केंद्र की भाजपा सरकार का यह अंतरिम बजट नहीं, बल्कि अंतिम बजट है : ममता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

कोलकाता। केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में पेश 2024-25 के अंतरिम बजट को उसका अंतिम बजट करार देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि इस साल होने वाले आम चुनाव में सत्तारूढ़ दल हार का स्वाद चखेगा। कोलकाता में एक धरना प्रदर्शन के दौरान ममता ने यह टिप्पणी की। विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए केंद्र से राज्य के बकाए की मांग को लेकर शुक्रवार को यह धरना शुरू हुआ। ममता ने कहा, यह अंतरिम बजट नहीं, बल्कि अंतिम बजट है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने बृहस्पतिवार को सरकार का अंतरिम बजट लोकसभा में पेश किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने 2011 से केंद्रीय कोष के इस्तेमाल के संबंध में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा किया है। पार्टी ने प्रदेश में पहली बार 2011 में सत्ता संभाली थी। उन्होंने कहा, हमारे सत्ता में आने से पहले, वाम मोर्चा सरकार के दौरान, जो हुआ उसकी जिम्मेदारी हम क्यों लें।

 

केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी कांग्रेस

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरु। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर कर्नाटक को उसके हिस्से की केंद्रीय आर्थिक सहायता देने में भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ सात फरवरी को नई दिल्ली में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे तथा इसमें 138 विधायक, कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य और सांसद हिस्सा लेंगे।
शिवकुमार ने यहां कहा, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व में कर्नाटक सरकार के सभी 136 विधायक, दो अन्य विधायक और विधान परिषद सदस्य छह फरवरी को नई दिल्ली पहुंचेंगे तथा सात फरवरी को प्रदर्शन करेंगे। हम चाहते हैं कि दिल्ली में केंद्र सरकार हमारी आवाज सुने। उन्होंने कर्नाटक के सभी सांसदों से अपने राजनीतिक मतभेदों और दलीय संबद्धता को किनारे रखते हुए इस आंदोलन में भाग लेने की अपील की। कांग्रेस नेता के मुताबिक, दिल्ली में संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर सात फरवरी को प्रदर्शन की इजाजत मांगी गई है। इसका कारण बताते हुए शिवकुमार ने कहा, पिछले पांच साल में हमारे हिस्से का 62,000 करोड़ रुपए हम तक नहीं पहुंचा है। केंद्रीय अनुदान में कर्नाटक की हिस्सेदारी में यह कटौती डबल इंजन सरकार के दौरान भी हुई थी, जब राज्य और केंद्र दोनों ही जगह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में थी। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि कर्नाटक के 236 में से 200 से अधिक तालुक गंभीर सूखे की चपेट में हैं, लेकिन अभी तक केंद्र ने राज्य को कोई राहत सहायता मंजूर नहीं की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में राज्य के अधिकारों के लिए लडऩा बेहद आवश्यक हो गया है।

 

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