राहुल-खरगे को न्योता न मिलने पर बवाल

  • पुतिन के सम्मान में भोज, थरूर आमंत्रित
  • कांग्रेस ने उठाए सवाल भाजपा को घेरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित होने वाले राष्ट्रपति भोज में आमंत्रित नहीं किया गया है। पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को इस रात्रिभोज का निमंत्रण मिला है। बाद में, उन्होंने निमंत्रण मिलने की पुष्टि की और कहा कि वह ज़रूर इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज शाम राष्ट्रपति भवन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन करेंगी। इस प्रकार, राष्ट्रपति भवन में राष्ट्राध्यक्षों को औपचारिक रात्रिभोज के साथ सम्मानित करने की दीर्घकालिक परंपरा जारी रहेगी।
वहीं, पुतिन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ महत्वपूर्ण शिखर वार्ता से पहले राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत के दौरान ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। पुतिन के इस दौरे पर पश्चिमी देशों की नजर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में रूसी राष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत किया। इससे पहले बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री ने रूसी नेता को निजी रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया था। औपचारिक स्वागत के बाद, पुतिन राजघाट पहुंचे और वहां महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। रूसी राष्ट्रपति कल शाम लगभग सात बजे नयी दिल्ली पहुंचे थे। वह चार साल बाद भारत की यात्रा पर आए हैं। यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है।

मुझे विपक्ष के नेता को आमंत्रित न किए जाने की जानकारी नहीं : थरूर

थरूर ने कहा कि मुझे विपक्ष के नेता को आमंत्रित न किए जाने की जानकारी नहीं है, और मुझे यह भी नहीं पता कि निमंत्रण किस आधार पर जारी किए गए। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें आमंत्रित किए जाने पर गर्व है। सूत्रों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अवर महासचिव और व्यापक कूटनीतिक अनुभव वाले थरूर को रूसी कूटनीति के साथ उनके लंबे समय से जुड़े संबंधों को देखते हुए आमंत्रित किया गया है।

सांसद जयराम रमेश ने मोदी के ट्रंप के साथ संबंधों पर किया कटाक्ष

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने शनिवार को भारत-अमेरिका संबंधों की वर्तमान स्थिति, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ संबंधों पर कटाक्ष किया। यह कटाक्ष अमेरिका की 2025 राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (एनएसएस) के जारी होने के बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद मई में बढ़े तनाव के बाद ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं। यह पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस नेता ने कहा कि व्हाइट हाउस द्वारा गुरुवार को जारी 33-पृष्ठ के दस्तावेज़ में इसके परिचय में और फिर पृष्ठ 8 पर दोहराया गया है कि ट्रंप ने आठ उग्र संघर्षों को सुलझाया जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुआ तनाव भी शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान जारी किए गए 2017 के रणनीति दस्तावेज़ की तुलना में पाकिस्तान के प्रति अमेरिकी दृष्टिकोण में बदलाव आया है। 2025 की रणनीति में अमेरिका द्वारा अपने सहयोगियों को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की आलोचना, कड़े आतंकवाद-रोधी उपायों का आह्वान और इस्लामाबाद से अपने परमाणु शस्त्रागार का ज़िम्मेदाराना प्रबंधन करने का आग्रह करने का कोई ज़िक्र नहीं है।

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