बांके बिहारी मंदिर के पास गिरी इमारत और हादसे में पांच की मौत के लिए कौन जिम्मेदार?

नई दिल्ली। वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पास हुए बिल्डिंग हादसे को लेकर सवाल उठने लगे हैं। घटना के दो दिन बाद भी अभी तक साफ नहीं हो सका है कि यह हादसा कैसे हुआ। एक तरफ स्थानीय लोगों का दावा है कि यह हादसा बंदरों की उछल कूद के चलते हुआ है तो जिला प्रशासन का कहना है कि बरसात की वजह से इमारत गिरी है। हालांकि हादसे के वास्तविक कारणों को पता लगाने के लिए मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
बता दें कि बांके बिहारी जी के मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित एक तीन मंजिले मकान का छज्जा गिर गया। मलबे की चपेट में आने से 5 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि आधा दर्जन से अधिक श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला प्रशासन के मुताबिक इस हादसे में मारे गए सभी श्रद्धालु दूसरे जिलों से ठाकुर जी के दर्शन पूजन के लिए आए थे।
स्थानीय लोगों के मुताबिक यह हादसा शाम करीब पांच से छह बजे के बीच हुआ था। उस समय बारिश बंद थी और रोड पर बड़ी संख्या श्रद्धालु चल रहे थे। ठीक उसी समय बंदरों के समूह की आपस में झड़प हो गई। देखते ही देखते यह बंदर आपस में लड़ते झगड़ते इस पुरानी इमारत के ऊपर आ गए। उनके इसी उछल कूद के चलते इमारत का छज्जा गिर पड़ा और नीचे से गुजर रहे श्रद्धालु इसकी चपेट में आ गए।
वहीं कुछ अन्य लोगों ने बताया कि सुबह से बारिश हो रही थी। इसकी वजह से पूरी इमारत में नमी आ गई और यह हादसा हो गया। उधर, जिला प्रशासन का कहना है कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पास हुए इस बिल्डिंग हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं। इसमें पता किया जा रहा है कि जर्जर होने की वजह से इमारत का छज्जा गिरा या फिर बंदरों की उछलकूद से। मथुरा के डीएम पुलकित खरे ने बताया कि हादसे के कारणों की जानकारी सामने आने के बाद इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।

Related Articles

Back to top button