कोका कोला में निकल रही है मक्खियां, बीमार हो सकते हैं पीकर
- पीड़ित ने संबंधित अधिकारियों को भेजी शिकायत
- उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत करने की तैयारी
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। अगर आप कोका कोला पीने जा रहे है तो सावधानी से पीजिएगा। कोका कोला में मरी हुई मक्खी या मच्छर भी हो सकते हैं और फिर उसके बाद आपकी सेहत बिगड़ भी सकती है। गोमती नगर निवासी अजीत सिंह के साथ ऐसे ही हुआ। आधी बोतल कोका कोला पीने के बाद उन्होंने देखा कि इसमें तो मक्खी है और वो भी एक नहीं, तीन-तीन। इस पर उन्होंने इसकी शिकायत अफसरों से की है। दरअसल, कोल्ड ड्रिंक की क्वालिटी को लेकर काफी दिनों से लोग कई बार शिकायतें कर चुके हैं। सामान्य चर्चा भी रही है कि कोल्ड ड्रिंक की डुप्लीकेट भी बाजार में आ रहे है। उनके स्वाद को लेकर भी लोगों की शिकायतें आती रहती है। मगर गोमती नगर निवासी अजीत सिंह तो कोल्ड ड्रिंक से कुछ ज्यादा ही नुकसान उठा गए। उन्होंने जब कोका कोला की बोतल खरीदी और पी तो अचानक उनकी निगाह बोतल पर पड़ी। उनको बोतल में कुछ काला काला नजर आया। जब गौर से देखा तो तीन चार मरी हुई मक्खी उसमें थी। इसके कुछ देर बाद उनकी उल्टियां शुरू हो गयी। पीड़ित अजीत सिंह का कहना था कि उनको लगा मानो मक्खी मुंह में आ गयी है। इसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गयी। उन्होंने इस मामले की शिकायत संबंधित अधिकारियों को भेजी है। अजीत सिंह ने कहा है कि वे उपभोक्ता फोरम में कोका कोला के खिलाफ इसकी शिकायत करेंगे। इस संदर्भ में एरिया के सेल्स हेड शिशिर ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में कम्पनी के लीगल एडवाइजर जवाब देंगे।
गड़बड़ी किसी भी स्तर पर हो सकती है, जहां से माल खरीदा गया उसकी जानकारी मिलने के बाद संबंधित एरिया की गोपनीय जांच कराएंगे। गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।
-एनडी खत्री, लीगल एडवाइजर, कोका कोला लखनऊ
बिना टेंडर नो पार्किंग से गाड़ी उठाने का ठेका, सीएम से शिकायत
- लखनऊ नगर निगम का नया कारनामा
- कांग्रेस और सपा ने नगर निगम पर साधा निशाना
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। नो पार्किंग से गाड़ी उठाने के लिए दिए गए ठेके को लेकर नगर निगम में बड़ा मामला सामने आया है। एक आरटीआई के जवाब में नगर निगम ने जो सूचना दी है उसने अधिकारियों की मंशा पर ही सवाल उठा दिए हैं। असल में नगर निगम ने एक निजी संस्था को बिना टेंडर ही नो पार्किंग से गाड़ी उठाने का ठेका दे दिया है। इसे लेकर ट्वीट करके मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव तक शिकायत की गई है। दूसरी तरफ विपक्ष के नेताओं का कहना है कि एजेंसी वसूली के लिए कहीं से भी मनमाने ढंग से गाड़ी उठा लेती है। दरअसल, 9 मार्च को एक व्यक्ति ने सूचना का अधिकार के तहत नगर निगम से जानकारियां मांगी थी। ये जानकारी नो पार्किंग से गाड़ी उठाने के ठेके से जुड़ी थी। 10 अगस्त को निगम के दिए जवाब में साफ है कि, नगर निगम ने ये काम मेसर्स ट्रिनिटी सर्विसेज संस्था को दिया है। इतना ही नहीं, इसके लिए कोई टेंडर नहीं हुआ, बल्कि कोटेशन के माध्यम से 8 फरवरी 2021 को मार्च 2022 तक के लिए किया गया।
कुछ भी नियम विरुद्ध नहीं किया गया है। टेंडर कॉल किया गया था लेकिन जब लोग नहीं आते तो आफर के माध्यम से करते हैं। ये सब कंपीटिटिव प्रोसेस से होता है।
अजय द्विवेदी, नगर आयुक्त
निगम ने नो पार्किंग जोन में चार पहिया वाहन उठाने का एक साल का ठेका एक निजी कम्पनी को कोटेशन पर दे दिया है, जो कि नियम विरूद्ध है। ये भ्रष्टाचार है या शिष्टाचार?
अखिलेश सिंह, पूर्व विधायक
नो पार्किंग के नाम पर निगम अपनी मनमानी करता है। वहीं गाड़ियां उठाने वाली संस्था की मनमानी से लोग परेशान हैं।
निधि यादव, सपा नेता