सुल्तानपुर में पुलिस एनकाउंटर पर घिर गई योगी सरकार
- सपा ने भाजपा पर किया तीखा प्रहार
- बोले सपा प्रमुख- डकैतों का सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, तभी ‘मुख्य आरोपीÓ से सरेंडर कराया गया
- जात देखकर मारी जाती है गोली – अखिलेश यादव
- पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया नकली मुठभेड़
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी की सियासत आज-कल गरमाई हुई है। सीएम योगी और सपा मुखिया, पूर्व सीएम अखिलेश यादव में एक दूसरे पर प्रहार करना जारी है। डीएनए, भेडिय़ा, बुलडोजर के बाद अब एनकाउंटर पर सपा ने योगी सरकार को घेर लिया है। पूर्व सीएम ने कहा ये सारे एनकांउटर नकली है और जात देखकर किए जा रहे हैं। उधर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि सपा अपराधियों के समर्थन पर उतर रही है।
दरअसल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर में डकैती के आरोपी मंगेश यादव के पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। इस एनकाउंटर में मंगेश की मौत हो गई। जिस पर सपा अध्यक्ष ने निशाना साधते हुए इसे नकली एनकाउंटर बताया। उन्होंने कहा कि क्योंकि डकैती में शामिल लोगों को सत्ता पक्ष से संबंध इसलिए उसका नकली एनकाउंटर हुआ और जात देखकर उसकी जान ले ली। सपा अध्यक्ष ने एक्स पर लिखा- लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपीÓ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जातÓ देखकर जान ली गयी।
समस्या का समाधान असली कानून व्यवस्था से होगा
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर में सराफा व्यापारी के यहां हुई दिनदहाड़े डकैती के आरोपी बदमाशों से पुलिस की मुठभेड़ पर कहा कि समस्या का समाधान असली कानून व्यवस्था है नकली एनकाउंटर नहीं। नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नकली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है। घोर निंदनीय है।
लूट का सारा माल भी पूरा वापस हो
अखिलेश कहा आगे लिखा- जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे।
सुल्तानपुर डकैती कांड का आरोपी एसटीएफ से मुठभेड़ में मारा गया
पिछली 28 अगस्त को हथियारबंद बदमाशों ने करीब एक करोड़ 50 लाख रुपये के जेवरात लूट लिए थे। इस मामले में तीन आरोपियों सचिन, पुष्पेंद्र और त्रिभुवन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में पिछले महीने एक सर्राफा व्यवसायी की दुकान में डकैती के मामले में आरोपी बदमाश मंगेश यादव बृहस्पतिवार तड़के राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि 28 अगस्त को शहर कोतवाली क्षेत्र के ठठेरी बाजार स्थित एक सर्राफा व्यवसायी की दुकान से करीब डेढ़ करोड़ रुपये के जेवरात लूटे जाने के मामले में एक आरोपी मंगेश यादव आज तड़के करीब साढ़े तीन बजे मिशिरपुर पुरैना गांव में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया। उन्होंने बताया कि आरोपी बदमाश पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई सीबीआई को फटकार
- कहा- मामले में दखल देना है या नहीं, ये हम तय करेंगे
- केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। दिल्ली शराब नीति घोटाले में जेल में बंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ दिल्ली सीएम की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है। सुप्रीमकोर्ट ने कहा ये हम तय करेंगे की क्या इस मामले मैं दखल देना है या नही।
सिंघवी के अनुसार, एक बार सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए जमानत पर रिहा किया था और एक बार ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी केजरीवाल को जमानत मिल चुकी है। केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं और समाज के लिए खतरा नहीं हैं। दरअसल अरविंद केजरीवाल ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। एक याचिका में केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। वहीं दूसरी याचिका में केजरीवाल ने जमानत देने की अपील की है।
एफआईआर में केजरीवाल का नाम नहीं : सिंघवी
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, केजरीवाल का पक्ष रख रहे हैं। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें केजरीवाल का नाम नहीं है। साथ ही केजरीवाल को बीते दिनों अंतरिम जमानत देते हुए भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सीएम समाज के लिए खतरा नहीं हैं। सिंघवी ने ये भी कहा कि दो बार सुप्रीम कोर्ट और एक बार ट्रायल कोर्ट केजरीवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे चुका है।
केजरीवाल को जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए : एसवी राजू
सिंघवी की दलीलों पर सीबीआई का पक्ष रख रहे एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पहली आपत्ति तो ये है कि केजरीवाल को जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए न कि सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए। राजू ने कहा कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल कोई खास व्यक्ति हैं, जिनके लिए अलग तरीका अपनाया जा रहा है।
हाईकोर्ट को इस मामले में तुरंत ही निर्णय ले लेना चाहिए था : जस्टिस सूर्यकांत
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आदर्श रूप से तो हाईकोर्ट को इस मामले में तुरंत ही निर्णय ले लेना चाहिए था। हाई कोर्ट को उसी दिन आदेश पारित कर देना चाहिए था जिस दिन नोटिस जारी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये हम तय करेंगे की क्या इस मामले मैं दखल देना है या नही। दरअसल सीबीआई ने कहा कि अरविंद ने जमानत याचिका निचली अदालत में दाखिल न कर के सीधे हाई कोर्ट में दाखिल की थी।