कोरोना के खौफ पर भारी सेवाभाव पूरी सतर्कता से संक्रमित शवों का करते हैं अंतिम संस्कार
- परिजनों का हौसला बढ़ाने में भी नहीं पीछे बैकुंठधाम के कर्मचारी
- बस एक है मलाल, समय पर नहीं मिलता वेतन
सुमित कुमार
लखनऊ। राजधानी में कोरोना संक्रमण की बढ़ती स्पीड से हर शख्स खौफजदा है। जिस गली या इलाके में कोरोना संक्रमित केस मिलते हैं वहां दहशत का सन्नाटा पसर जाता है। अपने तक बात करने से कतराते हैं। दूसरी ओर बैकुंठ धाम में कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में जुटे कर्मियों में कोरोना का खौफ दूर तक नहीं नजर आता है। वे पूरे सेवाभाव से संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। वे संक्रमितों का शव लेकर आए परिजनों का हौसला भी बढ़ाते हैं। वे कहते हैं, संकट काल में समाज की असली परीक्षा होती है। सेवाभाव से बड़ा कोई धर्म नहीं है। दुख की घड़ी में लोगों का हौसला बढ़ाना जरूरी होता है। सतर्कता ऐसी है कि संक्रमित शवों के बीच भी वे संक्रमण से बचे हुए हैं। संक्रमण से कैसे बचा जाए लोग इसका सबक इन कर्मियों से सीख सकते हैं लेकिन इन कोरोना योद्धाओं को बस एक बात का मलाल है कि इतने के बाद भी उनका वेतन समय से नहीं मिलता है।
मेरठ-बागपत में जहरीली शराब पीने से तीन की मौत, हडक़ंप
- एक की हालत गंभीर, उग्र ग्रामीणों ने किया हंगामा
- कहां से आई जहरीली शराब पता कर रही पुलिस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मेरठ। मेरठ और बागपत में जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि एक की हालत गंभीर है। आक्रोशित लोगों ने जमकर हंगामा किया। सूचना पर पुलिस की टीमों ने गांवों में डेरा डाल दिया है और मामले की जांच कर रही हैं।
मेरठ के जानी इलाके के मीरपुर जखेड़ा गांव में जहरीली शराब की सप्लाई की गई। इसी शराब को पीकर बुधवार देररात गांव के जगपाल पुत्र वीरसिंह, पवन पुत्र नरमत और अमित यादव की हालत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने सभी को मेरठ रेफर कर दिया गया। जगपाल और पवन की रास्ते में मौत हो गई। अमित को मेरठ भर्ती कराया गया है। दोनों शवों को ग्रामीण गांव ले आए। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस पता कर रही है कि यह शराब कहां से ली गई। वहीं बागपत के चमरावल गांव में शराब पीने से आज सुबह श्यामलाल की मौत हो गई। ग्रामीणों ने शराब के जहरीली होने की आशंका जताते हुए हंगामा किया।
बागपत में दो दिन में पांचवीं मौत
बागपत के चमरावल गांव में दो दिन के भीतर शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को भी गांव में चार लोगों की मौत हो गई थी। ग्रामीण इनकी मौत का कारण भी शराब बता रहे हैं। हालांकि चारों का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि पांचों मौत जहरीली शराब के कारण हुई हैं। सीओ मंगल सिंह रावत का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
प्रयागराज व महोबा के सस्पेंड पुलिस कप्तानों की संपत्तियों की होगी जांच
- चिकित्सा उपकरणों की खरीद में हुई धांधली की जांच को एसआईटी गठित
- एसआईटी से दस दिन में मांगी रिपोर्ट, सीएम के तेवर से मचा हडक़ंप
१ 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टïचार पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने भ्रष्टïाचार के आरोपों में सस्पेंड किए गए प्रयागराज और महोबा के पुलिस कप्तानों की संपत्तियों की विजलेंस से जांच कराने का आदेश दिया है। इसके अलावा सीएम ने सुल्तानपुर व गाजीपुर समेत कई जनपदों में चिकित्सा उपकरणों की खरीद में हुई धांधली की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है।
सीएम योगी ने प्रशासनिक अनियमितता एवं भ्रष्टïाचार के मामलों में और कड़ा रुख अपनाते हुए प्रयागराज के निलंबित वरिष्ठï पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित और महोबा के निलंबित पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटीदार की संपत्तियों की जांच विजलेंस से कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही निलंबित अधिकारियों द्वारा की गई अनियमितताओं में संलिप्त पुलिस कर्मियों की अलग से जांच कराकर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम ने सुल्तानपुर और गाजीपुर सहित कुछ अन्य जिलों की ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर तथा इन्फ्रारेड थर्मामीटर की बाजार मूल्य से अधिक दर पर खरीद किए जाने के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। एसआईटी अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की अध्यक्षता में गठित की गई है। सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग अमित गुप्ता और सचिव नगर विकास एवं एमडी जल निगम विकास गोठलवाल को इसका सदस्य नामित किया गया है। एसआईटी से दस दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।