नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर भाजपा-कांग्रेस में शुरू हुआ वाक युद्ध

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल दिया है। इसका नाम अब ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी’ कर दिया गया है। मोदी सरकार के इस फैसले की कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आलोचना की है।

नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ये ओछी और छोटी राजनीति का परिचायक है और सूरज को दिया दिखाने जैसा है। पीएम मोदी ने नौ सालों में एक ऐसा काम नहीं किया, जिससे उनका नाम इतिहास में दर्ज हो। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिला। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल), पीएमएमएल-प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय बन गया है। पीएम मोदी के पास भय, जटिलताओं और असुरक्षाओं का एक बड़ा बंडल है, खासकर जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है। जयराम रमेश ने आगे कहा कि उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। उन्होंने एन को मिटाकर उसकी जगह पी डाल दिया है। लगातार हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।

भाजपा ने किया पलटवार

कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और जयराम रमेश व पीएम नरेंद्र मोदी की सोच में बुनियादी अंतर है। वे (कांग्रेस) सोचते हैं कि केवल पंडित नेहरू और परिवार ही मायने रखते हैं। नरेंद्र मोदी ने देश के सभी प्रधानमंत्रियों को म्यूजियम में सम्मानजनक स्थान दिया। लाल बहादुर शास्त्री को वहां क्यों नहीं मिली जगह? जब सभी प्रधानमंत्रियों को जगह मिल रही है, तो यह प्रधानमंत्री स्मृति पुस्तकालय बन रहा है।

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