पकड़ा गया यूपी सरकार का झूठ महाकुंभ भगदड़ में हुईं थीं 82 मौतें!

4PM यूट्यूब चैनल ने पहले ही दिखाई थी पोस्टमार्टम रूम की तस्वीर

26 के नाम लिस्ट में नहीं
पीडि़तों को 5-5 लाख देकर बंद कराया गया उनका मुंह
यूपी पुलिस ने मौत के लिए तबियत बिगडऩे की बात मानने का डाला दबाव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 4 पीएम यूट्यूब चैनल ने महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ को लेकर अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें मौतों की संख्या सरकार के बताए आंकड़ों से कहीं ज्यादा दिखाई थी। चैनल के उस दावे के तीन महीने बाद एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है जिसमें दावा है कि उस दिन 82 लोगों की मौत हुई थी।
इस रिपोर्ट ने चैनल के दावे को और पुष्टï कर दिया है। साथ ही चैनल के सच दिखाने के अपने अभियान को और मजबूती प्रदान की है। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या हुई भगदड़ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक संगम नोज पर हुई भगदड़ में 37 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद उनके परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा दिया गया है। कई रिपोर्ट में ये भी दावे किए गए है कि अब तक लोगों को मुआवजा तक नहीं दिया गया है।

 

26 परिवारों के खोए परिजनों की मृतकों की सूची में नाम ही नहीं

बीबीसी हिन्दी की रिपोर्ट के अनुसार उस दिन कम से कम 82 लोगों की मौतें हुईं थीं। इनमें से 26 परिवार ऐसे मिले जिन्होंने भगदड़ में अपनों को खोया लेकिन उनके नाम मृतकों की सूची में शामिल नहीं किए गए।

100 से ज्यादा परिवारों ने भगदड़ में खोया अपनों को

नई रिपोर्ट के मुताबिक 50 से अधिक जिलों में कई गई पड़ताल में १०० से ज्यादा ऐसे परिवार मिले जिन्होंने भगदड़ में अपनों के मारे जाने की बात को स्वीकार किया है। इनमें से 82 परिवारों के इसके पुख्ता सबूत दे पाए हैं।

चार जगहों पर मची थी भगदड़

रिपोर्ट के मुताबिक मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में चार जगहों पर भगदड़ मची थी। जिसमें लोगों की मौत हुई। सीएम योगी के मुताबिक 37 में से 35 लोगों को सरकार द्वारा 25-25 लाख रुपये की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। जो डायरेक्ट ट्रांसफर या चेक के जरिए दी गई।

पुलिस ने जबरन पेपरों पर साइन करवाया

बीबीसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जांच के दौरान 26 परिवार ऐसे मिले, जिन्हें 5-5 लाख रुपये कैश में दिए गए है। उनके पास यूपी पुलिस द्वारा ये राशि देते हुए वीडियो और फोटो भी मौजूद है। इन कई परिवारों ने दावा किया उनसे जबरन ऐसे पेपरों पर साइन कराए गए जिनपर अचानक तबीयत बिगडऩे से मौत होने की बात कही गई थी। इसके अलावा पड़ताल में 19 और ऐसे परिवार भी मिले जिन्हें 5-5 लाख रुपये भी नहीं मिले।

