कुछ इस तरह से हो सकता है मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार
नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट के विस्तार की चर्चा पिछले कुछ दिनों से जारी है लेकिन अब जो खबरें आ रही हैं उनके मुताबिक अगले दो दिनों के भीतर ही कैबिनेट में विस्तार कर दिया जाएगा। जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने के साथ ही राज्यों के होने वाले चुनावों की भी अनदेखी नहीं की जा सकती है। ऐसे विस्तार का एक ऐसा फार्मूला ढंढा गया है जिससे सभी को खुश किया जा सके। लेकिन देखने वाली यही होगी कि विस्तार में रेलवे जैसा अहम मंत्रालय की बागडोर किसके हाथ में जाती है।
मीडिया मेें आ रही रिपोर्टï्स की मानें तो मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार इसी हफ्ते हो जाएगा। बताया जा रहा है कि 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल में 17 से 22 मंत्री शपथ लेंगे। माना जा रहा है कि जिन राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों में सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट में वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा मंत्रिपरिषद में क्षेत्रीय दलों के नेताओं को भी शामिल कर एनडीए कबीले को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। जानिए किस राज्य से कितने मंत्री मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश से तीन मंत्रियों को किया जाएगा जिनमें अपना दल से अनुप्रिया पटेल का नाम प्रमुख है। बिहार से दो से तीन मंत्री होंगे शामिल जिनमें भाजपा- सुशील मोदी, जदयू से आरसीपी सिंह व एलजेपी से पशुपति पारस हो सकते हैं। मध्य प्रदेश से भी एक से दो मंत्री होंगे शामिल इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया व राकेश सिंह के नामों की चर्चा है। महाराष्ट्र से एक से दो मंत्री शामिल हो सकते हैं। इनमें नारायण राणे, हिना गावित व रणजीत नाइक निंबालकर के नामों की चर्चा है। राजस्थान से एक मंत्री शामिल हो सकता है। जम्मू और कश्मरी से एक मंत्री बनाया जा सकता है। लद्दाख से एक मंत्री शामिल हो सकते हैं। असम से एक से दो मंत्री शामिल हो सकते हैं, जिसमें सोनेवाल का नाम चर्चा में है। पश्चिम बंगाल से शांतनु ठाकुर व निशीथ प्रेमाणिक के नाम की चर्चा है। ओडिशा से एक मंत्री शामिल हो सकते हैं। बता दें कि गठबंधन दल इस बार भी मोदी कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं। जदयू, एलजेपी और वाईएसआर कांग्रेस के कई मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में अतिरिक्त प्रभार वाले नौ मंत्री अतिरिक्त मंत्रालय छोड़ सकते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में 81 सदस्य हो सकते हैं। इस समय 53 मंत्री हैं, यानी 28 मंत्री जोड़े जा सकते हैं।