हम अपने ही नहीं अन्य देशों के सैनिकों का भी करते हैं सम्मान: राजनाथ
- बोले- हम पाकिस्तान के साथ जैसा चाहे वैसा बर्ताव कर सकते थे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर। भारतीय सैनिकों की बहादुरी और मानवता का न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में सम्मान और पहचान है। प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में हमारे सैनिकों की बहादुरी को दुनिया भर में सम्मान के साथ याद किया जाता है। हम भारतीय भी न सिर्फ अपने देश के सैनिकों का बल्कि दूसरे देशों के सैनिकों का भी सम्मान करते हैं। दुनिया भारतीय सेना का मानवीय चेहरा पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में देख चुकी है। ये बातें वायु सेना स्टेशन चकेरी में आयोजित आठवें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस समारोह 2024 में मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहीं।उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था।
हम उनके साथ जैसा चाहते, वैसा व्यवहार कर सकते थे लेकिन हमारी संस्कृति और परंपरा ऐसी है कि हमने मानवीय नजरिया अपनाया और उन्हें पूरे सम्मान के साथ उनके देश वापस भेजा। दुश्मन देश सैनिकों के साथ ऐसा व्यवहार मानवता के सुनहरे अध्यायों में से एक है। हर भारतीय के दिल में सैनिक एक विशेष स्थान रखते हैं। हमारे सैनिक परिवार, जाति और संप्रदाय से ऊपर उठकर केवल राष्ट्र के बारे में सोच रखते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू करने से लेकर स्वास्थ्य देखभाल और पुन: रोजगार देने तक अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर कार्य कर रही है।