अब मुस्लिमों को साधने की तैयारी में भाजपा, बनायी रणनीति

  • पसमांदा मुस्लिमों पर फोकस, जल्द शुरू होगा बड़ा अभियान
  • यूपी समेत पांच चुनावी राज्यों में बड़ी टीम उतारेगी भाजपा
  • मुस्लिम बहुल बूथों पर पहुंचेंगे पार्टी कार्यकर्ता

लखनऊ। अब भाजपा मुस्लिमों को साधने की तैयारी में जुट गयी है। यूपी समेत पांच चुनावी राज्यों में भाजपा पहली बार मुसलमान मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए अपनी टीम मैदान में उतारने जा रही है। इसका खाका पूरी तरह बना लिया गया है। पार्टी इसके लिए केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों से सीधा और व्यक्तिगत संपर्क साधेगी। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के तहत अब मुस्लिमों को रिझाने में जुट गयी है। इसके लिए बाकायदा रणनीति बनायी गयी है। योजना के मुताबिक पार्टी उन बूथों पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 70 फीसदी से अधिक है और वहां पसमांदा मुसलमानों की तादाद अधिक है। सूत्रों के मुताबिक मुसलमानों को साधने का पार्टी की ओर से यह पहला प्रयोग है। व्यक्तिगत स्तर पर संपर्क के दौरान पार्टी कार्यकर्ता केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों को मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल के दौरान इस वर्ग के भलाई के लिए हुए कार्यों के ब्यौरे की जानकारी देंगे। इसके अलावा चुनाव में मुस्लिम बहुल सभी बूथों पर पार्टी के कार्यकर्ता मुस्तैदी से जुटे रहेेंगे। मुस्लिम बहुल विधान सभा सीटों पर सौ नए सक्रिय कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जाएगी। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने खासतौर पर पसमांदा समाज को योजनाओं का लाभ देने के लिए चिह्नित किया था। मुसलमानों की केंद्रीय योजनाओं में कुल हिस्सेदारी में इस समाज की हिस्सेदारी 80 फीसदी है इसलिए इस समाज को साधने की रणनीति बनाई गई है।

यूपी में 18 फीसदी है मुस्लिम आबादी

भाजपा नेताओं का कहना है कि चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना हो या किसान सम्मान निधि योजना या फिर कोई अन्य योजना बीते सात सालों में मुसलमानों को उनकी आबादी के अनुपात में अन्य वर्ग की तुलना में दोगुना लाभ मिला है। खासतौर पर उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी करीब 18 फीसदी है जबकि इन योजनाओं में इस बिरादरी की हिस्सेदारी 30 से 35 फीसदी है। शैक्षणिक छात्रवृत्तियों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है।

Related Articles

Back to top button