गुजरात में कांग्रेस ने अमित चावड़ा को ही क्यों बनाया प्रदेश अध्यक्ष?  GUJRAT POLITICS 

कांग्रेस ने पांच बार के विधायक अमित चावड़ा को गुजरात में पार्टी की कमान सौंपी है... और कांग्रेस फिर से चावड़ा पर ही लौट आई है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात कांग्रेस ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन की घोषणा की है……. पार्टी ने अनुभवी नेता और पांच बार के विधायक अमित चावड़ा को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है……. यह नियुक्ति 17 जुलाई को तत्काल प्रभाव से लागू की गई…….. जिसके तहत चावड़ा ने राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल का स्थान लिया……. गोहिल ने हाल ही में हुए उपचुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था……. यह दूसरी बार है जब अमित चावड़ा को गुजरात कांग्रेस की कमान सौंपी गई है……. इससे पहले वे 2018 से 2021 तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं……… इसके अलावा 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया था……..

बता दें कि अमित चावड़ा गुजरात के एक प्रमुख कांग्रेस नेता हैं……. जिनका जन्म मध्य गुजरात के आणंद जिले के अंकलाव में हुआ था…… वे चावड़ा-सोलंकी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं……. जिसका गुजरात की राजनीति में गहरा प्रभाव रहा है……. उनके दादा ईश्वरभाई चावड़ा कई वर्षों तक आणंद लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे……. और उनके चाचा माधव सिंह सोलंकी गुजरात के चार बार मुख्यमंत्री…… और केंद्र सरकार में विदेश मंत्री रह चुके हैं……. इस राजनीतिक विरासत ने अमित चावड़ा को एक मजबूत आधार प्रदान किया है……

आपको बता दें कि अमित चावड़ा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 2004 में की…….. जब वे बोरसद विधानसभा सीट से उपचुनाव में जीतकर पहली बार विधायक बने……. इसके बाद उन्होंने 2007 में भी इसी सीट से जीत हासिल की……….. 2012, 2017 और 2022 में वे अंकलाव विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक चुने गए……. इस तरह वे पांच बार के विधायक हैं……. और गुजरात विधानसभा में एक अनुभवी नेता के रूप में जाने जाते हैं……

बता दें कि चावड़ा ने 2018 में पहली बार गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पद संभाला……. उस समय वे सबसे युवा प्रदेश अध्यक्षों में से एक थे…….. उनके कार्यकाल में पार्टी ने सामाजिक समावेश और संगठनात्मक मजबूती पर जोर दिया……. हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा…….. और पार्टी केवल 17 सीटों पर सिमट गई…….. इसके बावजूद चावड़ा की स्वच्छ छवि और संगठन में उनकी स्वीकार्यता ने उन्हें एक विश्वसनीय नेता के रूप में स्थापित किया……..

2023 में उन्हें कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया…… जिसके तहत उन्होंने गुजरात विधानसभा में विपक्ष की भूमिका निभाई……. इस दौरान उन्होंने भूपेंद्र पटेल सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर मुखरता से आवाज उठाई…….. जिससे उनकी छवि एक मजबूत विपक्षी नेता के रूप में और मजबूत हुई……..

आपको बता दें कि शक्ति सिंह गोहिल, जो गुजरात कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष…… और राज्यसभा सांसद थे…… उन्होंने हाल ही में हुए उपचुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया…… यह उपचुनाव विसावदर और कडी विधानसभा सीटों के लिए आयोजित किए गए थे……. दोनों सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा…….. जिसके बाद गोहिल ने नैतिक आधार पर इस्तीफा देने का फैसला किया…….

बता दें कि गोहिल ने अपने इस्तीफे में कहा कि मैं कांग्रेस का एक अनुशासित सिपाही हूं……. मैंने हमेशा पार्टी को अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की और कड़ी मेहनत की…….. लेकिन उपचुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं…… उनके इस कदम को पार्टी के भीतर और बाहर सराहा गया……. क्योंकि यह उनकी नैतिकता और जवाबदेही को दर्शाता है…….. वहीं कांग्रेस आलाकमान ने शक्ति सिंह गोहिल के इस्तीफे के बाद अमित चावड़ा को गुजरात कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया…….

