योगी के मंत्री ने योगी को दी खुली चुनौती, अनुप्रिया ने भी बनाई दूरी

आषीश पटेल मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं... और योगी सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री हैं... वहीं जिस योगी सरकार पर कोरोना किट घोटाले से लेकर आरक्षण घोटाले तक न जाने कितने आरोप लगे हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बीजेपी के भीतर नया साल शुरू होते ही एक जंग छिड़ गई है…. यूपी से बिहार और बिहार से दिल्ली तक एक बड़ी जंग छिड़ी हुई है…. जिसके चलते एनडीएम खेमें में खलबली मच गई है…. यूपी में योगी को कुर्सी से हटाने के लिए बीजेपी आलाकमान तमाम कोशिशे कर रहा है…. और अपने ही मंत्रियों को समय- समय पर योगी के खिलाफ खड़ा देता है…. वहीं एक बार फिर से योगी के मंत्री ने ही योगी को ललकारा है…. बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आषीश पटेल और योगी के बीच जंग छिड़ गई है…. नए साल के दूसरे दिन ही मोदी- शाह के सबसे खास मंत्री ने योगी सरकार को ललकार दिया है…. और प्रेस वार्ता करते हुए योगी को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि इस्तीफा तो डरपोक देते हैं…. मुझे बर्खास्त कर दीजिए…. वहीं इस करह की योगी को ललकार गुजरात लॉबी के सह पर दी जा रही है…. जिसका सीधा कारण है कि गुजरात लॉबी अब योगी को किनारे लगाने की सोंच रही है…. और वह इस करह से योगी को अपने कठपुतलियों के माध्यम से सीधी चुनौती दिलवा रही है….

आपको बता दें कि आषीश पटेल मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं…. और योगी सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री हैं…. वहीं जिस योगी सरकार पर कोरोना किट घोटाले से लेकर आरक्षण घोटाले तक न जाने कितने आरोप लगे हैं…. और जिस योगी सरकाक में तमाम फर्जी और फेक एनकाउंटर के आरोप लगे…. वही जिस योगी सरकार में एक खास वर्ग के सौ खून माफ है…. जिस योगी सरकार पर हमेशा एक विशेश वर्ग को लेकर सह देने का हमेशा से आरोप लगता रहा है…. उसी योगी सरकार में अनुप्रिया पटेल के मंत्री पति पर शिक्षा विभाग में प्रमोशन घोटाले का बड़ा आरोप लगा है….. इस पर मंत्री आशीष पटेल का साफ कहना है कि योगी सरकार का सूचना विभाग बड़ी साजिश रच रहा है…. और उन पर फर्जी आरोप लगा रहा है….

आपको बता दें कि आशीष पटेल, यूपी सरकार के प्राविधिक शिक्षा विभाग के मंत्री हैं…… प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधीन तीन यूनिवर्सिटी…. और 14 राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज आते हैं….. पिछले साल जुलाई में बीजेपी विधायक देवेंद्र सिंह लोधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राजकीय कॉलेजों में विभागाध्यक्षों की गलत प्रोन्नति प्रक्रिया की शिकायत की थी….. इस शिकायत के चार महीने बाद ही दो और बीजेपी विधायकों पल्टू राम और मीनाक्षी सिंह ने सीएम योगी से कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए विभागाध्यक्ष की सीधी भर्ती के पदों पर अयोग्य विभागीय शिक्षकों की पदोन्नति की शिकायत की….. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ से की गई अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक पल्टू राम….. और और मीनाश्री सिंह ने विभागाध्यक्ष की नियुक्ति के नाम पर करप्शन के जरिए हर साल 50 करोड़ रुपये की कमाई का आरोप लगाया….. बीजेपी विधायकों के बाद सपा विधायक पल्लवी पटेल ने मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया…. पल्लवी पटेल ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत की कि, ‘इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी में विभागाध्यक्ष के पद प्रोन्नति के माध्यम से भर दिए गए हैं….. जो यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने थे…. और इसकी एसआईटी जांच होनी चाहिए…..

