इसके लक्षण हैं.

3 वायरल फीवर / फ्लू

अचानक तापमान में बदलाव के कारण सर्दी, खांसी, बुखार आम हो जाता है. बारिश से पहले और बाद में तापमान में उतार-चढ़ाव होता है कभी गर्म, कभी ठंडा. इससे शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होती है और वायरल बुखार, सर्दी-खांसी हो जाती है.

4 लेप्टोस्पायरोसिस

बारिश के पानी में मौजूद बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होती है यह बीमारी होती है. जब कोई व्यक्ति बारिश के पानी में चला जाता है जहां चूहों या जानवरों का मूत्र मिला होता है. यह पानी त्वचा में कट, छिलने या खरोंच के ज़रिए शरीर में प्रवेश कर सकता है.

5 पेट की बीमारियां (Diarrhea, हैजा)

मानसून में खुले खाने में बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं. सड़क किनारे मिलने वाला चाट, गोलगप्पे, पानीपूरी, कटे फल आदि जल्दी संक्रमित हो सकते हैं. गंदा या खुले में रखा खाना खाने से Diarrhea,दस्त, उल्टी और डिहाइड्रेशन हो सकता है.

6 फंगल इन्फेक्शन और स्किन एलर्जी

नमी के कारण स्किन पर खुजली, लालपन, रैशेज या फंगल संक्रमण बढ़ जाते हैं. लगातार गीले कपड़े पहनने या भीगने के बाद साफ सफाई न रखने से पसीना और नमी स्किन पर जम जाती है जिससे फंगल इन्फेक्शन, खुजली, दाने और स्किन एलर्जी होने लगती हैं.

बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव कैसे करें ?

1 स्वच्छता बनाए रखें, हाथ धोने की आदत डालें (खाने से पहले और बाहर से आने के बाद)

2 खुले में रखा या कटे-फटे फल न खाएं, उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं

3 मच्छरों से बचाव करें, मच्छरदानी, रेपेलेंट क्रीम और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें.

4 रोज़ाना नहाएं और कपड़े बदलें, घर और आसपास पानी जमा न होने दें.

5 सूखा और साफ कपड़ा पहनें, भीगे कपड़े स्किन इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं.

6 बचाव के लिए सही आहार लें, हल्का, पचने वाला और ताजा खाना खाएं।

7 विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजें लें ताकि इम्यूनिटी बनी रहे।

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