पैरालंपिक में पदक जीतने वाले देश के पहले आईएएस सुहास
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- यूपी सहित कई राज्यों के आईएएस और आईपीएस ने दी जिलाधिकारी सुहास को बधाई
- नोएडा डीएम की जीत पर उनकी पत्नी ऋ तु सुहास बोलीं- यह खुशी सबसे बड़ी
लखनऊ। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी और बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यथिराज ने पैरालंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया, जिसे उनकी पत्नी ने गर्व करने वाला पल बताया। पत्नी बोलीं, यह खुशी सबसे बड़ी है, जिसे बांटना बहुत मुश्किल है। सुहास पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाले देश के पहले आईएएस अधिकारी हैं। उनकी इस उपलब्धि पर आईएएस संघ और आईपीएस अधिकारियों ने भी खुशी जतायी, जिसमें उनके साथ काम करने वाले नोएडा के अधिकारी भी शामिल हैं। यूपी ही नहीं, देशभर से नोएडा के डीएम सुहास को जीत की बधाइयां मिल रही हैं। बता दें कि यथिराज रविवार को तोक्यो में पुरुष एकल एसएल4 वर्ग बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में शीर्ष वरीयता फ्रांस के लुकास माजूर से करीबी मुकाबले में हार गए। उन्हें दो बार के विश्व चैम्पियन माजूर से 62 मिनट तक चले फाइनल में 21-15 17-21 15-21 से हराया। गौतम बुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह, अपर पुलिस आयुक्त लव कुमार सहित प्रशासन के अधिकारियों ने भी उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी है। सुहास उत्तर प्रदेश कैडर के 2007 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। टोक्यो पैरालंपिक में सुहास के सिल्वर मेडल जीतने पर उनकी मां जयाश्री ने कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है, उन्होंने महान सफलता पाई है। मैंने उनके मैच का आनंद लिया। वह बचपन से खेल में सक्रिय थे और पढ़ाई में भी शानदार थे। भारत को उन पर गर्व है।
पूरे परिवार को सुहास पर गर्व : ऋ तु सुहास
सुहास की पत्नी ऋ तु सुहास ने बताया कि उन्हें स्वर्ण पदक की उम्मीद थी लेकिन रजत पदक हासिल करना भी गर्व की बात है। उन्होंने कहा देश के लिए पदक जीतने पर मुझे तथा पूरे परिवार को सुहास पर गर्व है। टोक्यो पैरालंपिक में सुहास एल.वाई. के प्रदर्शन पर उनके परिवार ने बहुत खुशी जताई है। पति की कामयाबी से खुश ऋ तु सुहास ने कहा कि देश के लिए पैरालंपिक में खेलना सुहास का सपना था। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी जिंदगी के कीमती 6 साल समर्पित कर दिए। जब वे पैरालंपिक में जा रहे थे तो मैंने उन्हें यही कहा था कि नतीजे की चिंता किए बिना वे बस अपना बेस्ट गेम खेलें और उन्होंने वही किया। यह मेडल सुहास की पिछले छह साल की मेहनत का फल है। हमारे लिए वो जीत चुके हैं, उन्होंने बहुत अच्छा खेला और देश का नाम रोशन किया है। हमें उन पर गर्व है। ये पूरे देशवासियों के लिए हर्ष का विषय है।