वहीं इस मामले को शीतकालीन सत्र के दौरान सपा विधायक पल्लवी पटेल ने विधानसभा में भी उठाने की कोशिश की….. लेकिन स्पीकर सतीश महाना ने नियमों का हवाला देते हुए इजाजत नहीं दी थी….. इसके बाद पल्लवी पटेल धरने पर भी बैठी थीं….. बावजूद इसके उन्हें यह मामला विधानसभा में उठाने की इजाजत नहीं मिली…. एक जनवरी को ही पल्लवी पटेल ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की…. और पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की….. वहीं इस धरने को लेकर आशीष पटेल ने समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल को धरना मास्टर भी बताया…. इससे पहले भी मंत्री आशीष पटेल ने कहा था कि विभागीय पदोन्नति समिति की संस्तुति…. और शीर्ष स्तर पर सहमति के आधार पर हुई पदोन्नति के बावजूद राजनीतिक चरित्र हनन के लिए लगातार मीडिया ट्रायल अस्वीकार्य है….. उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर सिंह को झूठ, फरेब और मीडिया ट्रायल का यह खेल आगे बढ़कर बंद कराना चाहिए….. मेरे साथ किसी प्रकार का षड्यंत्र या दुर्घटना हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स की होगी…..

आपको बता दें कि जब मामले ने काफी तूल पकड़ा तो मंत्री आशीष पटेल ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी….. और उन्होंने एक पोस्ट में कहा, ‘उत्तर प्रदेश के सबसे ईमानदार आईएएस अधिकारी एवं तत्कालीन प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा एम० देवराज की अध्यक्षता में हुई विभागीय पदोन्नति समिति की संस्तुति….. और शीर्ष स्तर पर सहमति के आधार पर हुई पदोन्नति के बावजूद राजनीतिक चरित्र हनन के लिए लगातार मीडिया ट्रायल अस्वीकार्य है….. उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर सिंह को झूठ, फरेब एवं मीडिया ट्रायल का यह खेल आगे बढ़कर बंद कराना चाहिए…… मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं कि माननीय मुख्यमंत्री जी अगर उचित समझें तो बार-बार के मीडिया ट्रायल….. झूठ औए फरेब के जरिए किए जा रहे मेरे राजनीतिक चरित्र हनन के इस दुष्प्रयास पर स्थायी विराम के लिए बतौर मंत्री मेरे द्वारा अब तक लिए गए सभी फैसलों की सीबीआई जांच करा सकते हैं….. मैं तो यहां तक कहता हूं कि लगे हाथ अगर उचित समझा जाए तो स्वयं मेरी और मेरी पत्नी…. और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री माननीय अनुप्रिया पटेल के सांसद-विधान परिषद सदस्य बनने के बाद अर्जित की गई संपत्ति की भी जांच करा ली जाए…..

आपको बता दें कि आरोपों पर मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि पर्दे के पीछे सामाजिक न्याय की आवाज को कुचलने का खेल जारी है…. वास्तव में पदोन्नति के इस मामले में कुछ लोगों के कलेजे में कांटा लगने का कारण उन ओबीसी और वंचित वर्ग को लाभ मिलना है….. जिनके अधिकारों की सालों से हकमारी की जा रही थी…. पदोन्नति की वर्गवार सूची देंखेंगे तो इसका अंदाजा हो जाएगा….. ऐसे लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि इनके कलेजे में भविष्य में भी कांटा चुभता रहेगा….. वह इसलिए कि इन झूठे तथ्यों….. अफवाहों और मीडिया ट्रायल से अपना दल (एस) की सामाजिक न्याय की लड़ाई बंद नहीं होने वाली…. यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ को निशाने पर लेते हुए मंत्री आशीष पटेल ने कहा था कि मैंने पहले भी कहा है कि लौहपुरुष सरदार पटेल का वंशज आशीष पटेल डरने वालों में नहीं बल्कि लड़ने वालों में से है….. अपने शुभचिंतकों के लिए एक विशेष बात कि यदि सामाजिक न्याय की इस जंग में मेरे साथ किसी प्रकार का षड्यंत्र/ दुर्घटना हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फ़ोर्स की होगी…..

 

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