मौलाना कलीम सिद्दीकी को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया
लखनऊ। धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस ने एक और गिरफ्तारी की है। इस मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है। मौलाना कलीम सिद्दीकी ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष और जमीयत-ए-वलीउल्लाह के अध्यक्ष भी हैं। उसे मेरठ से गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में मुफ्ती काजी और उमर गौतम को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों के पास से कलीम सिद्दीकी के लिंक मिले हैं। आरोप है कि कलीम सिद्दीकी के खाते में विदेश से करोड़ों रुपये आए थे. यूपी एटीएस के मुताबिक बहरीन से मौलाना कलीम सिद्दीकी के खाते में 1.5 करोड़ रुपये आए. उनके खाते में कुल 3 करोड़ रुपये आए थे।
जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरनगर के फुलट गांव निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी (64 साल) देश के सबसे बड़े इस्लामी विद्वानों में से एक हैं। वह फुलट के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के निदेशक भी हैं। बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम सात बजे लिसादिगेट के हुमायूंनगर स्थित मस्जिद माशाल्लाह के इमाम शारिक के घर पर आयोजित भोज में साथी मौलवियों के साथ आए थे। रात करीब नौ बजे वह 3 अन्य साथी मौलवियों और ड्राइवर के साथ मुजफ्फरनगर के लिए निकले लेकिन कई घंटे बाद भी घर नहीं पहुंचे परिजनों ने फोन किया तो सभी का फोन स्विच ऑफ था।
मौलाना कलीम सिद्दीकी का नाम जून महीने में पकड़े गए यूपी कन्वर्जन रैकेट से भी जुड़ा था। यूपी एटीएस के मुताबिक, उमर गौतम और उसके साथियों ने आईडीसी संगठन के जरिए लोगों का धर्म परिवर्तन कराया था। उमर गौतम ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उनका साथी मौलाना कलीम सिद्दीकी पिछले सालों में 5 लाख से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है। आईडीसी के जरिए नाबालिगों का धर्मांतरण भी कराया जा रहा था।
यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि 20 जून को अवैध धर्मांतरण गिरोह चलाने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उमर गौतम और उनके सहयोगियों को ब्रिटिश आधारित संगठन से 57 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया गया था। जिस खर्च का आरोपी नहीं बता सका उसका ब्यौरा क्या है। आगे बताया गया कि इस संबंध में आज के आरोपितों को छोडक़र कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 6 के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया है, 4 के विरुद्ध जांच जारी है।