शरीर की अकड़न दूर करेंगे ये योगासन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
दिनभर डेस्क के सामने कंप्यूटर की स्क्रीन के सामने ज्यादा देर तक एक ही पोजिशन में बैठे रहने की वजह से मांसपेशियों में तनाव और दर्द की समस्या हो सकती है। कई बार अगर बैठने का तरीका गलत हो, तो नर्व कंप्रेशन यानी नस दबने की समस्या भी हो सकती है। इसलिए इन परेशानियों से बचने के लिए रोज स्ट्रेचिंग करना बेहद जरूरी है। शरीर की अकडऩ और दर्द आम समस्याएं हैं, अक्सर जब लोग सोकर उठते हैं तो शरीर में हल्का दर्द रहता है। चलने पर कुछ देर लंगडाने लगते हैं। वहीं झुक कर बैठने से भी पीठ, पीछे की गर्दन में अकडऩ व दर्द महसूस होता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए योग एक प्रभावी तरीका है। शरीर से न केवल शरीर में लचीलापन आता है, बल्कि दर्द से राहत मिलती है। इन आसान और प्रभावी योगासनों से आप शरीर की अकडऩ और दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
बालासन
इसे बालासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका अभ्यास करते वक्त व्यक्ति एक बच्चे जैसा दिखता है। हालांकि, वास्तिवक तौर पर यह योग मुद्रा दैवीय शक्ति के प्रति समर्पण का प्रतीक है क्योंकि इसमें आप अपने घुटनों के बल झुकते हैं और अपने सिर को नीचे रखते हैं। यह मुद्रा अपने अहंकार को त्याग करके जमीन से जुड़े रहने और सौम्य स्वभाव रखने के बारे में बताता है। बालासन तनाव को कम करने और रीढ़ की हड्डी, कंधों और गर्दन की अकडऩ से राहत दिलाने में सहायक है। यह आसन मानसिक शांति भी प्रदान करता है। घुटनों के बल बैठकर धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और माथे को जमीन पर रखें। हाथों को सामने की ओर फैलाएं या शरीर के बगल में रखें।
भुजंगासन
भुजंगासन दो शब्दों भुजंग और आसन से मिलकर बना है। अंग्रेजी में इस आसन को कोबरा पोज कहते हैं। इस योग में सांप की तरह अपने धड़ को आगे की दिशा में उठाकर रखना होता है। भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में मदद करता है और पीठ के निचले हिस्से के दर्द से राहत दिलाता है। यह मुद्रा कंधों, छाती और पेट को भी स्ट्रेच करती है, जिससे शरीर की अकडऩ कम होती है। अगर आपको पेट संबंधी कोई भी समस्या है, तो रोजाना भुजंगासन करने से आप अपनी उस समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं। पेट के बल लेटकर दोनों हाथों को कंधों के नीचे रखें। धीरे-धीरे शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
उष्ट्रासना और वीरभद्रासना
उष्ट्रासन पीठ और कंधों को खोलने और तनाव को कम करने में काफी ज्यादा असरदार है। इसको करने के लिए आप अपने घुटनों को फर्श पर रखें और अपने नितंबों को ऊपर उठाएं। फिर अपने हाथों को अपनी एडिय़ों को पकड़ें और धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें। इस स्थिति में रहकर कुछ देर गहरी सांसें लें और छोड़ें। इसी तरह वीरभद्रासन भी करने से इस समस्या में काफी राहत मिलती है। इसे करने केलिए अपने एक पैर को कंधों की चौड़ाई से ज्यादा रखें और अपने सामने वाले पैर का कोण 90 डिग्री बनाएं। अपने सामने वाले हाथ को सामने की ओर और अपने पीछे वाले हाथ को पीछे की ओर बढ़ाएं। इस स्थिति में कुछ गहरी सांसें लें और छोड़ें।
अधोमुख श्वानासन
यह आसन पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है, जिससे मांसपेशियों की अकडऩ और दर्द से राहत मिलती है। अधो मुख श्वानासन हाथ, कंधे, पीठ और पैरों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। दोनों हाथों और घुटनों के बल आएं। हाथों को जमीन पर रखकर धीरे-धीरे कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं, जिससे शरीर वी आकार में आ जाए। कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रहें और फिर वापस आएं। यह आसन तनाव या स्ट्रेस को कम करता है। यह शरीर में नर्वस सिस्टम के लिए अच्छा होता है, जिससे तनाव कम हो सकता है।
ब्रिज आसन
ये आसान हमारे मन और शरीर के बीच तालमेल बैठाने में मदद करता है। ये आसन हमारे शरीर से टेंशन को निकालता है और शरीर में लचीलापन लाता है, सीने गर्दन और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव पैदा करता है। इस योग को करने के लिए योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं सांसो की गति को सामान्य रखें। इसके बाद हाथों को बगल में रख लें अब धीरे-धीरे अपने पैरों को घुटनों से मोडक़र हिप्स के पास ले आएं। हिप्स को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं। हाथ जमीन पर ही रहेंगे कुछ देर के लिए सांस को रोक कर रखें, इसके बाद सांस को छोड़ते हुए वापस जमीन पर आएं। पैरों को सीधा करें और आराम करें, 10 से 15 सेकंड तक आराम करने के बाद फिर से इसे शुरू करें।