अब कोरोना मरीजों को तनाव से मिलेगी मुक्ति होटल में रहकर करा सकेंगे इलाज

बिना लक्षण वाले रोगियों को अस्पताल और वार्ड का नहीं होगा झंझट
स्वास्थ्य विभाग कोविड होटलों का कर रहा इंतजाम, देना होगा शुल्क

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अब कोरोना मरीजों को इलाज कराने के तनाव से मुक्ति मिल सकेगी। एसिम्टेमेटिक (बिना लक्षण) मरीज अब होटल में भर्ती होकर इलाज करा सकेंगे। पति-पत्नी भी संग-संग इलाज करा सकेंगे। उन्हें अलग-अलग अस्पताल-वार्ड में भर्ती का झंझट नहीं रहेगा।
राजधानी में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। युवा और बुजुर्गों के अलावा अब यह बच्चों को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वायरस की चपेट में आने वाले बच्चों का प्रतिशत दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है। यह चार फीसदी से बढक़र नौ फीसदी तक पहुंच गया है। शहर में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। राजधानी में 19 सौ से अधिक मरीज संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। यहीं नहीं कई लोगों का पूरा परिवार इसकी गिरफ्त में आ चुका है। छोटे बच्चों से लेकर पति-पत्नी तक बीमार हो रहे हैं। इन मरीजों में वायरस तो है मगर कोई दिक्कत नहीं है। बावजूद, उन्हें अलग-अलग अस्पताल, वार्ड में भर्ती होना पड़ता है। ऐसे मरीज परिवार के सदस्यों को लेकर तनाव में रहते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने इलाज का पैटर्न बदलने का फैसला किया है। शहर के कई होटल को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करने का फैसला किया है। होटलों ने सहमति प्रत्र देना शुरू कर दिया है। मरीज सिंगल-डबल बेड रूम बुक कर पति-पत्नी व बच्चों संग इलाज करा सकते हैं।

2000 से लेकर 2400 का शुल्क तय

सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल के मुताबिक न्यूनतम 50 कमरों का होटल कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा। वहीं प्राथमिकता सौ बेड रूम वाले होटल्स को दिया जाएगा। इन होटल में एक बेड रूम वाले कक्ष का दो हजार व दो बेड रूम वाले कक्ष का 2400 रुपये शुल्क देना होगा। यह शुल्क होटल के चेक इन, चेक आउट के आधार पर होटल में पेड करना होगा। पूर्व में 46 होटल को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था।

अनलॉक के बाद तेजी से बढ़ा संक्रमण

अनलॉक होने के बाद से देश और प्रदेश में कोरोना की रफ्तार अचानक बढ़ गई। लोगों की लापरवाही ने संक्रमण को काफी बढ़ा दिया है। राजधानी में तमाम लोग कोरोना नियंत्रण के लिए बनाई गई गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं। बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा लोग मास्क का उपयोग करने से भी कतरा रहे हैं। इसके कारण संक्रमण तेजी से बढ़ा है।

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