योगी कैबिनेट ने ट्रांसफर पॉलिसी को दी मंजूरी

  •  कोरोना काल के बाद से ट्रांसफर पर लगी थी रोक
  •  यूपी पुलिस में 40 हजार पदों पर होगी भर्ती

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2022 को मंजूरी दे दी गई है। इसकी जानकारी अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने दी है। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत 15 से 30 जून तक तबादले किए जाएंगे। बैठक में पुलिस के 40 हजार पदों पर भर्ती के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। बैठक में कृषि, उच्च शिक्षा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, पर्यटन एवं संस्कृति सहित विभिन्न विभागों के करीब डेढ़ दर्जन प्रस्तावों पर चर्चा हुई। योगी सरकार की कैबिनेट बैठक मुख्यमंत्री आवास पर जारी है। दोपहर 12 बजे से बैठक चल रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र खत्म होने के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक है। गौरतलब है कि सबसे पहले 12 मई 2020 को कुछ प्रतिबंधों के साथ सभी ट्रांसफर पर रोक लगा दी गई थी। 2020 और 2021 में कोविड की वजह से तबादला नहीं हो पाया था। तब से कर्मचारी इसी नीति का इंतजार कर रहें हैं। यूपी में राज्य कर्मचारियों की कुल संख्या 10 लाख है। पसंद की जगह पोस्टिंग के लिए कर्मचारी विभागों में अधिकारियों के यहां पैरवी भी करने लगे थे।

3 साल बाद होंगे तबादले
उत्तर-प्रदेश के करीब 2 लाख कर्मचारियों के लिए आज की कैबिनेट से खुशखबरी आई। अब एक जिले में तीन वर्ष और एक मंडल में 7 साल पूरे करने वाले समूह क और ख के स्थानांतरण के लिए सरकार ने तबदला नीति 2022 को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत हर साल करीब 20 फीसदी कर्मचारियों का तबादला होता है। इस साल कम से कम 2 लाख कर्मचारियों का रूटीन में तबादला हो सकता है।

रविकांत के समर्थन में आए पूर्व आईएएस हरिश्चंद्र

  • उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत पर नारेबाजी, जातिगत टिप्पणियों और जानलेवा हमले के प्रयास के संदर्भ में अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी, पूर्व सचिव भारत सरकार, हरीशचंद्र के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामबाबू हरित से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। हरिश्चंद्र ने अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग उत्तर प्रदेश से कहा कि प्रोफेसर रविकांत पिछले कई साल से टेलीविजन की बौद्धिक बहसों में शामिल होते रहे हैं। वह बाबा साहब अंबेडकर की विचारधारा से प्रभावित है और उनके विचारों से समाज को जागरूक करते रहते हैं। जातिगत दुर्भावना से प्रेरित लखनऊ विवि के प्रोफेसर विभूति राय के उकसावे पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों और अन्य अराजक तत्वों ने रविकांत के खिलाफ जो नारेबाजी, जातिगत टिप्पणियां और जानलेवा हमला करने का प्रयास किया है, उस पर अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, जबकि उल्टे उन पर सांप्रदायिक माहौल खराब करने का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज की गई है। जबकि उन्होंने इस डिबेट में जो बात रखी थी वह कई किताबों में दर्ज है। इस लिहाज से जिन्होंने इस वीडियो से छेड़छाड़ करके द्वेष और नफरत पैदा की है, असल में उन पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए लेकिन पुलिस प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जिस तरह से छात्रों, बाहरी अराजक तत्वों और प्रोफेसर विभूति राय को बचाया जा रहा है, वह अन्यायपूर्ण और निंदनीय है।

हम मांग करते हैं कि अनुसूचित जाति आयोग उत्तर प्रदेश यथाशीघ्र संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों को तलब करके प्रोफेसर रविकांत की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराए और उन अराजक तत्वों तथा प्रोफेसर विभूति राय के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत उन पर कार्रवाई करके उन्हें जेल भेजने का आदेश दे। हम सब दलित पिछड़े सामाजिक संगठन प्रो. रविकांत के समर्थन में खड़े हैं। उन्हें जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम लोग ऐसे ही संघर्ष करते रहेंगे। प्रतिनिधि मंडल में पूर्व आईपीएस वंशीलाल, पूर्व जेल अधीक्षक हरीराम दोहरे, पूर्व जिला विकास अधिकारी संतलाल और सामाजिक चिंतक गौतम राणे सागर उपस्थित थे।

अखिलेश यादव को मध्य प्रदेश में लगा झटका

लखनऊ। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में सपा विधायक राजेश शुक्ला शामिल हो गए। उनके साथ बसपा विधायक संजीव कुशवाहा और निर्दलीय विधायक राणा विक्रम सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं इन तीनों साथियों का हृदय से स्वागत करता हूं। ये अपने क्षेत्र के विकास और जनता की भलाई के लिए हमेशा चिंतित रहते हैं। अब हम सब मिलकर अधिकतम विकास और जनता की भलाई करने का प्रयास करेंगे। दोनों विधायकों के भाजपा में शामिल होने से सपा-बसपा को बड़ा झटका लगा है। बता दें, सपा के एक जबकि बसपा के दो उम्मीदवारों ने विधानसभा चुनाव 2018 में जीत दर्ज की थी।

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