महायुति में सीट बंटवारे को लेकर फंसा पेंच, BMC चुनाव से पहले बढ़ी मुश्किलें!

महाराष्ट्र में दिनों सियासी पारा हाई चल रहा है आगामी BMC चुनाव को लेकर नेताओं की तरह-तरह की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। ऐसे में अपने-अपने खेमे को मजबूत करने के लिए सभी दलों ने सियासी चाल चलनी शुरू कर दी है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क:महाराष्ट्र में दिनों सियासी पारा हाई चल रहा है आगामी BMC चुनाव को लेकर नेताओं की तरह-तरह की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। ऐसे में अपने-अपने खेमे को मजबूत करने के लिए सभी दलों ने सियासी चाल चलनी शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ महायुति में सीट बंटवारे को लेकर अनबन की खबरें भी सामने आ रही है। इस बीच महायुति में भी सीट शेयरिंग पर चर्चा हो रही है.

वर्षा बंगले पर महायुति की करीब दो घंटे लंबी बैठक चली. सामने आई खबरों के मुताबिक, इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ अलग बैठक कर आगामी नगरपालिका चुनावों की समीक्षा की, जिसमें खासतौर पर मुंबई महानगरपालिका को लेकर गहन चर्चा हुई. खबरों में तो ये भी पता चला है कि मुंबई महानगरपालिका की 150 सीटों पर पहले ही सहमति बन चुकी है, जबकि बाकी बचीं 77 सीटों को लेकर सोमवार, 22 दिसंबर की रात चर्चा की गई है. इस दौरान करीब 30 से 35 सीटों पर सहमति बन गई है, जबकि बाकी सीटों को लेकर जल्द ही एक और बैठक कर अंतिम फैसला लेने पर सहमति बनी है.

महाराष्ट्र के विपक्षी महागठबंधन दल के समीकरण अब बदलते हुए नजर आ रहे हैं. कांग्रेस के जाने और राज ठाकरे की एंट्री की संभावना के बीच अब सीट शेयरिंग पर भी नए तरीके से चर्चा चल रही है. मुंबई की 227 सीटों में से उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी के पास अब तक 145 सीटें हैं. वहीं, राज ठाकरे की मनसे 65 से 70 सीटें अब तक पा सकती है. इसके अलावा, शरद पवार की एनसीपी एसपी को 10 से 12 सीटें मिल सकती हैं.

इसके अलावा, राज ठाकरे की मनसे ने यह भी तय किया है कि जब तक सीट शेयरिंग पर पूरी तरह से बात नहीं हो जाती, तब तक गठबंधन की घोषणा पर विराम लगाया जाए. एक बार दोनों पार्टियों में सीटों को लेकर सहमति बन जाए, तभी ठाकरे बंधुओं को गठबंधन की घोषणा करनी चाहिए. ऐसे में माना जा रहा है कि राज और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन टल गया है.

ऐसे में चुनावी नतीजों के सामने आने के बाद नेताओं की लगातार प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई हैं। इसी बीच इस मामले में शिवेसना शिंदे के नेता ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि संजय निरुपम ने कहा कि महाराष्ट्र का मराठी मानुस और शिवसैनिक उद्धव ठाकरे की भूमिका को हिंदुत्व के खिलाफ मानते हैं, इसलिए असली शिवसेना को लेकर जनता ने अपना फैसला सुना दिया है. उनका दावा है कि बालासाहेब ठाकरे के विचारों की असली शिवसेना वही है और इसी विश्वास के साथ शिवसेना गांव-गांव तक मजबूत संगठन के रूप में खड़ी है. उन्होंने कहा कि 29 महानगरपालिकाओं में गठबंधन के तहत चुनाव लड़े जा रहे हैं, जिनके लिए नामांकन शुरू हो चुके हैं.

निरुपम के अनुसार, इस चुनाव में भाजपा पहले और शिवसेना दूसरे स्थान पर रही, जबकि शिवसेना की स्ट्राइक रेट 55 प्रतिशत रही. BJP ने 63 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ 117 नगराध्यक्ष जिताए, वहीं अजित पवार गुट को 54 प्रतिशत सफलता मिली. इसके मुकाबले शिवसेना UBT को केवल 18.5 प्रतिशत स्ट्राइक रेट मिली और 288 में से सिर्फ 9 नगराध्यक्ष ही चुने जा सके.

इस बीच चुनाव में अजित पवार गुट के साथ गठबंधन की अटकलों को लेकर एनसीपी (SP) की सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि एनसीपी के दोनों गुट के अध्यक्षों के बीच बात हुई है, ऐसा मैंने भी सुना है, आज के पेपर में भी है लेकिन ऑफिशियल प्रस्ताव न हमने उनको भेजा है और ना ही उनके यहां से हमारे पास आया है. बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने आगे कहा, ”मेरे खयाल से कल-परसों तक हमारी कोशिश रहेगी कि मुंबई हो, पुणे, नासिक, नागपुर हो, महाराष्ट्र में जहां भी चुनाव होने जा रहे हैं, महाविकास अघाड़ी मिलकर चुनाव लड़े. इसके बाद अगर दूसरे भी कुछ सुझाव आए तो हम चर्चा के लिए तैयार हैं.

अब जैसे सुप्रिया का कहना है कि जो 124 बीजेपी के आए हैं, मैं बड़ी विनम्रता से कहना चाहती हूं कि 124 में कितने बाहर के चुनकर आए हैं? बीजेपी ने बाहर से ताकतवर लोगों को लेकर अपनी पार्टी को बढ़ाई है, इस बारे में भी थोड़ा सोचना चाहिए.” वहीं  एक तरफ जहाँ BMC चुनाव की तैयारियां चल रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ नगर परिषद और नगर पंचायत के चुनाव के नतीजों को लेकर भी सियासी गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है। इसे लेकर एक तरफ जहां विपक्ष आरोप लगा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा अलग ही राग अलाप रही है।

इन चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं अब बीजेपी नेता राम कदम में विपक्ष की हार के कारण बताते हुए बड़ा दावा कर दिया है। बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि विपक्ष चुनाव प्रचार पर ध्यान देने के बजाय बार-बार बहाने बना रहा था. उन्होंने कहा, “विपक्ष ने चुनाव टालने की बात की, वोट चोरी का आरोप लगाया, ईवीएम और वोटर लिस्ट से जुड़े मुद्दे उठाए और कई दूसरे बहाने बनाए. ये मुद्दे तभी उठाए गए जब वे हार गए. प्रचार के दौरान विपक्ष शायद ही सड़कों पर निकला. कोई रैली या जमीनी स्तर पर लोगों से संपर्क नहीं किया गया.”

उन्होंने कहा वहीं महायुति गठबंधन आत्मविश्वास और जीत की सोच के साथ चुनावी लड़ाई में उतरा था. इसी का नतीजा शानदार जीत के रूप में सामने आया. राम कदम ने ये भी कहा कि बीजेपी और उसके सहयोगियों की सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व और पिछले कुछ सालों में पूरे राज्य में किए गए विकास कार्यों को दिया.

उन्होंने कहा कि सत्ता में रही सरकार के प्रदर्शन ने पहले विधानसभा चुनावों में और अब स्थानीय निकाय चुनावों में सफलता के लिए एक मजबूत नींव रखी. विधायक राम कदम ने आगे कहा, “मुख्यमंत्री फडणवीस के नेतृत्व में पिछले कुछ सालों में महाराष्ट्र में किए गए काम से विधानसभा चुनावों में जबरदस्त सफलता मिली. इन प्रयासों और उपलब्धियों के कारण हमने विधानसभा में शानदार नतीजे दिए और पहले दिन से ही हम जीत का जज्बा अपने माथे पर लेकर चले.”

विधायक राम कदम ने कहा कि बीजेपी नेतृत्व और गठबंधन सहयोगियों ने सक्रिय रूप से मतदाताओं से संपर्क किया. उन्होंने कहा, “हमारे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री लगातार जमीन पर थे, प्रचार कर रहे थे और बड़ी रैलियां कर रहे थे. हिम्मत, दृढ़ संकल्प और हमारे कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत से हम आत्मविश्वास के साथ चुनावी मैदान में उतरे.

इसीलिए हम जीते और विपक्ष को हार का सामना करना पड़ा.” अब महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव के बाद सभी दलों ने BMC चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव की घोषणा हो चुकी है. निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक बीएमसी सहित प्रदेश के 29 नगर निगमों के लिए 15 जनवरी को चुनाव होंगे जबकि 16 जनवरी को वोटों की गिनती की जाएगी.

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