तेजस्वी की दिख रही बेकरारी लेकिन चिराग को नहीं कोई जल्दबाजी
नई दिल्ली। तेजस्वी यादव और चिराग पासवान जल्द ही बिहार की राजनीति में साथ नजर आ सकते हैं। आज दोनों की मुलाकात से इस बात के संकेत मिले हैं। भले ही यह मुलाकात व्यक्तिगत हो, लेकिन तेजस्वीतेजस्वी यादव के इस बयान ने भविष्य के गर्त में छिपी राजनीतिक दोस्ती की धूल साफ कर दी है।
दरअसल, लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान बुधवार को राजद नेता तेजस्वी यादव को अपने पिता, दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करने पहुंचे थे।
बैठक के बाद बाहर आए दोनों नेताओं ने मीडिया से बात की। इस दौरान तेजस्वी यादव ने अपनी राजनीतिक दोस्ती को मीडिया के सामने लाने की पूरी कोशिश की, लेकिन चिराग ने यह कहकर कि इस मुलाकात के राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए, यह व्यक्तिगत मुलाकात है। अब राजनीति की बात करने का सही समय नहीं है। इसके बाद तेजस्वी यादव ने बयान दिया कि हमने जो भी कहना चाहा वह कह दिया है। लालू जी ने जो कहा है, उससे आगे हम कुछ नहीं कह सकते। दरअसल, लालू प्रसाद यादव ने कुछ दिन पहले तेजस्वी और चिराग पासवान के साथ आने पर बयान दिया था।
रामविलास पासवान की मौत के बाद लोक जनशक्ति पार्टी दो गुटों में बंट गई है। जून में चिराग पासवान को छोडक़र सभी एलजेपी सांसद सांसद पशुपति पारस के शिविर में गए थे। उन्हें एलजेपी प्रमुख और लोकसभा में सदन का नेता भी चुना जा चुका है। चिराग ने इस लड़ाई को कोर्ट और चुनाव आयोग तक पहुंचाया है।
पार्टी में दो फाड़ होने के बाद चिराग पासवान की तेजस्वी यादव से निकटता बढ़ गई है। दोनों ने एक-दूसरे के पक्ष में बयान भी दिए हैं। इस बीच तेजस्वी ने भी चिराग को साथ आने का ऑफर दिया है। बता दें कि 2010 में लालू प्रसाद यादव ने भी रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजने में मदद की थी।
रामविलास पासवान का पिछले साल 8 अक्टूबर को निधन हो गया था। वह काफी बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। चिराग पासवान 12 सितंबर को उनकी पहली पुण्यतिथि मनाने जा रहे हैं। अगर वह गुरुवार को दिल्ली में लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर कार्यक्रम का निमंत्रण देंगे तो जल्द ही वह सीएम नीतीश कुमार से भी मुलाकात कर सकते हैं।