लोगों की निजता की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी : सुप्रीम कोर्ट
- डेटा लीक मामले में व्हाट्सएप और फेसबुक को नोटिस
- मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर हो रहे विवाद के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप एप को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यह लिखकर दे कि यूजर्स का डेटा किसी तीसरी पार्टी के साथ साझा नहीं किया जाएगा। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हो सकता है कि आप 2-3 ट्रिलियन की कंपनी हों, लेकिन लोगों की निजता इससे कहीं ज्यादा कीमती है। कोर्ट ने मामले में फेसबुक, केंद्र सरकार और व्हाट्सएप को नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा लोगों को अपनी निजता को लेकर बहुत चिंता है। आप (व्हाट्सएप) दो ट्रिलियन या तीन ट्रिलियन की कपंनी होंगे, लेकिन निजता आपके पैसों से ज्यादा महत्वपूर्ण है। लोगों की निजता को सुरक्षित रखना आपकी ड्यूटी है। बता दें कि अदालत ने यह फैसला साल 2016 में आई व्हाट्सएप पॉलिसी को लेकर सुनाया है। व्हाट्सएप की निजता पॉलिसी के खिलाफ कर्मण्य सिंह सरीन ने साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका के मुताबिक, जबसे फेसबुक ने व्हाट्सएप को खरीदा है तबसे इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप के यूजर्स का डेटा फेसबुक के साथ शेयर किया जा रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट की संविधानिक पीठ के पास लंबित है।
निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों का हिस्सा
अदालत में केंद्र की ओर से कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि कोई कानून हो या नहीं लेकिन निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों का हिस्सा है। व्हाट्सएप को निजता के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। उन्हें डेटा नहीं शेयर करना चाहिए। बता दें कि व्हाट्सएप की नई नीति के तहत यूजर्स या तो उसे स्वीकार कर सकते हैं या उन्हें एप का इस्तेमाल बंद करना पड़ेगा। यूजर्स के पास फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी द्वारा तीसरे पक्ष से डाटा साझा नहीं करने का विकल्प चुनते हुए एप का इस्तेमाल करने का विकल्प नहीं है।
पहले की तरह विवि व कॉलेजों में पढ़ाई शुरू
- आज से फुलटाइम खुले राजधानी के महाविद्यालय
- कक्षाओं में दिखा कोविड प्रोटोकाल का पालन
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। राजधानी लखनऊ में पहले की तरह विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में पढ़ाई शुरू हो गई है। आज से लखनऊ सहित प्रदेशभर के विश्वविद्यालय व कॉलेज फुलटाइम खुल गए। लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालय एवं शिक्षण संस्थान पहले की तरह संचालित होने लगे। अभी शेड्यूल बनाकर 50 फीसदी छात्रों को ऑफलाइन बुलाया जा रहा था। हालांकि पहले दिन अधिकतर विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति कम ही रही। सभी जगहों पर कोविड गाइडलाइन का पालन दिखा। कॉलेजों में यूजी-पीजी परीक्षाएं भी चल रही हैं। इसलिए परीक्षा समय को छोड़कर ही कॉलेज कुछ कक्षाएं शुरू करेंगे। राजधानी लखनऊ में बप्पा श्रीनारायण वोकेशनल पीजी कॉलेज (केकेवी) के प्राचार्य प्रो. राकेश चंद्रा ने बताया कि अभी स्नातक, परास्नातक प्रथम सेमेस्टर में 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की कक्षाएं शेड्यूल के अनुसार लग रहीं थीं। आज सभी को बुलाया गया, लेकिन विद्यार्थी कम ही आए। सबसे पहले कक्षाओं को सेनेटाइज किया गया। इसके बाद ही छात्रों को कक्षाओं में घुसने दिया गया। कालीचरण पीजी कालेज के प्राचार्य डा. देवेंद्र सिंह ने बताया कि अब ऑफलाइन ही कक्षाएं चलेंगी। रविवार को कोई क्लास नहीं होगी। जेएनपीजी कालेज की प्राचार्य डॉ. मीता शाह ने बताया कि कोविड प्रोटोकाल के अनुसार शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए कक्षाएं शुरू हो गई है। स्टाफ को भी विद्यार्थियों के साथ एहितयात बरतने के निर्देश दिए है। वहीं डीएवी कालेज में भी कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए मास्क लगाकर छात्रों को इंट्री दी गई।
