आज तक अनसुलझा है यह रहस्य
इस गांव की लड़कियां 12 साल की होते ही बन जाती हैं लडक़ा!
दुनिया में कई ऐसी अजीबोगरीब जगहें हैं, जिनके रहस्य आजतक कोई नहीं सुलझा पाया। आपने भी कई ऐसी जगहों के बारे में सुना होगा जैसे किसी जगह पर ज्यादातर जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। एक जगह ऐसी भी है, जहां लोग ज्यादातर समय सोते रहते हैं। लेकिन क्या आपने ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां महिलाओं के गर्भ से पैदा लड़कियां होती हैं, लेकिन बाद में वे लडक़ा बन जाती हैं। इस विचित्र जगह ने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रखा है। आज तक इस रहस्य का पता नहीं चल पाया है कि ऐसा क्यों होता है।
दरअसल, दुनिया के नक्शे पर एक डोमिनिकल रिपब्लिक नाम का गांव है। यहां की लड़कियां एक खास उम्र में लडक़ा बन जाती हैं। इस कारण इस गांव को लोग श्रापित गांव मानते हैं। इस गांव का नाम ला सेलिनास है। इस गांव की लड़कियां 12 साल की उम्र में लडक़ा बन जाती हैं। यह गांव समुद्र किनारे बसा है। इसकी जनसंख्या करीब 6 हजार है। यह छोटा सा गांव अपने अनोखे आश्चर्य की वजह से दुनियाभर के शोधकर्ताओं के लिए शोध का विषय बन चुका है। इस की पहचान एक रहस्यमयी गांव के तौर पर होती है।
यहां के लोगों का मानना है कि गांव पर किसी अदृश्य शक्ति का साया है। जबकि कुछ लोग गांव को शापित गांव मानते हैं। गांव में सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां लड़कियां पैदा होती हैं। लेकिन 12 साल की उम्र में वह लडक़ा बन जाती हैं। लडक़ी से लडक़ा बनने की इस बीमारी की वजह से गांव के लोग बेहद परेशान रहते हैं।
गांव में जब भी किसी परिवार में लडक़ी का जन्म होता है तो परिवार में मातम पसर जाता है। क्योंकि बड़ी होने पर वह भी लडक़ा बन जाएगी। इसके चलते गांव में लड़कियों की संख्या बेहद कम हो गई है। बीमारी से पीडि़त बच्चों को इस गांव में बेहद बुरी नजर से देखा जाता है। ऐसे बच्चों को ग्वेदोचे के नाम से बुलाया जाता है।
स्थानीय भाषा में इस शब्द का मतलब किन्नर होता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, ये बीमारी एक आनुवंशिक विकार है और स्थानीय भाषा में इससे ग्रस्त बच्चों को ‘सूडोहर्माफ्राडाइट कहते हैं। इस बीमारी में लडक़ी के रुप में पैदा हुए कुछ बच्चों के शरीर में धीरे-धीरे पुरुषों जैसे अंग बनने लगते हैं। उनकी आवाज भी भारी हो जाती है। उनके शरीर में वो बदलाव आने शुरू हो जाते हैं, जो उन्हें धीरे-धीरे लडक़ी से लडक़ा बना देते हैं। कई शोधकर्ताओं ने इस बीमारी का उपचार खोजने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। जांच के दौरान पता चला कि इस गांव में 90 में से एक बच्चा इस बीमारी से जूझ रहा है।