भाजपा प्रत्याशी विक्रम सैनी को ग्रामीणों ने दौड़ाया
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बढ़ता जा रहा है गुस्सा
- भीड़ ने भाजपा प्रत्याशी को घेरा, किसी तरह वहां से निकल सके सैनी
- कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी भाजपा के खिलाफ लोगों में है आक्रोश
- दस फरवरी को यहां होनी है पहले चरण की वोटिंग, भाजपा की चिंता बढ़ी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भले ही केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस कर लिया हो लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को लेकर गुस्सा बरकरार है। विधान सभा चुनाव के पहले यहां भाजपा नेताओं के खिलाफ आक्रोश जमीन पर दिख रहा है। खतौली विधान सभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी विक्रम सैनी जैसे ही प्रचार के लिए मुनव्वरपुर गांव पहुंचे ग्रामीणों ने उनको खदेड़ दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
विधान सभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से प्रदेश की सियासत गर्म हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 10 फरवरी को पहले चरण की वोटिंग है। लिहाजा प्रत्याशी अपने विधान सभा क्षेत्रों में प्रचार के लिए पहुंचने लगे हैं। इसी कड़ी में खतौली विधान सभा सीट से भाजपा उम्मीदवार विक्रम सैनी मुनव्वरपुर गांव पहुंचे। वे अपनी बिरादरी के लोगों के बीच एक मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे लेकिन इसी दौरान किसी बात को लेकर ग्रामीणों ने विक्रम सैनी के साथ अभद्रता करते हुए उन्हें गांव से खदेड़ दिया। वीडियो में भीड़ गुस्साई नजर आ रही है और बार-बार एक बात कह रही है कि विधायक जी इस बार विधायक बनकर दिखा दो। घटना को लेकर विक्रम सैनी ने कहा, वहां दो लडक़े थे जिन्होंने शराब पी रखी थी और केवल वही विरोध कर रहे थे। बाकी गांव मेरे साथ है। इस घटना से भाजपा नेताओं में हडक़ंप मच गया है।
सांसद संजीव बालियान को भी झेलना पड़ा था विरोध
पिछले साल मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान के काफिले के साथ किसानों का हिंसक टकराव हुआ था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। मुजफ्फरनगर से भाजपा सांसद संजीव बालियान पिछले साल किसी तेरहवीं की रस्म में शामिल होने शोरम गांव पहुंचे थे, लेकिन कुछ लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों पक्षों में लाठी-डंडे चले थे। बाद में किसान यूनियन और राष्ट्रीय लोकदल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शाहपुर थाने को घेर लिया। संजीव बालियान के खिलाफ एफआईआर की तहरीर लेने के बाद ही शांति-व्यवस्था कायम हुई। हालांकि इस मामले पर किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
सपा की सरकार बनी तो पुरानी पेंशन व्यवस्था को करेंगे बहाल: अखिलेश
- कर्मचारियों का होगा कैशलेस इलाज, यश व नगर भारती सम्मान भी करेंगे शुरू
- भाजपा पर साधा निशाना कहा सरकार ने की शिक्षकों की अनदेखी
- परिवार में लड़ाई कराने का काम करती है भाजपा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होना है। भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मोर्चा संभाल लिया है। वे प्रदेश की जनता से तमाम वादे कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने आज एक और बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करेंगे। इसके अलावा यश भारती और नगर भारती सम्मान की भी शुरुआत करेंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर सपा की सरकार बनती है तो वह 2005 से पहले की पेंशन व्यवस्था बहाल करेंगे। इस वादे को वह अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल करेंगे। सपा सरकार बनने पर बुजुर्गों को पेंशन देंगे। साथ ही यश भारती व नगर भारती सम्मान शुरु करेंगे। कर्मचारियों की बात भाजपा की सरकार ने नहीं सुनी है। भाजपा सरकार ने शिक्षकों की फरियाद नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का इलाज कैशलेस होगा। उन्होंने कहा कि रोजगार को लेकर भी सपा विचार कर रही है। अपर्णा यादव, प्रमोद गुप्ता व मुलायम परिवार के कई सदस्यों के भाजपा में शामिल होने पर अखिलेश ने कहा कि हम भाजपा को शुक्रिया करना चाहते हैं। वह हमारा परिवारवाद खत्म कर रहे हैं। भाजपा के लोग परिवार में लड़ाई लड़ाने का काम करते हैं।