योगी के बयान पर तमिलनाडु में घमासान
डीएमके ने भाजपा पर किया जोरदार हमला

यह राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला दौर है : स्टालिन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने परिसीमन और तीन-भाषा नीति पर राज्य के रुख पर टिप्पणी की है। राजनीति में जुबानी जंग तो होती ही आयी है लेकिन एक मर्यादा के साथ। काफी समय से जुबानी मर्यादा को राजनेता शायद भूल गयी है। आय दिन कोई न कोई नेता विवादित बयानबाजी कर ही देता है। अब दो अलग अलग विचारधारा के नेताओं तीखी बयानबाजी के लेकर एक दूसरे पर निशाना साधा है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा, यूपी के सीएम ने तीन-भाषा विवाद और परिसीमन को लेकर स्टालिन की आलोचना की, उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के सीएम क्षेत्र और भाषा के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने परिसीमन और तीन-भाषा नीति पर राज्य के रुख पर टिप्पणी की है। उन्होंने टिप्पणी को राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला दौर बताया। स्टालिन की यह टिप्पणी आदित्यनाथ द्वारा समाचार एजेंसी को दिए गए साक्षात्कार के बाद आई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि डीएमके नेता क्षेत्र और भाषा के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
स्टालिन ने एक्स पर एक पोस्ट में तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने के लंबे समय से चले आ रहे विरोध और संसदीय सीटों के परिसीमन की निष्पक्ष प्रक्रिया की मांग का बचाव किया। प्रस्तावित तीन-भाषा नीति और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को लेकर चल रहे तनाव के बाद यह वाकयुद्ध हुआ है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साक्षात्कार में कहा, देश को एकजुट करने के बजाय, वे भाषा और क्षेत्र के आधार पर दरारें पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
ऐसी राजनीति राष्ट्र को कमजोर करती है। उन्होंने परिसीमन के बारे में स्टालिन की चिंताओं को भी खारिज कर दिया और इसे राजनीतिक एजेंडा बताया। डीएमके ने लंबे समय से हिंदी को एक प्रमुख राष्ट्रीय भाषा के रूप में बढ़ावा देने के भाजपा के प्रयासों का विरोध किया है, उनका तर्क है कि इससे भारत की भाषाई विविधता को खतरा है।
स्टालिन ने परिसीमन के बारे में भी चिंता व्यक्त की है, जो संभावित रूप से दक्षिणी राज्यों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को कम कर सकता है, जिन्होंने जनसंख्या वृद्धि को सफलतापूर्वक प्रबंधित किया है।
योगी हमें नफरत पर व्याख्यान ने दें
उन्होंने कहा कि दो-भाषा नीति और परिसीमन पर राज्य की निष्पक्ष और दृढ़ आवाज पूरे देश में जोर पकड़ रही है, जिससे भाजपा स्पष्ट रूप से असहज हो रही है। उन्होंने लिखा, और अब माननीय योगी आदित्यनाथ हमें नफरत पर व्याख्यान देना चाहते हैं? हमें छोड़ दें। यह विडंबना नहीं है, यह राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला दौर है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी किसी भी भाषा का विरोध नहीं करती है, बल्कि भाषाई थोपने और अंधराष्ट्रवाद का विरोध करती है। स्टालिन ने लिखा, यह वोट के लिए दंगा करने की राजनीति नहीं है। यह सम्मान और न्याय की लड़ाई है।
स्टालिन के समर्थन में कार्ति
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बयान पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन करता हूँ, हम सब सिर्फ़ हिंदी को हम पर थोपने का विरोध कर रहे हैं… मैं उनसे(योगी आदित्यनाथ) पूछना चाहता हूँ कि उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल में पढऩे वाला औसत छात्र कितनी भाषाएं जानता है? क्या वे हिंदी, अंग्रेजी और किसी अन्य भाषा में पारंगत हैं? और अगर कोई अन्य भाषा है तो क्या वह दक्षिणी भाषा है।
यशवंत वर्मा मामले में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई तेज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा कैश विवाद में हाल ही में दिल्ली पुलिस ने तुगलक रोड थाने के एसएचओ समेत अपने आठ अफसरों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं।
एसएचओ उमेश मलिक, जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल रूप चंद, सब इंस्पेक्टर (एसआई) रजनीश और मोटरसाइकिल से मौके पर पहुंचे दो पुलिसकर्मियों और तीन अन्य पीसीआर कर्मियों के फोन विभाग ने जब्त कर लिए हैं। सभी आठ पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।
जांच इस बात पर केंद्रित है कि आग लगने के समय घटनास्थल पर पहुंचने पर इन अफसरों ने कोई वीडियो रिकॉर्ड किया था या नहीं और इन वीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ की गई थी या नहीं।
साथ ही दिल्ली पुलिस ने इन सभी पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए हैं। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस कमरे में आग लगी थी, उसकी दीवारों में अत्यधिक गर्मी के कारण दरारें पड़ गई हैं।
पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) के नेतृत्व में एक टीम ने बुधवार (26 मार्च) को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास का दौरा किया और उनके आवास पर नकदी के ढेर की कथित खोज की जांच के तहत कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों से पूछताछ की। डीसीपी (नई दिल्ली) देवेश महला, एक एसीपी और अन्य अधिकारियों सहित छह सदस्यों वाली पुलिस टीम दोपहर करीब 1:50 बजे न्यायमूर्ति वर्मा के 30, तुगलक रोड स्थित आवास पर पहुंची और करीब दो घंटे बाद वापस लौटी। यह दौरा भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित तीन न्यायाधीशों के पैनल द्वारा आंतरिक जांच का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य 14 मार्च को आग की घटना के बाद वर्मा के लुटियंस स्थित आवास में भारतीय मुद्रा नोटों की चार से पांच अधजली बोरियों की खोज की गहन जांच करना था। आंतरिक समिति मंगलवार को वर्मा के आवास पर गई थी और कहा जाता है कि उसने घटनास्थल का निरीक्षण किया। सूत्रों ने बताया कि बुधवार (26 मार्च) को दौरे के दौरान पुलिस ने घटना की क्रमवार जानकारी हासिल करने के लिए आग की रात वहां मौजूद कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों और अन्य लोगों से पूछताछ की।
संसद में फिर हंगामा, सत्ता पक्ष व विपक्ष में टकराव
सोनिया गांधी पर टिप्पणी मामले में कांग्रेस ने दिया नोटिस
शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस खारिज
अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा ने मचाया कोहराम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है। संसद सत्र के दौरान काफी हंगामा देखने को मिला । बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी को संसद में सही आचरण करने की नसीहत दी तो राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा। साथ ही जज के घर से नकदी मिलने का मामला भी खूब गरमाया हुआ है। उधर गुरुवार को सपा मुखिया अखिलेश के गौशाला पर दिये बयान को लेकर भी रार मचा रहा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने खारिज कर दिया। कांग्रेस ने अमित शाह द्वारा सोनिया गांधी को लेकर की गई टिप्पणी के खिलाफ यह नोटिस दिया था।
दरअसल मंगलवार को आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस के जवाब के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कांग्रेस के शासनकाल में पीएम राहत कोष बनाया गया था और इस सरकार के कार्यकाल के दौरान, पीएम केयर फंड शुरू किया गया। कांग्रेस के शासनकाल में इस फंड पर सिर्फ एक परिवार का नियंत्रण था। विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्य सभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 188 के तहत दिया गया है। नोटिस में कहा गया है कि चर्चा के दौरान भले ही गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी का उल्लेख किया और प्रधानमंत्री राहत कोष के कामकाज को लेकर आरोप लगाया।
जयराम ने सोनिया गांधी पर आरोप लगाने के लिए शाह के खिलाफ नोटिस पेश किया
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी पर आरोप लगाने के लिए शाह के खिलाफ नोटिस पेश किया। यह विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्य सभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 188 के तहत दिया गया है। नोटिस में कहा गया कि चर्चा के दौरान भले ही गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी का उल्लेख किया और प्रधानमंत्री राहत कोष (एनपीएमआरएफ) के कामकाज को लेकर आरोप लगाया। कांग्रेस ने गृह मंत्री पर सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया।
कोई उल्लंघन नहीं : धनखड़
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अमित शाह ने आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस का जवाब देते हुए कुछ टिप्पणियां करने के बाद अपने बयान को प्रमाणित किया था। गृह मंत्री ने 24 जनवरी 1998 को भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी एक प्रेस बयान का हवाला दिया। इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पीएमएनआरएफ शुरू करने की घोषणा की थी, जिसे प्रधानमंत्री, भारतीय राष्टï्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और कुछ अन्य लोगों की एक समिति द्वारा प्रबंधित किया जाना था। मैंने इसे ध्यान से पढ़ा है। मुझे लगता है कि कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
तोडफ़ोड़ में मुस्लिम होते तो देशद्रोह का केस लग जाता: ओवैसी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित निवास पर बुधवार (26 मार्च) को तोडफ़ोड़ हुई। रामजीलाल के राणा सांगा पर दिए गए बयान के कारण करणी सेना ने इस तोडफ़ोड़ को अंजाम दिया।
सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें हैं, जिनमें नजर आ रहा है कि करणी सेना जब यह सब कर रही थी तो पुलिसकर्मी चुपचाप खड़े देख रहे थे। इन तस्वीरों पर अब एआईएमआईएम प्रमुक असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि तोडफ़ोड़ करने वाले अगर मुस्लिम होते तो देशद्रोह का केस लगा दिया जाता और फौरन बुलडोजर भी चल जाता। ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, अगर ये तोडफ़ोड़ करने वाले एम (मुस्लिम) होते तो भाजपा की योगी सरकार की क्या प्रतिक्रिया होती?
