जो राम के नहीं, वो किसी के नहीं, आलाकमान के फैसले से दुखी कांग्रेस नेता ने दिया इस्तीफा
ग्वालियर। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है। भाजपा नेताओं द्वारा लगातार मंदिरों की सफाई की जा रही है। वहीं, कांग्रेस आलाकमान ने इस समारोह में शामिल होने का एलान कर दिया है। हालांकि, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का अयोध्या न जाने का फैसले से पार्टी के कई नेता नाराज हैं।
इस नाराजगी की वजह से ग्वालियर कांग्रेस के उपाध्यक्ष व तीन बार पार्षद रहे आनंद शर्मा ने सोमवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस आलाकमान के शामिल न होने के फैसले से दुखी होकर उन्होंने यह फैसला लिया है।कांग्रेस से नाता तोडऩे को लेकर उन्होंने कहा जो कांग्रेस राम की नहीं है, वह अब किसी की नहीं है। राम से विमुख हुई कांग्रेस का हर कार्यकर्ता आज शीर्ष नेतृत्व से व्यथित है। शर्मा का कहना है कि वे आज अपने पड़ोसी से आंख से आंख मिलाकर बात नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उनका एक ही सवाल है कि रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से कांग्रेस ने दूरी क्यों बनाई? इस सवाल का जवाब हम जैसे कार्यकर्ता के पास तो नहीं है।
आनंद शर्मा ने मीडिया से राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि आज यह जो कुछ हो रहा है कि उसकी आधारशिला कांग्रेस ने ही रखी थी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय की कांग्रेस की नीतियों की वर्तमान में अवहेलना हो रही है। बता दें कि वो पिछले 48 सालों से कांग्रेस से जुड़े थे।
बता दें कि कुछ दिनों पहले मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इस्तीफा देने के बाद मिलिंद ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति घुटन भरी और जहरीली लग रही है।’ शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता ने कहा कि वही पार्टी है जिसने 30 साल पहले आर्थिक सुधारों की शुरुआत की थी, वह अब एक ऐसी पार्टी बन गई है जो उद्योगपतियों, व्यापारियों को गाली दे रही है और व्यापारियों को ‘देश-विरोधी’ कह रही है।