लिव इन जैसे संबंधों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से की गई ये मांग
This demand was made to the Supreme Court regarding live-in relationships
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4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ।
आज कल नए युग में युवा लिव इन रिलेशन का सहारा लेती है। लेकिन इस लिव इन के दौर में बढ़ते अपराध को देखते हुए लिव-इन जैसे संबंधों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बनाने और उसे अनिवार्य रूप से लागू करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है। चर्चित मर्डर केस श्रद्धा वॉलकर और निक्की यादव मर्डर केस का याचिका में हवाला दिया गया है। दरअसल याचिका में कहा गया है कि इस तरह चोरी छुपे रिश्ते रखना एक अपराध की श्रेड़ी में आता है। लिव इन पार्टनर्स की सुरक्षा के लिए उनके संबंध की जानकारी पुलिस के पास होना ज़रूरी है. सुप्रीम कोर्ट की वकील ममता रानी की याचिका में लिव इन में रह रहे लोगों की संख्या की जानकारी जुटाने की भी मांग की गई है।
कोर्ट को देना होगा केंद्र को निर्देश
याचिका में ये भी कहा गया है कि कोर्ट इसकी जानकारी केंद्र देगा। बता दें याचिकाकर्ता ये दलील की है ये तभी संभव होगा जब लिव इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाएगा। याचिकाकर्ता ने श्रद्धा और निक्की हत्याकांड जैसे कई मामलों का हवाला दिया है।
लिव इन जैसे रिश्ते में सुरक्षा जरुरी
याचिका में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने कई आदेशों में खतरे का सामना कर रहे लिव इन रिलेशन में रह रहे लोगों को सुरक्षा दी है. इस तरह के संबंधों को मौलिक अधिकारों के दायरे में माना है लेकिन अभी ऐसे संबंधों के रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था नहीं है.
दरअसल देश में कुछ ऐसे मर्डर केस हुए हैं जिसके बाद कोर्ट में संबंधों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बनाने और उसे अनिवार्य रूप से लागू करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है।