योगी दिल्ली रवाना, क्या दिल्ली दरबार से हो जाएगा समझौता
- अमित शाह के साथ बैठक के बाद निकल सकता है बीच का रास्ता
- प्रदेश सरकार में बड़े बदलाव की संभावना के बीच सीएम के दिल्ली जाने से सियासी चर्चा गर्म
- अरविंद शर्मा को लेकर पीएम-सीएम के बीच जारी टकराव को टालने में जुटा संघ-भाजपा
- चुनाव से पहले किसी प्रकार के अंदरूनी विवाद को हवा नहीं देना चाहती भाजपा
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। विधान सभा चुनाव से पहले प्रदेश सरकार में बड़े बदलाव की संभावना और पीएम-सीएम के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की चर्चा के बीच आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली रवाना हो गए हैं। शीर्ष नेतृत्व ने सीएम को दिल्ली बुलाया था और इस कवायद को चुनाव से पहले प्रदेश में किसी प्रकार के विवाद को हवा देने के बजाय बीच का रास्ता निकालने की कोशिश माना जा रहा है। सियासी गलियारे में चर्चा तेज है कि पीएम मोदी के करीबी अरविंद शर्मा को अहम पद देने और सरकार में अन्य बदलावों को लेकर कोई समझौता हो सकता है ताकि दिल्ली दरबार और प्रदेश सरकार के बीच सबकुछ ठीक होने का संदेश दिया जा सके। पिछले कई दिनों से प्रदेश सरकार और संगठन में बदलाव को लेकर दिल्ली दरबार और सीएम योगी के बीच तनातनी चल रही है। सोशल मीडिया, नौकरशाही और सियासी गलियारों में यह चर्चा आम है। यह जंग पीएम मोदी के सबसे करीबी अफसर अरविंद शर्मा की ताजपोशी को लेकर शुरू हुई थी। केंद्र चाहता है कि अरविंद शर्मा डिप्टी सीएम बने और नियुक्ति और गृह की कमान उनके हाथ में रहे मगर मुख्यमंत्री ने इससे साफ इंकार कर दिया है। दिल्ली दरबार और मुख्यमंत्री के बीच बढ़ती तल्खी को दूर करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने न केवल राजधानी लखनऊ में तीन दिन तक डेरा जमाए रखा बल्कि मंत्रियों और विधायकों से अलग-अलग बैठक की और अपनी रिपोर्ट राष्टï्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है। माना जा रहा है कि राष्टï्रीय संगठन मंत्री ने सीएम योगी को बीच का रास्ता अपनाने का सुझाव भी दिया है। संघ भी इस मामले में सक्रिय हो गया था। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी नहीं चाहते कि चुनाव से पहले किसी प्रकार का विवाद सामने आए जिससे भाजपा को नुकसान उठाना पड़े। इस सबके बीच आज मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आज गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक है। इसके बाद वे कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके पहले भी यूपी को लेकर प्रधानमंत्री से लेकर संगठन के पदाधिकारी की कई बैठकें हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद यूपी में चल रहे विवाद पर विराम लग सकता है। सूत्रों का कहना है कि चुनाव के कारण पार्टी का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश में बड़ा बदलाव करने का रिस्क नहीं लेगा और बीच का रास्ता निकाला जाएगा ताकि पीएम और सीएम के बीच अहम के टकराव पर विराम लग सके। ऐसे में समझौते की संभावना है।
संघ भी समझौते के लिए सक्रिय
संघ के सामने बड़ी चुनौती यह है कि पीएम मोदी और सीएम योगी दोनों ही उसके चहेते हैं जिनके जरिए वह हिंदुत्व की कमान संभालता है। ऐसे में अगर दोनों में कोई एक नाराज होता है तो ये संघ के लिए बहुत परेशानी की बात होगी। लिहाजा संघ भी सक्रिय हो चुका है और बीच का रास्ता निकालने में जुटा हुआ है। इस संदर्भ में पिछले दिनों दिल्ली में संघ के शीर्षस्थ नेताओं ने मीटिंग भी की थी और इस जंग को खत्म कराने की रणनीति तय की थी।
यूपी भाजपा की आखिरी पटकथा मोदी लिख चुके हैं। ऐसे में योगी को तलब किया है। योगी ने मोदी के सामने समर्पण किया है। बदलाव तय है। जिस तरह से पंचायत चुनाव हारे हैं, वह दिखाता है कहीं न कहीं योगी के नेतृत्व में यूपी दिशाविहीन है। योगी सरकार फेल है।
जीशान हैदर, प्रवक्ता, कांग्रेस
भाजपा में जो राजनीतिक घमासान मचा है उससे तय है पार्टी को उत्तर प्रदेश की कोई चिंता नहीं है। मुख्यमंत्री व पीएम की जंग सब जानते हैं। 2022 का चुनाव अहम है। ऐसे में मोदी सरकार भ्रम में है कि योगी को हटाएं या न हटाएं जबकि भाजपा की नाकामियों का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
सुनील सिंह साजन, एमएलसी, सपा
मुख्यमंत्री को दिल्ली इसलिए बुलाया है क्योंकि मोदी और योगी में बन नहीं रही है। पीएम मोदी और अमित शाह योगी को यह बताना चाहते हैं कि सरकार तो हमारे इशारे पर ही चलेगी। योगी के दिल्ली जाने से अब यूपी में एके शर्मा को जगह मिलनी तय है।
सतीश श्रीवास्तव, प्रदेश महासचिव पूर्वांचल विंग, आप
यूपी भाजपा में चल रही उठापटक से पीएम नाराज हैं। योगी को दिल्ली बुलाया गया है। अब देखना यह है कि क्या योगी प्रदेश सरकार में बदलाव को स्वीकार करेंगे या कोई बीच का रास्ता निकालेंगे।
अनिल दुबे, राष्टï्रीय सचिव, आरएलडी