मोदी-शाह के गढ़ में नशे का कारोबार, आखिर कौन जिम्मेदार?
गुजरात में नशे का कारोबार खूब धड़ल्ले से हो रहा है.... देश को नशा मुक्त बनाने का दावा करने वाले मोदी और शाह के गृह राज्य नें ही नशे का कारोबार फल और फूल रहा है....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात में नशे का कारोबार खूब धड़ल्ले से हो रहा है…. देश को नशा मुक्त बनाने का दावा करने वाले मोदी और शाह के गृह राज्य नें ही नशे का कारोबार फल और फूल रहा है…. लेकिन मोदी और शाह को इसकी कोई भनक तक नहीं है…. बता दें कि नशे की लत में फंसकर देश के युवा बर्बाद हो रहे है…. नशे का कारोबार कर सभी लोग मोटी कमाई कर रहे है…. वहीं सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि जिस राज्य से देश का पीएम और देश का गृहमंत्री आता है…. वहां पर बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार किस के सह पर चल रहा है…. लेकिन सरकार को इन सभी से कोई फर्क पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है…. सरकार बड़े- बड़े दावे तो करती है…. लेकिन सभी दावे फेल दिख रहे हैं…. और गुजरात में नशे का कारोबार खूब फल-फूल रहा है….
आपको बता दें कि गुजरात में आणंद जिले के खंभात में एक ड्रग निर्माण फैक्टरी पर छापेमारी की गई….. डीआईजी एटीएस सुनील जोशी ने बताया कि एटीएस की कार्रवाई में करोड़ों रुपये की ड्रग्स बरामद की गई है….. इसके साथ ही पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है…. दरअसल, गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते ने आनंद जिले में अल्प्राजोलम बनाने वाली एक फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है….. यहां से 107 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है…. जिसको लेकर एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों ने खंभात शहर के पास एक फैक्टरी किराए पर ली थी….. यहां नींद की गोलियों में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ अल्प्राजोलम का उत्पादन किया जा रहा था….. सहायक पुलिस आयुक्त हर्ष उपाध्याय ने बताया कि अल्प्राजोलम एक तरह का मादक पदार्थ है…… इसके दुरुपयोग की वजह से यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम के दायरे में आता है…..
वहीं उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एटीएस ने गुरुवार शाम को फैक्टरी पर छापा मारा….. और 107 करोड़ रुपये मूल्य का 107 किलोग्राम अल्प्राजोलम के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया….. उपाध्याय ने बताया कि केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो अल्प्राजोलम के उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी करता है….. यह दवा भी एनडीपीएस अधिनियम के दायरे में आती है…. और उन्होंने बताया कि छापे के समय आरोपियों के पास कोई लाइसेंस नहीं था….. पांच आरोपी यूनिट का संचालन कर रहे थे…… जबकि छठा व्यक्ति रिसीवर था….. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पांचों आरोपियों ने साइकोट्रोपिक पदार्थ बनाने के लिए फैक्ट्री किराए पर ली थी…. वहीं आगे की जांच जारी है….
आपको बता दें कि ड्रग फैक्टरी के भंडाफोड़ पर गुजरात एटीएस ने कहा कि कुछ समय पहले गुजरात एटीएस को सूचना मिली थी…. कि खंबात के नेजा गांव में ग्रीन लाइफ इंडस्ट्रीज नाम की फैक्टरी में पांच लोग अल्प्राजोलम का उत्पादन कर रहे हैं…… इसे मध्य प्रदेश में अजय जैन नामक व्यक्ति को बेचने की तैयारी थी…… एटीएस ने एक टीम बनाई और सूचना को सत्यापित किया…. इसके बाद इसमें शामिल लोगों का पता लगाया गया….. एटीएस ने एक और टीम बनाई, जिसने नेजा में छापा मारा और अल्प्राजोलम का 107 किलोग्राम तैयार पाउडर बरामद किया…… इसमें शामिल पांच लोगों को अजय जैन के साथ गिरफ्तार किया गया….. टोकन के रूप में दिए गए 30 लाख रुपये जब्त किए गए हैं….. गिरफ्तार किए गए लोगों में से रंजीत डाबी रासायनिक क्षेत्र में एक व्यवसायी है….. विजय मकवाना और हेमंत पटेल के पास रासायनिक अध्ययन की डिग्री है….. और उन्होंने अन्य दो लालजी मकवाना और जयदीप मकवाना के साथ खंबात की दवा कंपनियों में काम किया है…..