UP : हर्षा रिछारिया ने शुरू की, सनातन युवा जोड़ो पदयात्रा
हर्षा रिछारिया ने 'सनातन युवा जोड़ो पदयात्रा' शुरू की है. 'सर्वांगीण समृद्धि समाज उत्थान समिति के तत्वावधान में इस पदयात्रा का आयोजन किया गया है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से युवा साध्वी हर्षा रिछारिया की पदयात्रा रोके जाने का मामला सामने आया है। पदयात्रा को रोके जाने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। मथुरा के वृंदावन से संभल तक साध्वी ने युवा जोड़ो पदयात्रा की शुरूआत की है। इस पदयात्रा के तहत मॅाडल से साध्वी बनी हर्षा रिछारिया अलीगढ़ पहुंती थी.. यहां उनका जोरदार स्वागत भारतीय जनता पार्टी की ओर से किया गया। साध्वी हर्षा ने बुधवार को मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद गुरुवार को आगे की पदयात्रा शुरू की, लेकिन अब खबर आ रही है कि रामघाट रोड पर उनकी पदयात्रा को रोक दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें,कि सांस्कृतिक और सामाजिक जागरूकता को समर्पित ‘सनातन युवा जोड़ो पदयात्रा’ की शुरुआत हर्षा रिछारिया के नेतृत्व में सोमवार को वृंदावन के श्रीराम मंदिर से हुई। इस पदयात्रा का आयोजन ‘सर्वांगीण समृद्धि समाज उत्थान समिति’ के तत्वावधान में किया गया है।इस यात्रा का उद्देश्य युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ना, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना और राष्ट्र के पुनर्निर्माण में युवा शक्ति की भूमिका को रेखांकित करना है। पदयात्रा कुल 175 किलोमीटर लंबी है और इसका समापन 21 अप्रैल को संभल में होगा। इस दौरान यात्रा विभिन्न गांवों, कस्बों और तीर्थस्थलों से होकर गुजरेगी, जहां स्थानीय युवाओं और नागरिकों से संवाद किया जाएगा।
महाकुंभ से हर्षा रिछारिया सुर्खियों में आईं. वो मॉडल ने साध्वी बन गईं. अब उन्होंने 14 अप्रैल सोमवार से ‘सनातन युवा जोड़ो पदयात्रा’ शुरू की है. उनकी इस पदयात्रा का मकसद युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ना है. हर्षा रिछारिया की ‘सनातन युवा जोड़ो पदयात्रा’ सोमवार को वृंदावन के श्रीराम मंदिर से शुरू हुई. ये सात दिनों की पदयात्रा है. पदयात्रा का समापन 21 अप्रैल को संभल में होगा.
पदयात्रा के क्रम में मंगलवार को हर्षा रिछारिया अलीगढ़ के इगलास कस्बे में पहुंचीं. यहां स्थानीय लोगों द्वारा उनका स्वागत किया गया.
उन्होंने कहा कि युवाओं को सनातन धर्म और अपने परिवार से जोड़ना उनका मकसद है. क्योंकि सनातन दुनिया का सबसे उत्कृष्ट धर्म है.हर्षा रिछारिया ने कहा कि ये पदयात्रा 175 किलोमीटर की है. जो संभल तक पहुंचेगी.
यात्रा सफल बनाने के लिए जनसंपर्क अभियान में तेज
उन्होंने कहा कि इस ‘सनातन युवा जोड़ो पदयात्रा’ के जरिये युवाओं को सनातन संस्कृति की गहराई, उसके मूल्यों और वैज्ञानिक
दृष्टिकोण से अवगत कराया जाएगा. इस यात्रा के माध्यम में युवा श्रीकृष्ण के द्वापर युग से लेकर कलियुग में कल्कि अवतार तक की
सनातन परंपरा को समझाने का प्रयास किया जाएगा. यात्रा सफल हो इसके लिए जनसंपर्क अभियान में तेजी लाई गई है.
सोशल मीडिया पर भी पदयात्रा का प्रचार
उन्होंने कहा कि आयोजन समीति के लोग स्कूल-कॉलेज, धार्मिक संस्थानों और युवा संगठनों से संपर्क कर रहे हैं. उन्हें पदयात्रा
से जोड़ रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी पदयात्रा का प्रचार हो रहा है. सर्वांगीण समृद्धि समाज उत्थान समिति के तत्वावधान में इस पदयात्रा का आयोजन किया गया है. इस यात्रा में सैकड़ों संतों और युवा सक्रिय भागीदारी करने वाले हैं.
बता दें कि हर्षा का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी में हुआ. हालांकि बाद में उनका परिवार भोपाल जाकर बस गया. भोपाल में उनके माता-पिता आज भी रहते हैं. हर्षा ने मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में एंकरिग की. वक्त के साथ उनका झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ा. इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड में लंबे समय तक तप साधना की. फिर सनातन धर्म का प्रचार करने लगीं.