यूपी जल निगम: वेतन-पेंशन न मिलने से 21 हजार कर्मचारियों पर रोटी का संकट
किसी को चार तो किसी को पांच माह से नहीं मिली एक भी पाई, परेशानी में परिवार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी जल निगम के 21 हजार से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को 5 महीने से वेतन और पेंशन नहीं मिला है जिसकी वजह से उनके सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। जरा सोच कर देखिए जिस घर में 5 महीने से आमदनी न हो वहां खाना पीना, बच्चों की पढ़ाई, किसी बीमार का इलाज कैसे होता होगा। विदेशों से लाखों करोड़ का इन्वेस्टमेंट लाने के दावे करने वाले मंत्री और अधिकारियों को इन हजारों परिवारों की शायद कोई परवाह नहीं, वरना अब तक इनकी समस्या का समाधान कर दिया होता। एबीपी गंगा की टीम जब इन कर्मचारियों के घर पहुंची तो उनके हालात बेहद खराब दिखाई दिए।
त्रिवेणी नगर में रहने वाली निर्मला देवी जल निगम की कर्मचारी हैं। पति का बहुत पहले निधन हो चुका है। उनकी दो बेटियां हैं। घर की पूरी जिम्मेदारी निर्मला देवी पर है। उन्हें जुलाई के बाद से वेतन नहीं मिला, जिससे उन्हें काफी दिक्कत हो रही है। न बच्चों की फीस जा पाती है, कई बार तो सिलेंडर तक नहीं भर पाता।
तमाम दिक्कतों के बीच सैलरी की भी कोई उम्मीद नहीं है। अब तो कोई कर्जा देने वाला भी नहीं है। घर का जेवर बेचकर दाल रोटी चल रही है। दिवाली पर भी तनख्वाह नहीं आई थी। उन्होंने कहा कि एक चैन बेचकर दिवाली मनाई, फीस भरी और गैस सिलेंडर भराया था।
बैंक से कर्ज लेकर करा रहे इलाज
निर्मला देवी ने बताया कि उन्हें कुछ दिन पहले चिकनगुनिया हो गया था, पैसे नहीं थे बिस्तर में पड़े थे, बड़ी मुश्किल से दवा चली। बैंक से कुछ कर्जा लेकर काम चलाया। सबके साथ ही समस्या आ रही, कोई सुनने वाला नहीं, समझ नहीं आता किससे बात करें। अधिकारी से बात करो तो कहते कि हमें भी नहीं मिल रही, शासन से पैसा नहीं आ रहा। क्या करें अब फिर बेटी की फीस जमा करनी है, यही कहा है कि तनख्वाह आ जाए तो जमा कर देंगे। 100 रुपये भी खर्च करने पड़े तो यह सोचना होता है कि कल के लिए भी बचाना है। कभी-कभी तो 10-20 रुपये के लिए तरस जाते हैं।
उधार लेकर घर चला रहे परिवार
जल निगम से ही रिटायर हुए श्रीकांत अवस्थी ने भी अपना दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि वो जुलाई 2017 में रिटायर हुए थे, लेकिन अभी तक ग्रेच्युटी और फंड का भुगतान नहीं हुआ। सोचा था रिटायरमेंट के बाद जब ड्यूज का भुगतान होगा उससे कोई छोटा मोटा काम करके अपनी जीविका चलाएंगे। ये तो हुआ नहीं ऊपर से 5 महीने हो गए पेंशन तक नहीं मिली। दूसरों से उधार लेते हैं। जल निगम की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि लोग उधार देने में भी संकोच करते हैं।
सीएम को लिखी चिट्ठी पर भी कोई सुनवाई नहीं
यूपी जल निगम कर्मचारी महासंघ के संयोजक अजय पाल सिंह ने कहा कि हमें 4 महीने से वेतन, पेंशन नहीं मिली। जो कर्मचारी रिटायर हो गए उन्हें ड्यूज नहीं मिले। बहुत से कर्मचारी तो पेंडुलम होकर झूल रहे हैं, उनकी पेंशन तक नहीं बंधी। कर्मचारी उधार लेते, पेंशनर अपने जेवरात बेचकर घर चला रहे हैं। हर घर में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई लोग गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं वो भी परेशान है।
अजय पाल ने कहा कि कुल 21,117 कर्मचारी और पेंशनर्स के सामने समस्या है। इसमें 6,861 कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं जिनका वेतन नहीं आ रहा है। जबकि 14,256 पेंशनर हैं जिन्हें पेंशन नही मिल रही। इसके अलावा करीब 500 कर्मचारी ऐसे भी हैं जो रिटायर हो गए लेकिन पेंशन बंधी ही नहीं। संगठन के महामंत्री आकाश श्रीवास्तव ने बताया कि आखिरी वेतन जुलाई 2022 का मिला है। अब तो रिश्तेदार भी नहीं पूछते कि कैसे हो क्योंकि जो पैसा देता है वह यह भी चाहता कि कब वापस मिलेगा। जल निगम के एमडी से लेकर ऊपर तक दर्द बता चुके हैं लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। सीएम को भी चि_ी लिखी है।ब तक कोई समाधान नहीं निकला। सीएम को भी चि_ी लिखी है।