झूठ की कोई भी सूचना-प्रबंधन सत्य को बाहर आने से नहीं रोक सकता : अखिलेश यादव

सब देखें, सुनें, जानें-समझें और साझा करें। सत्य की केवल पड़ताल नहीं, उसका प्रसार भी उतना ही ज़रूरी होता है। भाजपा आत्म-मंथन करे और भाजपाई भी और साथ ही उनके समर्थक भी कि जो लोग किसी की मृत्यु के लिए झूठ बोल सकते हैं, वो झूठ के किस पाताल-पर्वत पर चढक़र अपने को, अपने मिथ्या-साम्राज्य का मुखिया मान रहे हैं। झूठे आँकड़े देनेवाले ऐसे भाजपाइयों पर विश्वास भी विश्वास नहीं करेगा। सवाल सिर्फ़ आँकड़े छिपाने का नहीं है, सदन के पटल पर असत्य बोलने का भी है और इस बड़ी बात का भी है कि ’महाकुंभ मृत्यु-मुआवज़े’ में जो राशि नक़द दी गयी, वो कैश क्यों दी गयी?,वो कैश आया कहाँ से? और जिनमें वो कैश वितरित नहीं हो पाया, वो कैश वापस गया किसके हाथ में? नक़दी देने का निर्णय किस नियम के तहत हुआ? नक़दी का वितरण किसके आदेश पर हुआ? ,नक़दी के वितरण का लिखित आदेश कहाँ है? ,नक़दी वितरण में क्या कोई अनियमितता हुई? और साथ ही यह भी कि मृत्यु के कारण को बदलवाने का दबाव किसके कहने पर बनाया गया? ये रिपोर्ट अंत नहीं, महाकुंभ में हुई मृत्युओं और उनसे जुड़े पैसों के महासत्य की खोज का आरंभ है। सत्य जब उजागर होता है, तो झूठ की परत-दर-परत खुलती है, जो स्वांग के हर चोगे और मुखौटे को उतारती जाती है, परदे उठाती जाती है। झूठ का कोई भी सूचना-प्रबंधन ऐसे सत्य को बाहर आने से नहीं रोक सकता।

योगी सरकार ने महाकुंभ को अपनी एक बड़ी उपलब्धि बताया था

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ को अपनी एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर दिखाती रही है। ख़ुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सदन में महाकुंभ में हुई भगदड़ के बारे में जानकारी देते हुए 37 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की थी।

तीन कैटेगरी में बांटे गए मृतकों के परिवार

बीबीसी की रिपोर्ट में महाकुंभ में मारे गए 82 मृतकों को तीन हिस्सों में बांटा गया है। इनमें से पहले पहली कैटेगरी में वो लोग हैं जिन्हें 25-25 लाख रुपये मिले, दूसरी कैटेगरी में 5-5 लाख रुपये कैश में मिलने वाले परिवार है जबकि तीसरी कैटेगरी में मृतकों के ऐसे परिवार है जिन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली। जिन लोगों को 5-5 लाख रुपये दिए गए उनमें 18 उत्तर प्रदेश से है, 5 बिहार और 2 पश्चिम बंगाल और एक झारखंड का परिवार है। इन सभी को कैश में पैसे दिए गए. ये पैसे विधिक तरीके से दिए इसके संकेत नहीं है। तीसरी कैटेगरी में 19 मृतकों के परिवार हैं जिन्हें सरकार से कोई सहायता नहीं मिली। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है मृतकों की संख्या इससे भी ज्यादा हो सकती है। जिन 82 लोगों की भगदड़ में मौत होने का दावा किया गया है उन सभी के भगदड़ में मौत होने के पुख्ता सबूत और चश्मदीद गवाह भी मौजूद है।

कांग्रेस ने भी उठाए सवाल

वहीं कांग्रेस ने भी इस रिपोर्ट को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। अपने एक्स हैंडल पर मृतकों की तस्वीर जारी करते हुए कांग्रेस ने लिखा- कुंभ भगदड़ में यूपी की भाजपा सरकार ने 37 लोगों की मौत की बात कही थी। जबकि बीबीसी की पड़ताल में 82 लोगों की मौतों की पुष्टि हुई है। बीबीसी को ऐसे 26 परिवार मिले जिन्हें पांच-पांच लाख रुपए कैश के बंडल देकर कुंभ से हटा दिया गया और मृतकों की गिनती में शामिल नहीं किया गया। सवाल है ??

सरकार का मुंह काला कर गधे पर घुमाना चाहिए: पप्पू यादव

वहीं बिहार के पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि डूब मरो यूपी की भाजपा सरकार। हिंदू श्रद्धालुओं के मौत में घोटाला करने वाली मोदी-योगी सरकार का मुंह काला कर गधे पर घुमाना चाहिए। डिजिटल लेन-देन की बात करने वाली सरकार किस घोटाले के मद से 1 करोड़ 30 लाख नकद बांटी? इतना नकद लेन देन आम आदमी करता जेल में होता।

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