अंग्रेजों से युद्ध करते हुए प्राप्त की थी वीरगति, अमित शाह ने किया लोकार्पण

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
ग्वालियर। 165 साल के एक लंबे अंतराल के बाद ग्वालियर के सिंधिया राजघराने में एक बड़ा परिवर्तन दिखा। 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ हुई पहली क्रांति की नायिका झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजाते हुए ग्वालियर पहुंची थी। यहीं पर उन्हें वीरगति प्राप्त हुई थी। तब से इस मामले को लेकर सिंधिया परिवार लोगों के निशाने पर रहा था। उन पर लक्ष्मीबाई का साथ न देने का आरोप लगता रहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया जिस भाजपा में है वह तो बाकायदा उनके खिलाफ यह मामला उठाकर सिंधिया परिवार पर निशाना साधती रही लेकिन अब ये आरोप नहीं लगेंगे। अब वीरांगना लक्ष्मीबाई सिंधिया परिवार के शाही महल में स्थाई रूप से और सदैव मौजूद रहेंगी। सिंधिया के जयविलास पैलेस में स्थित म्यूजियम में तैयार की गई एक नई गैलरी गाथा स्वराज की के नाम पर तैयार की गई है। इसमें मराठा राजाओं के योगदान को दिखाया गया है। इसका उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को किया। संग्रहालय जयविलास पैलेस परिसर में स्थित है। जयविलास पैलेस इटली की टस्कन और कोरिंथियन शैली में बना न केवल भारत बल्कि दुनिया के चुनिंदा महलों में से एक है। चार सौ भव्य और विशाल हॉलनुमा कमरों में दिवंगत राजमाता विजयाराजे सिंधिया द्वारा अपने पति महाराजा जीवाजी राव सिंधिया की स्मृति में एक म्यूजियम का निर्माण कराया गया था, जिसमें सिंधिया राज परिवार की गाथा कहते हुए उनके परिवार से जुड़े सामानों को संरक्षित किया गया है। गैलरी को मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज और सिंधिया साम्राज्य के संस्थापक महादजी सिंधिया को समर्पित किया गया है। अब जयविलास पैलेस में स्थापित मराठा गैलरी में तैयार की गयी मराठा क्षत्राणियों के स्टैंड में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को भी स्थान दिया गया है। इसमें वीरांगना झांसी की रानी के अलावा महारानी रहीं वैजाबाई से लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया तक के सुन्दर और भावनात्मक पोट्रेट लगाय गए हैं।

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