क्या है भेड़ वितरण घोटाला, जिसमें ED ने लिया बड़ा एक्शन, हैदराबाद में 8 ठिकानों पर चल रही रेड

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने भेड़ घोटाले मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने भेड़ वितरण घोटाले को लेकर हैदराबाद में एक साथ 8 ठिकानों पर छापेमारी की है, जिन लोगों को इस योजना का लाभ मिला और बिचौलियों की भूमिका सामने आई है, उनके घरों और ठिकानों की तलाशी की जा रही है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एफआईआर में घोटाले की रकम सिर्फ 2.1 करोड़ रुपये बताई गई है, लेकिन कैग (CAG) की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार को सैकड़ों करोड़ का नुकसान हुआ है. CAG की ऑडिट रिपोर्ट (मार्च 2021 तक) में सामने आई थी. इस योजना (SRDS Scheme) के क्रियान्वयन में कई गड़बड़ियां हुईं हैं.
जांच में पाया गया कि लाभार्थियों की डिटेल्स ठीक से मेंटेन नहीं की गईं. फर्जी बिल और गैर-व्यावसायिक वाहनों के नाम पर कई बार पेमेंट किया गया है. इसके अलावा डुप्लीकेट टैग और मृत लोगों के नाम पर भेड़ें अलॉट की गई हैं.
CAG की रिपोर्ट सिर्फ 7 जिलों की जांच पर आधारित है, जहां सरकार को 253.93 करोड़ रुपये का नुकसान बताया गया है. पूरे राज्य (33 जिलों) में यह घोटाला 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है. ईडी को जांच में कई अहम सुराग मिले हैं, जिससे योजना में बड़े स्तर पर धोखाधड़ी की पुष्टि हुई है.
क्या है भेड़ वितरण घोटाला?
तेलंगाना में मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की सरकार के दौरान साल 2017 में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत और चरवाहों को स्थाई रोजगार दिलाने के लिए भेड़ वितरण योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत हर परिवार को 75 फीसदी सब्सिडी पर 20 भेड़ें दी गईं थी. उस समय इस योजना पर लगभग 5 हजार करोड़ रुपये खर्च हुआ था. इसी योजना में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आईं थीं. पूरे मामले में आज ईडी ने छापेमारी की है. ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों और कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी देखने को मिल सकती है.



