4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का सरकारी दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। सरकारी अस्पताल गंभीर मरीजों को भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। यह हाल तब है जब सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर हर साल सैकड़ों करोड़ खर्च कर रही है। सवाल यह है कि ये रुपये आखिर कहां खर्च हो रहे हैं। राजधानी में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को तुरंत इलाज के दावे हकीकत से उलट हैं। सरकार का निर्देश है कि मरीजों को एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाए और तत्काल इलाज शुरू किया जाए लेकिन हालात बद से बदतर हैं। राजधानी में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल कितना खराब हो चुका है, इसकी पोल तस्वीरें खोल रही है। एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण लोग गंभीर मरीजों को ट्राली में लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। जब राजधानी में यह हाल है तो प्रदेश के अन्य जिलों में सरकारी चिकित्सा सेवाओं की हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है लेकिन जिम्मेदार अफसरों को कुछ भी नहीं दिख रहा है।
लोकभवन के सामने एक ही परिवार के पांच लोगों ने किया आत्मदाह का प्रयास, हड़कंप
- हरदोई निवासी है परिवार घर पर दबंगों के कब्जे और पुलिस कार्रवाई नहीं होने से हैं क्षुब्ध
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। लोकभवन के सामने आज एक ही परिवार के सात लोग आत्मदाह के लिए पहुंच गए। इनमें से पांच लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया। वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने सभी को रोक लिया। हजरतगंज थाना प्राभारी श्याम बाबू शुक्ला के मुताबिक परिवार धन्नू पुरवा हरदोई निवासी है। तीन महिलाएं और दो पुरुषों ने आत्मदाह का प्रयास किया। इनमें से उमेश यादव, राजाराम, वीके यादव, उषा देवी और मायावती ने मिट्टी का तेल डाल लिया और खुद को आग लगानी चाही। पुलिस की तत्परता से कोई घटना नहीं हो सकी। सभी का कहना है कि घर में 40 साल से कामिनी वर्मा का परिवार रहता है। वह परिवार घर खाली नहीं कर रहा है। शिकायत के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं दबंग धमकार रहे हैं।
राज्यसभा में नए कृषि कानूनों पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
- कहा, सरकार के हर निर्णय को मानने के लिए नहीं हैं बाध्य
- राष्टï्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान विपक्षी दलों के कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। विपक्ष ने कहा कि सरकार के हर निर्णय और नीति को जनता स्वीकार करे और विपक्ष अनुमोदन करे ये न तो अनिवार्य है और न ही स्वीकार्य है और यदि ऐसा हो तो हम जनतंत्र नहीं रहे। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि प्रजातंत्र में एक मत हो, एक विचार हो ये न संभव है न स्वीकार्य है। भारत की परंपरा चर्चा और चिंतन की रही है, वाद-विवाद की संवाद की रही है। सरकार के हर निर्णय और नीति को जनता स्वीकार करे और विपक्ष अनुमोदन करे ये न तो अनिवार्य है और न ही स्वीकार्य है और यदि ऐसा हो तो हम जनतंत्र नहीं रहे। बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि सरकार ठेकेदारी के नाम पर जमींदारी वापस लाना चाहती है।
कृषि कानूनों में क्या काला है यह न किसान यूनियन बता पा रहे, न विपक्ष : कृषि मंत्री
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार, कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए प्रतिबद्ध है। कृषि काननों में क्या काला है। यह न तो किसान यूनियन बता पा रहे हैं और न ही विपक्ष बता पा रहा है। 15 वें वित्त आयोग ने ग्राम पंचायतों को 2.36 लाख करोड़ प्रदान करने की सिफारिश की है, जिसे मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया है। सरकार की योजनाओं से गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव आया है।
आंदोलन जारी, किसानों का चक्का जाम कल
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन जारी है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि छह फरवरी को होने वाला चक्का जाम दिल्ली में नहीं होगा। उन्होंने समर्थकों से अपील की है कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि छह फरवरी को देशभर में आंदोलन होगा।