अपने चहेते आईएएस अफसरों को बचाने के लिए एपी मिश्रा को बनाया गया बलि का बकरा
- हाईकोर्ट ने दी जमानत और सीबीआई जांच पर उठाए सवाल
- भविष्य निधि के दो हजार करोड़ डीएचएफएल में डालने का ठीकरा फोड़ा गया था एपी मिश्रा के सिर पर
- अधिकांश पैसा डाला गया था भाजपा सरकार के बनने के बाद
- पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन आलोक कुमार की घोर लापरवाही आई थी सामने मगर सरकार ने बचा लिया उन्हें
- सरकार के बड़े अफसरों के इशारे पर नाचती रहा ईओडब्ल्यू और मनचाहे तरीके से की गई थी जांच
- हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टïतया पाया एपी मिश्रा के विरुद्ध कोई मनी टे्रल नहीं था
- संजय अग्रवाल को चीफ सेक्रेटरी बनने से रोकने के लिए रचा गया था यह सारा षड्यंत्र
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। सरकार जब अपनी मनमानी पर उतर आती है तो क्या-क्या कर सकती है, इसका ताजा उदाहरण यूपी पॉवर कारपोरेशन का भविष्य निधि घोटाला है। आरोप है कि इसमें दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश डीएचएफएल में कर दिया गया था। मजे की बात यह है कि इसमें से अधिकांश पैसा भाजपा सरकार के बनने के बाद किया गया था। ये पैसा तब निवेश किया गया जब चेयरमैन आलोक कुमार थे और एमडी अपर्णा यू थी। मगर सरकार इन अफसरों को बचाना चाहती थी लिहाजा सारा ठीकरा एपी मिश्रा के सिर फोड़ा गया, जिससे सपा सरकार को बदनाम किया जा सके। गौरतलब है कि इस मामले में आलोक कुमार से शिकायत भी की गई थी मगर आलोक कुमार ने इस शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया उसके बाद जब मामला तूल पकड़ा तो जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गयी। ईओडब्ल्यू को इशारा किया गया कि जांच के बहाने संजय अग्रवाल और एपी मिश्रा को निशाना बनाना है। संजय अग्रवाल सपा सरकार में पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन थे और कहा गया कि ये फैसला उनके कार्यकाल में लिया गया। फाइलों पर संजय अग्रवाल के हस्ताक्षर दिखाए गए। संजय अग्रवाल लंबे समय तक गुहार करते रहे कि ये हस्ताक्षर उनके नहीं है। मगर उनके हस्ताक्षर लंबे समय तक नहीं प्रमाणित कराए गए। बताया जाता है कि संजय अग्रवाल ने जब इसकी शिकायत पीएमओ में की तो मामला खुला। यही नहीं जानबूझकर आलोक कुमार को बचाने के लिए मंत्री श्रीकांत शर्मा पर भी उंगलियां उठायी गईं। जगजाहिर है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीकांत शर्मा को बहुत पसंद नहीं करते। इसके बाद श्रीकांत शर्मा ने भी इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की। उससे पहले ईओडब्ल्यू एपी मिश्रा को जेल भेज चुकी थी। सीबीआई जांच ठंडे बस्ते में चली गई और आखिर आज हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए एपी मिश्रा को जमानत दे दी।
लखीमपुर के पसगवां में उत्पीड़न का शिकार हुईं महिलाओं से मिलीं प्रियंका
- कांग्रेस महासचिव बोलीं- योगी सरकार में महिला की साड़ी खीची गईं, प्रशासन मौन रहा
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा उत्तर प्रदेश के चार दिन के दौरे के दूसरे दिन शनिवार को लखीमपुर खीरी पहुंची। यहां पर उन्होंने ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के नामांकन के दौरान हिंसा की शिकार महिलाओं से भेंट की। इस मौके पर प्रियंका वाड्रा ने कहा प्रदेश में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। जिस तरह का लोकतंत्र होना चाहिए, उससे हालात बिल्कुल विपरीत हैं। वाड्रा लखीमपुर खीरी के पसगवां ब्लॉक में दो महिलाओं के साथ पंचायत चुनाव में नामांकन के दौरान हुई भारी अभद्रता की घटना का जायजा लेने पहुंची थी। वाड्रा ने कहा कि महिलाओं की साड़ी खींची गई उनके कपड़े फाड़े गए छोटा बच्चा था उस पर भी दबंगों को तरस नहीं आया किसी ने इस अत्याचार को रोका नहीं। सीओ ने बचाने की कोशिश की तो उस पर ही कार्रवाई कर दी गई। प्रशासन मौन खड़ा रहा। प्रियंका ने कहा एक छोटा सा काम ऐसी घटनाओं पर जो किया जाना चाहिए चुनाव को रद्द करना उसे भी नहीं किया गया। वाड्रा ने आरोप लगाया कि कोई भी आदमी 10 गुंडे लेकर इस तरह से दबंगई करेगा और चुनाव जीतकर चला जाएगा। क्या यही लोकतंत्र है क्या इस तरह का लोकतंत्र ही देश और प्रदेश में स्थापित होना चाहिए लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई गई हैं और प्रधानमंत्री भी योगी सरकार के पंचायत चुनाव में प्रदर्शन की तारीफ कर रहे हैं। वाड्रा ने कहा कि पंचायत चुनाव में कहीं हिंसा हुई है कई बम फूटे हुए कई गोलियां चली है तो कही अराजकता हुई है। कहीं नामांकन पत्र भरे गए हैं लेकिन किसी को कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा है वाड्रा ने जोर देकर कहा कि वह पचमा कांड में पीड़ित महिलाओं के साथ एक बहन की तरह खड़ी हैं और पूरे देश व प्रदेश की महिलाएं भी इस अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने के लिए तैयार हैं। इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधानमंडल दल के नेता आराधना मिश्रा मोना समेत तमाम कांग्रेसी नेता मौजूद रहे।
कार्रवाई की मांग की
प्रियंका ने कहा अगर इस तरह से महिलाओं के अधिकारों को कुचला जाएगा तो वह इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा अगर यही करना है तो फिर महिला आरक्षण क्यों किया गया। करीब 20 मिनट तक पीड़ित महिलाओं से मिलने के बाद वाड्रा ने मीडिया से भी मुलाकात की और कहा कि वह इस अत्याचार के खिलाफ खड़ी रहेंगी और वह मांग करती हैं यह चुनाव द्वारा रद्द होगा और जो लोग भी इस कांड में दोषी हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए।