यूपी विधानसभा मानसून सत्र आज से शुरू, कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर हंगामे के आसार 

यूपी विधानसभा का मानसून सत्र आज सोमवार (29 जुलाई) से शुरू होने जा रहा है। पक्ष और विपक्षी पार्टियों के नेता पहुंच चुके हैं...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: यूपी विधानसभा का मानसून सत्र आज सोमवार (29 जुलाई) से शुरू होने जा रहा है। पक्ष और विपक्षी पार्टियों के नेता पहुंच चुके हैं। 5 दिन के इस सत्र में जोरदार हंगामे की संभावना जताई जा रही है। वहीं विपक्ष खासतौर पर समाजवादी पार्टी-कांग्रेस मिलकर विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार पर सवाल उठा सकती है। आपको बता दें कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के विकास से जुड़ी योजनाओं व कार्यक्रमों को रफ्तार देने के मकसद से अनुपूरक बजट भी सदन के पटल पर पेश करेगी।

इसके अलावा सदन में जनहित से जुड़े विषय जैसे सूखा-बाढ़, बिजली, कानून व्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी और पेपर लीक आदि मुद्दों को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी सपा व अन्य दलों की तरफ से हंगामा किए जाने के आसार हैं। विपक्षी दलों की तरफ से सरकार से सड़क से लेकर सदन तक सवाल पूछे जाएंगे। कुल मिलाकर मानसून सत्र में विपक्ष का पूरा रुख आक्रामक रहने की पूरी संभावना है। सदन की कार्यवाही के दौरान 12 से ज्यादा अध्यादेश को पारित कराकर विधेयक बनवाने की प्रक्रिया पूरी होगी।

बताया जा रहा है कि योगी सरकार मानसून सत्र के दौरान 30 जुलाई को अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। इसमें कुंभ मेले के लिए अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए भी अतिरिक्त वित्तीय आवंटन की व्यवस्था की जाएगी। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना मंगलवार को दोपहर 12:20 बजे इस बजट को प्रस्तुत करेंगे।

वहीं इस सत्र में सपा के सात बागी विधायकों का रुख क्या होगा? इस पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी। वहीं मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडेय, जो सपा के साथ हैं, उनका क्या रुख रहेगा? यह देखना दिलचस्प होगा। वे सदन में सपा विधायकों के साथ बैठेंगे या कहीं और, और सपा के सवालों और विरोध का समर्थन करेंगे या नहीं, यह भी एक प्रश्न है। अखिलेश यादव इन बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसके साथ ही सपा विधायक पल्लवी पटेल पहले ही PDA के मुद्दे पर असहमति जता चुकी हैं। ऐसे में संभव है कि कुछ अन्य बागी विधायक भी सदन में उपस्थित न हों। भारतीय जनता पार्टी का इन बागी विधायकों के प्रति रुख भी इसी सत्र में स्पष्ट होगा।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • सदन में इस बार सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का स्वरूप बदला हुआ दिखाई देगा।
  • अखिलेश यादव और लालजी वर्मा, जो अब सांसद हैं, सदन में उपस्थित नहीं होंगे।
  • ऐसे में उनकी जगह नेता प्रतिपक्ष के रूप में माता प्रसाद पांडेय दिखेंगे।

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