‘आपका लहजा बता रहा है कि आपकी सियासत नई-नई है’, सपा दफ्तर के बाहर लगा पोस्टर

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर पोस्टर वॉर ने जोर पकड़ लिया है। राजधानी लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश कार्यालय के बाहर लगाए गए एक पोस्टर ने राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को निशाने पर ले लिया है। इस पोस्टर ने यूपी की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।
क्या है पोस्टर में खास?
पोस्टर में एक शायरी के माध्यम से सीधा लेकिन सांकेतिक हमला किया गया है।
“जो खानदानी सियासतदां होते हैं, मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना,
आपका लहजा बता रहा है कि आपकी सियासत नई-नई है।”
सपा नेताओं के अनुसार, यह पंक्तियाँ ब्रजेश पाठक के हालिया बयानों और उनके आक्रामक राजनीतिक तेवरों पर प्रतिक्रिया हैं। पार्टी का मानना है कि पाठक की शैली अनुभव की कमी और जल्दबाजी का संकेत देती है।
पहले भी लगे हैं ऐसे पोस्टर
इससे पहले, बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास चौराहे के पास एक विवादित होर्डिंग चर्चा में रही थी, जिसमें समाजवादी पार्टी पर सीधा हमला किया गया था। उस होर्डिंग में बड़े अक्षरों में लिखा था।
“वर्ग विशेष का तुष्टिकरण, गुंडागर्दी, गाली-गलौज… नामजवादियों के डीएनए की आ गई रिपोर्ट!”
इस होर्डिंग के नीचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की तस्वीर के साथ यह संदेश भी था:
“आपने प्रदेश का कर दिया उपकार, ब्रजेश पाठक जी का बहुत-बहुत आभार।”
राजनीतिक संदेश और रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह पोस्टर वॉर सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक संवाद है। भाजपा जहां सपा पर ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का आरोप लगा रही है, वहीं सपा इसे व्यक्तिगत कटाक्षों और मुद्दों से भटकाव बताकर जवाब दे रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के पोस्टर चुनावी माहौल में जनभावनाओं को प्रभावित करने का एक लोकप्रिय तरीका बन गए हैं। पोस्टरों के माध्यम से पार्टियाँ न केवल अपना पक्ष रखती हैं, बल्कि विरोधियों की छवि को भी प्रभावित करने का प्रयास करती हैं।
उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव को देखते हुए, यह साफ है कि ‘पोस्टर पॉलिटिक्स’ अभी और तेज़ होने वाली है। दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और सपा जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अब पोस्टरों को एक प्रभावशाली हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।



