खत्म नहीं हो रहा विवाद

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को शपथ ग्रहण से पहले नए मंत्रियों से मुलाकात की। पशुपति पारस का नाम भी इस सूची में शामिल है। लेकिन चिराग पहले ही इस पर आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर पारस एलजेपी कोटे से केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बनते हैं तो फिर वह कोर्ट जाएंगे।
चिराग पासवान ने पीएम मोदी को फिर पत्र लिखकर कहा है कि पशुपति पारस अब उनकी एलजेपी का हिस्सा नहीं हैं। चिराग ने बिहार में आशीर्वाद यात्रा शुरू करते हुए अपने पटना आवास पर पीएम को पत्र लिखने की जानकारी दी। चिराग ने अपने चाचा पशुपति पारस पर मंत्री पद के लिए पार्टी को तोडऩे का भी आरोप लगाया है।
चिराग पासवान ने कहा कि पशुपति पारस को एलजेपी कोटे से केंद्रीय मंत्री बनाना संभव नहीं है। पार्टी के कार्यकारी बोर्ड ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। मैंने पत्र के माध्यम से पीएम को सूचित किया है। अगर उन्हें एलजेपी सांसद के रूप में मंत्री बनाया जाता है तो मैं कोर्ट जाऊंगा। अगर वह निर्दलीय सांसद या जदयू से मंत्री बनते हैं तो कोई दिक्कत नहीं है।
जाहिर है चिराग नहीं चाहते कि पारस को वह मिले जो वह किसी भी सूरत में चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने अपने भतीजे के साथ धोखा किया। यही वजह है कि चिराग ऐसी स्थिति में कोर्ट जाने की घोषणा कर रहे हैं। उन्हें पता है कि अगर मामला कोर्ट में जाता है तो पारस को मंत्री का पद मिलने के बाद भी दिक्कत होगी।
अब मोदी कैबिनेट के नए चेहरों के नाम खुलने में सिर्फ 5 घंटे बचे हैं। चिराग को भी अब इस बात का इंतजार है कि उनके चाचा पशुपति पारस को केंद्र में मंत्री पद मिल सकता है या नहीं। अगर ऐसा होता है तो फिर यह निश्चित माना जाएगा कि पारस के नेतृत्व वाली एलजेपी को भाजपा ने स्वीकार कर लिया है। ऐसी स्थिति में कम होने के बजाय चिराग की परेशानियां बढऩा निश्चित है। हालांकि अगर चिराग पासवान कोर्ट जाते हैं तो पशुपति पारस के लिए भी राह आसान नहीं होगी।

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