लाठीचार्ज, गोलीबारी, गिरफ्तारी फिर देशद्रोह, एक सरकारी कर्मचारी पर हमला, बुलडोजर और शाम 6 से 9 बजे तथाकथित राष्टï्रवादी उन्हें एम (मुस्लिम) राजा के एजेंट कहते लेकिन माशाअल्लाह ऐसा कुछ नहीं हुआ।
आदिवासियों को भडक़ा रही भाजपा: कृषि मंत्री शिल्पी
शनिवार को रांची बंद, विस में सत्ता पक्ष ने भाजपा पर साधा निशाना
बीजेपी विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने किया पलटवार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रांची। झारखंड की राजधानी रांची के सिरमटोली में फ्लाईओवर रैंप का निर्माण किया जा रहा है। जो आदिवासी समाज के बीच आक्रोश का कारण बन चुका है। दरअसल, जहां फ्लाईओवर के रैंप का निर्माण हो रहा है, वहां आदिवासी समाज का सरना स्थल है।
आदिवासी समाज के द्वारा निर्माण कार्य के विरोध में शनिवार को रांची बंद बुलाया गया है, जिसको लेकर विधानसभा सत्र के दौरान पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप देखा गया। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा पर इशारा करते हुए जहां भडक़ाने का आरोप लगाया तो वहीं भाजपा से गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि अब आदिवासी समाज का हेमंत सरकार से विश्वास उठ रहा है। फ्लाईओवर रैंप के निर्माण कार्य को लेकर आदिवासी समाज में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। आदिवासी समाज द्वारा मांग किया जा रहा है कि फ्लाईओवर के रैंप का निर्माण कार्य बंद कराया जाए। लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से इस ओर निर्णय नहीं लिया गया। बता दें कि सरहुल पर्व नजदीक है। सिरमटोली सरना स्थल में सभी सरहुल के शोभायात्रा का पहुंचने की परंपरा है। ऐसे में आदिवासी समाज की मांग है कि जल्द इस दिशा में उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। आंदोलन के तहत समस्त आदिवासी संगठनों द्वारा रांची बंद का आह्वान किया गया है।आदिवासी समाज द्वारा बुलाया गया रांची बंद को लेकर सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर बयानबाजी हुई।
झारखंड सरकार में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने इशारों-इशारों पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आदिवासी समाज के लोग मुख्यमंत्री से मुलाकात किए थे। उचित दिशा निर्देश दिया गया था। उसके बावजूद बंद बुलाई गई। इसमें कहीं न कहीं राजनीतिक संगठन का हाथ है, धर्म को राजनीति का हिस्सा बनाना उचित नहीं है। गढ़वा से भाजपा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने सता पक्ष के आरोपों पर तंज कसते हुए कहा कि यह तो अबुआ सरकार आदिवासियों की हितैषी बताने वाली सरकार है। लेकिन इसके बावजूद आदिवासी समाज आक्रोशित होकर सडक़ पर उतरने को मजबूर है। इसका मतलब अब आदिवासी समाज का हेमंत सरकार से विश्वास उठने लगा है। कांग्रेस से सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा ने कहा, सिरमटोली विवाद में बीच का रास्ता जरूर निकाला जाएगा, पूरा आदिवासी समाज एकजुट है।
सरहुल पर्व खुशी-खुशी मनाएं, चिंता की कोई बात नहीं : हेमंत सोरेन
सदन में जब सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप के विवाद को लेकर आदिवासी समाज की मांग को रखा गया तो इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी समाज को संदेश देते हुए कहा कि सरहुल का पर्व खुशी-खुशी मनाएं, चिंता की कोई बात नहीं है। सरकार इस दिशा पर काम कर रही है। जल्द उचित निर्णय ले लिया जाएगा।
अब कामरा ने उड़ाया मोदी और शाह का मजाक
विपक्ष ने भाजपा की चुप्पी पर सवाल उठाए
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। मुंबई के खार में हैबिटेट में अपने हाल ही के स्टैंड-अप सेट में कुणाल कामरा के पीएम व गृहमंत्री पर अभद्र टिप्पणी को लेकर कोहराम मच गया है। विपक्ष ने इस मुद्े पर भाजपा की चुप्पी पर सवाल दाग दिया है। बता दें कुणाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का मजाक उड़ाया। उन्होंने संगीत के ज़रिए पीएम मोदी को तानाशाह और दोगला करार दिया।
