हम न तो एनडीए के साथ और न ही विपक्ष के: मायावती

लखनऊ । बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉफ्रेंस की। एनडीए और इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद उन्होंने पार्टी का रुख साफ किया। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को दिल्ली में प्रेस कॉफ्रेंस की। इसमें उन्होंने अकेले चुनाव लडऩे का ऐलान किया। मायावती ने कहा, दोनों के साथ हम नहीं हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।
मायावती ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर निशाना साधा। कहा कि गठबंधन की राजनीति कांग्रेस करती है। उनका जातिवादी दलों के साथ गठबंधन है। वहीं, बातें-दावे खोखले हैं। कांग्रेस सत्ता में आने के लिए गठबंधन कर रही है। हम ऐसा नहीं कर सकते हैं। मायावती ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव बेहद नजदीक हैं। विपक्षी पार्टियों के गठबंधन की बैठकों का दौर चल रहा है। एक तरफ अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनने की दलीलें दे रहा है। दूसरी तरफ, विपक्ष गठबंधन सत्ताधारी को मात देने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसमें बसपा भी पीछे नहीं है। कांग्रेस पार्टी, अपने जैसी जातिवादी और पूंजीवादी सोच रखने वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करके फिर से सत्ता में आने की सोच रही है। सभी विपक्षी दलों की सोच एक जैसी है, यही कारण है कि इनसे दूरी बनाई है।
मायावती ने कहा कि केंद्र की सरकार में कांग्रेस रही हैं। दोनों की सोच गरीब और वंचितों के लिए एक जैसी है। जमीनी हकीकत में उन्होंने कभी कोई ठोस काम नहीं किया। जब ऐसे लोग सत्ता से बाहर हो जाते हैं, तो वोट लेने के लिए बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। इसलिए बसपा अकेले ही दलित और वंचितों के लिए काम कर रही है। अगर बसपा केंद्र की सत्ता में नहीं आती है तो भी दलित और अल्पसंख्यक समाज के लिए काम करती रहेगी।
मायावती ने कहा कि देश में महंगाई और बेरोजगारी को लेकर संसद सत्र में जवाबदेही का भी इंतजार रहेगा। देश हित से जुड़े इन मामलों का लगातार जटिल बने रहना बहुत ही दुखद है। इसका निदान निकालना बहुत ही जरूरी है। अब लोकसभा चुनाव से पहले संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष का टकराव से बेहतर विकल्प निकालना चाहिए।

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