आईएएस अरविंद कुमार पर मैनपावर सप्लाई में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
- डॉ. नूतन ठाकुर ने की जांच की मांग
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा यूपी के आईएएस अफसर अरविंद कुमार की सहायता से मैनपावर सप्लाई में भारी भ्रष्टाचार की शिकायत कर जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी शिकायत में नूतन ने कहा कि उन्हें दी गयी जानकारी के अनुसार अरविंद कुमार 12 मई 2014 से 30 जुलाई 2016 तक प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग रहे। इस दौरान अरविंद कुमार द्वारा अपने पद का व्यापक दुरुपयोग करते हुए फर्जी बिलों के माध्यम से 200 करोड़ रुपए का फर्जी भुगतान करने में एक कंपनी की मदद की। इससे पूर्व मेसर्स हर्ष इंटरप्राइजेज द्वारा बड़े अफसरों एवं नेताओं की सहायता से मैनपावर सप्लाई में अनियमितता के संबंध में शिकायत कर चुकी हैं। इन शिकायतों में अक्टूबर 2017 में एक अन्य कंपनी का करार खत्म होने के बाद भी हीरालाल तत्कालीन एमडी, उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा अवैध ढंग से इस कंपनी को मैनपावर सप्लाई हेतु प्राधिकृत किए जाने तथा 18 जुलाई 2018 को इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के बाद भी इसे लगातार सरकारी काम दिए जाने एवं मेसर्स हर्ष इंटरप्राइजेज को बदायूं मेडिकल कॉलेज में बिना सरकारी अग्रीमेंट के मैनपावर का काम दिए जाने तथा उसके द्वारा कन्नौज मेडिकल कॉलेज में तमाम अनियमितता किए जाने के आरोप प्रमाणित होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने के आरोप शामिल हैं। इन शिकायतों के बाद नूतन को कई बार जान-माल को धमकी भी मिल चुकी है।
गुजरात के मुख्यमंत्री कोरोना पॉजिटिव
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी कोरोना पॉजिटिव हैं। उन्हें वडोदरा में एक चुनावी सभा में अचेत हो जाने के बाद अहमदाबाद के यू एन मेहता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। उनका ऑक्सीजन लेवल सामान्य बताया जा रहा है तथा अन्य टेस्ट भी नॉर्मल आए हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी रविवार देर रात वडोदरा में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान शारीरिक थकान कमजोरी तथा ब्लड प्रेशर लेवल घट जाने के कारण वे अचानक मंच पर ही गिर पड़े थे। मुख्यमंत्री को हेलीकॉप्टर से अहमदाबाद के यू एन मेहता हार्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के निदेशक डॉ आर के पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री का देर रात आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया जो सोमवार सुबह पॉजिटिव आया है। मुख्यमंत्री रुपाणी को 24 घंटे के लिए निगरानी में रखा जाएगा।
विधानसभा सत्र से पहले कोरोना जांच
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विधानमंडल के सदस्यों, अधिकारियों व कर्मचारियों से कोरोना टेस्ट कराने की अपील की है, जिससे बजट सत्र के दौरान कोरोना महामारी के कारण सत्र में कोई व्यवधान उत्पन्न ना हो। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर आज कुछ सदस्यों ने कोरोना जांच करवाई। सभी सदस्य 17 फरवरी तक विधानसभा के अलावा अपने जिले में भी कोरोना की जांच करा सकते हैं। विधानसभा सत्र 18 फरवरी से शुरू होगा।