अमित चावड़ा 2018 से 2021 तक गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं…… इस दौरान उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए…… उनकी संगठनात्मक क्षमता और कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रियता उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है…….. मध्य गुजरात, खासकर आणंद और आसपास के क्षेत्रों में उनका मजबूत प्रभाव है……. इसके अलावा, उनकी ओबीसी पृष्ठभूमि उन्हें गुजरात की जटिल सामाजिक……. और जातीय गतिशीलता को समझने में सक्षम बनाती है…… कांग्रेस आलाकमान का मानना है कि चावड़ा का अनुभव और स्वीकार्यता 2027 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को मजबूती प्रदान कर सकती है…….

अमित चावड़ा की छवि एक स्वच्छ और ईमानदार नेता की है……. और उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कभी भी विवादास्पद मुद्दों से दूरी बनाए रखी……. उनकी जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और जनता के साथ मजबूत पकड़ है……. जो उन्हें एक प्रभावी नेता बनाती है…….. उनकी यह छवि पार्टी को गुजरात में अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद कर सकती है……… खासकर ऐसे समय में जब विपक्ष को मजबूत और विश्वसनीय नेतृत्व की जरूरत है…….

गुजरात की राजनीति में जातीय और सामाजिक समीकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं…… अमित चावड़ा का ओबीसी समुदाय से होना कांग्रेस की सामाजिक समावेश की रणनीति को मजबूती देता है…….. पार्टी नेतृत्व, जिसमें राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे शामिल हैं……. हाल के वर्षों में ओबीसी और अन्य वंचित समुदायों को जोड़ने पर जोर दे रहा है……. चावड़ा की नियुक्ति इस रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है…….. इसके साथ ही, डॉ. तुषार चौधरी को कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है…….. जो आदिवासी समुदाय से आते हैं……. जिससे पता चलता है कि कांग्रेस गुजरात में ओबीसी….. और आदिवासी वोट बैंक को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है…….

2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था……. जब पार्टी केवल 17 सीटों पर सिमट गई थी…… इसके बाद उपचुनावों में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा…….. ऐसे में कांग्रेस को एक ऐसे नेता की जरूरत थी जो संगठन को पुनर्जनन दे सके…… और 2027 के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित कर सके…… चावड़ा का पिछला अनुभव…… और उनकी संगठनात्मक क्षमता उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है……. उनकी नियुक्ति को एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है……. जिसका उद्देश्य पार्टी को गुजरात में फिर से मजबूत करना है…….

गुजरात में कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से बाहर है……. 1995 के बाद से भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार अपनी पकड़ बनाए रखी है………. 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 182 में से 156 सीटें जीतीं……… जबकि कांग्रेस केवल 17 सीटों पर सिमट गई……. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने पांच सीटें, समाजवादी पार्टी ने एक सीट…….. और तीन सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतीं…….. यह परिणाम कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था……. क्योंकि पार्टी पहले के चुनावों में भी मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने में असफल रही थी……

हाल के उपचुनावों में भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा……. विसावदर और कडी सीटों पर हार ने पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की मांग को और तेज कर दिया…… शक्ति सिंह गोहिल के नेतृत्व में पार्टी ने कई मुद्दों पर बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश की…… लेकिन मतदाताओं के बीच इसे प्रभावी ढंग से ले जाने में असफल रही…… इसके अलावा  संगठनात्मक कमजोरी और कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी भी पार्टी की हार का कारण बनी……..