कामरा ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करने के लिए फिल्म बादशाह से शाहरुख खान के मशहूर गाने बादशाह ओ बादशाह को फिर से गाया। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का मज़ाक उड़ाने के लिए कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और शिवसेना ने उनके खिलाफ़ धमकियां जारी की हैं। उन्होंने उस जगह पर भी तोडफ़ोड़ की है जहां कॉमेडियन ने परफ़ॉर्म किया था।
भाजपा शिंदे के बहाने कामरा को निशाना बना रही : दानवे
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि भाजपा कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे कटाक्ष करने पर चुप रही, लेकिन उनके पैरोडी गाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें एकनाथ शिंदे का नाम नहीं लिया गया। बजट सत्र के बाद विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए, महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने कहा, कुणाल कामरा ने अपने शो में सीधे प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की, और भाजपा ने कोई बुरा नहीं माना। लेकिन वही पार्टी एक पैरोडी गाने पर भडक़ी, जिसमें शिंदे का नाम भी नहीं था। ऐसा लगता है कि भाजपा कामरा को निशाना बनाने के लिए शिंदे का इस्तेमाल कर रही है।
कुणाल कामरा को फिर से तलब किया गया
पुलिस ने मंगलवार को कुणाल कामरा को पहला समन जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ मानहानि मामले की जांच शुरू होने पर उनकी उपस्थिति मांगी गई। नोटिस मिलने के बाद कॉमेडियन ने पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा।
शिवसेना मालिक और गुलामों की पार्टी नहीं : शिंदे का
कॉमेडियन कुणाल कामरा के गद्दार वाले बयान पर उठे विवाद के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में शिवसेना समर्पित कार्यकर्ताओं की पार्टी है, न कि मालिक और गुलामों की पार्टी। शिंदे ने यह टिप्पणी शिवसेना (उद्धव गुट) से अपनी पार्टी में शामिल हुए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए की। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री को 2022 में शिवसेना से अलग होने और भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद से उद्धव ठाकरे गुट द्वारा अक्सर गद्दार करार दिया जाता रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके जैसे सैनिक चांदी का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए हैं, बल्कि समर्पण और कड़ी मेहनत से आगे बढ़े हैं। शिंदे ने कहा कि हमारा ध्यान हमेशा लोगों की सेवा करने और उनके जीवन को बेहतर बनाने पर रहा है। यह पार्टी कुछ चुनिंदा लोगों की नहीं है, बल्कि उन लाखों समर्पित कार्यकर्ताओं की है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और बलिदान से इसे खड़ा किया है। यह प्रतिबद्ध व्यक्तियों की पार्टी है, न कि मालिक और गुलामों की पार्टी। उन्होंने आगे जोर दिया कि उन्होंने हमेशा अपने कार्यों से आलोचनाओं का जवाब दिया है और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। शिवसेना नेता ने आगे कहा कि महायुति गठबंधन पिछले साल के विधानसभा चुनावों में उनके नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किए गए कार्यों की वजह से भारी जीत हासिल कर सका। इससे पहले, शिंदे ने कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा उन पर किए गए तंज की तुलना किसी के खिलाफ़ बोलने के लिए सुपारी लेने से की थी और कहा था कि व्यंग्य करते समय एक शिष्टाचार होना चाहिए, अन्यथा क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। कामरा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिंदे ने चेतावनी दी कि हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। हम व्यंग्य समझते हैं। लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ़ बोलने के लिए सुपारी लेने जैसा है। स्टैंड-अप शो के दौरान शिंदे की राजनीतिक यात्रा पर कामरा की टिप्पणियों ने महाराष्ट्र में एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है।