इस शख्स के पास आज भी मौजूद हैं नवाबों के वक्त के गहने
लखनऊ। लखनऊ के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह के शासन के बाद यहां अंग्रेजों का शासन हुआ। इसके बाद फिर कभी लखनऊ में कोई नवाब नहीं आया, लेकिन नवाबों का वक्त ऐसा था जब लखनऊ में खूब पैसा हुआ करता था। नवाबों के पास बेहिसाब दौलत थी, जिससे उन्होंने लखनऊ को सजाया और संवारा था। आज भी लखनऊ में कई ऐसे लोग हैं जिनके पास नवाबों के वक्त का सामान मौजूद है इन्हीं लोगों में एक थे नवाब मीर अब्दुल्ला जिनका निधन हो गया। इसी बीच लखनऊ में एक व्यापारी हैं जिनका नाम है विनोद माहेश्वरी। इनके पास नवाबों के वक्त के तीन अहम गहने हैं जो आज के वक्त में किसी के पास देखने के लिए नहीं मिलेंगे। व्यापारी का कहना है कि इन गहनों को उन्होंने कभी भी किसी को नहीं दिखाया, लेकिन लोकल18 को दिखाने से वह खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वजों ने उन्हें नवाबों के वक्त के तीन गहने सौंपे थे। वर्तमान में ज्यादातर तो खराब हो गए हैं, लेकिन हाथों में पहनने वाले दो ब्रेसलेट और गले में पहनने वाला एक हार उनके पास सही सलामत बचा हुआ है। विनोद माहेश्वरी के पास मौजूद ये गहने देखने में जितने खूबसूरत हैं, उससे भी कई गुना इनका वजन है। यही नहीं इन पर बेहद सुंदर आकृतियां बनाई गई हैं। खासतौर पर गले का जो हार यहां पर मौजूद है, उसे उसे नवाबों के वक्त पर बेगमें पहनती थीं। इसमें मटर के आकार के चांदी की मोतियां लगी हुई हैं, जबकि उसका पेंडेंट पूरा चांदी का है। यही नहीं विनोद महेश्वरी बताते हैं कि उनके पास कई बार लोग आए और इन्हें खरीदने का मन बनाया, लेकिन उन्होंने इन गहनों को बेचा नहीं। वह कहते हैं कि अगर आज की डेट पर इन गहनों को बेचा जाए तो इनकी कीमत लाखों में है। विनोद महेश्वरी के पास दो मोटे ब्रेसलेट भी मौजूद हैं, जिसे नवाबों के वक्त में बेगमों के साथ ही अवध के नवाब भी पहनना पसंद करते थे। इन गहनों का भी वजन अधिक है। ये देखने में बेहद खूबसूरत हैं और आज के जमाने में ऐसे खूबसूरत गहने देखने के लिए कहीं पर भी नहीं मिलेंगे, इसलिए विनोद माहेश्वरी ने बताया कि वह इन गहनों को किसी को भी नहीं बेचेंगे और पूर्वजों की दी गई है निशानी हमेशा अपने पास रखेंगे।