गुजरात में कांग्रेस का संगठन कई वर्षों से कमजोर रहा है…… बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन को मजबूत करने की जरूरत है…… चावड़ा ने अपने पहले कार्यकाल में इस दिशा में काम किया था……. लेकिन अब उन्हें और अधिक प्रभावी रणनीति अपनानी होगी……. बीजेपी की मजबूत सत्ता के सामने कांग्रेस को एक प्रभावी विपक्ष के रूप में उभरना होगा……. हाल के वर्षों में कांग्रेस ने कई मुद्दों, जैसे बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं……. और बुनियादी ढांचे की कमियों को उठाया है…….. लेकिन इसे जनता तक ले जाने में असफल रही है…….. चावड़ा को इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने की जरूरत होगी……

गुजरात की राजनीति में ओबीसी, आदिवासी और दलित समुदायों का महत्वपूर्ण योगदान है…….. चावड़ा को इन समुदायों को एकजुट करने और उनके मुद्दों को पार्टी के एजेंडे में शामिल करने की जरूरत होगी…… 2027 के विधानसभा चुनाव और उससे पहले होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए……. चावड़ा को अभी से रणनीति तैयार करनी होगी……. इसके लिए कार्यकर्ताओं में उत्साह जगाना….. और जनता के बीच पार्टी की विश्वसनीयता बढ़ाना महत्वपूर्ण होगा…….

अमित चावड़ा ने अपनी नियुक्ति के बाद कहा कि वे संगठन सृजन अभियान को आगे बढ़ाएंगे……. और बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक पार्टी को मजबूत करेंगे……. और उन्होंने यह भी वादा किया कि कार्यकर्ताओं की भागीदारी को हर निर्णय में सुनिश्चित किया जाएगा…….. इसके अलावा उन्होंने गुजरात की जनता की सुख, शांति, समृद्धि…….. और सुरक्षा के लिए एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता जताई……..

वहीं हाल ही में चावड़ा ने गौमाता को राज्यमाता घोषित करने के लिए विधानसभा में एक विधेयक लाने की घोषणा की है……. यह कदम गुजरात में हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को चुनौती देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है…….. चावड़ा ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की इस मांग का समर्थन किया…… और कहा कि कांग्रेस इस दिशा में सक्रिय रूप से काम करेगी……..

अमित चावड़ा के साथ-साथ, कांग्रेस ने डॉ. तुषार चौधरी को गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल का नया नेता नियुक्त किया है…… तुषार चौधरी एक वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं…… और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं……. वे उत्तर गुजरात के साबरकांठा जिले की खेड़ा ब्रह्मा सीट से विधायक हैं……. उनकी नियुक्ति को कांग्रेस की आदिवासी वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है……. तुषार चौधरी के पिता अमर सिंह चौधरी भी गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं…….. जिससे उनकी राजनीतिक विरासत भी मजबूत है……

वहीं अमित चावड़ा की नियुक्ति और तुषार चौधरी की विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्ति से कांग्रेस ने गुजरात में अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है…….. चावड़ा का अनुभव उनकी स्वच्छ छवि…… और सामाजिक समीकरणों को समझने की क्षमता उन्हें एक प्रभावी नेता बनाती है……. हालांकि, गुजरात में बीजेपी की मजबूत पकड़ और आम आदमी पार्टी जैसे नए खिलाड़ियों की मौजूदगी के कारण कांग्रेस के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं…….

बता दें कि पार्टी को न केवल संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना होगा…… बल्कि जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता भी स्थापित करनी होगी……. चावड़ा और चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस को ओबीसी, आदिवासी……. और अन्य वंचित समुदायों को जोड़ने की रणनीति पर काम करना होगा….. साथ ही हिंदुत्व और सामाजिक मुद्दों पर बीजेपी को चुनौती देने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा……..

आपको बता दें कि अमित चावड़ा की गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति एक रणनीतिक कदम है…….. जो पार्टी को गुजरात में फिर से मजबूत करने की दिशा में एक नई शुरुआत का संकेत देता है……. उनकी संगठनात्मक क्षमता, स्वच्छ छवि……. और सामाजिक समीकरणों को समझने की क्षमता उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है……. हालांकि, उनके सामने कई चुनौतियां हैं……. जिनमें संगठन को मजबूत करना विपक्ष की प्रभावी भूमिका निभाना……. और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करना शामिल है…….

 

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